आपने अक्सर सुना होगा कि मानसून में हरी सब्जियों का सेवन सही नहीं होता है। पर प्रकृति हमारे स्वास्थ्य की ज्यादा परवाह करती है! यदि हरी सब्जियां बारिश में हमारे स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त नहीं हैं, तो प्रकृति उन्हें हमारे लिए पैदा नहीं करती। चूंकि मानसून में हवा और पर्यावरण में नमी मौजूद होती है। इसलिए यह बैक्टीरिया जैसे रोगजनकों के लिए प्रजनन स्थल बन जाता है।
हरी पत्तेदार साग, जो सबसे अधिक पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, विशेष रूप से मानसून की शिकार होती हैं। नमी होने के कारण बैक्टीरिया इन पर ग्रो करने लगते हैं।
प्रचलित धारणा के अनुसार, मानसून में साग से पूरी तरह बचने की सलाह दी जाती है। शाकाहार लोगों के लिए ये पत्तेदार सब्जियां कई प्रमुख पोषक तत्वों का प्राथमिक स्रोत हैं।
कुछ साग बारिश में ही उगते हैं और फलते-फूलते है। हमें केवल मौसमी साग का ही सेवन करना चाहिए और इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम उन्हें कहां से खरीदते हैं, किस प्रकार धोते हैं और खााते किस तरह हैं?
घर में उगाई गई सब्जियों का सेवन ऑर्गेनिक स्टोर से खरीदने की अपेक्षा हमेशा बेहतर विकल्प होता है।
नमक के पानी से धोना उन्हें कीटाणुरहित करने का एक प्राकृतिक और सुरक्षित तरीका है, लेकिन बेहतर सुरक्षा के लिए आप उन्हें ब्लैंच या स्टीम भी कर सकती हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया उस पर मौजूद नहीं हैं।
फल या सब्जियों का सेवन करते समय हमेशा इस महत्वपूर्ण नियम का पालन करें: यदि आप किसी विशेष मौसम में कुछ फलों और सब्जियों को उगते हुए देखती हैं, तो इसका मतलब है कि प्रकृति हमें उस मौसम में खाने के लिए ग्रीन सिग्नल दे रही है।
हमारा ध्यान हमेशा मौसमी और स्थानीय उपज पर होना चाहिए, क्योंकि यह प्रकृति द्वारा स्थानीय लोगों द्वारा खाए जाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह उनके शरीर के लिए उपयुक्त है। कच्चे भोजन को लिविंग माना जाता है और यह विटामिन और मिनरल्स से समृद्ध माना जाता है और पका हुआ भोजन अपने कुछ पोषक तत्वों को खो देता है, इसलिए मानसून के मौसम में इनसे बचना संभव नहीं है।
पारंपरिक ज्ञान यह बताता है कि कच्चे भोजन में प्राण या जीवन होता है, जो हमारे शरीर में स्थानांतरित होकर हमारे सभी अंगों की देखभाल करता है और हमारी प्रतिरक्षा को बढ़ाता है। इसलिए हमारा आहार हर दिन पोषक तत्वों और फाइबर से भरपूर होना चाहिए।
हम इसकी अधिकतम मात्रा साग, फलों और सब्जियों में पाते हैं। इनकी कमी से कब्ज हो सकता है, जिसके कारण हमारे शरीर में एसिडिटी, इन्फ्लेमेशन, ब्लोटिंग, वाटर रिटेंशन आदि समस्याएं हो जाती है।
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कस्टमाइज़ करेंसर्दियों और मानसून में हम अक्सर बीमार पड़ जाते हैं। सर्दी, खांसी, बुखार, मलेरिया आदि होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। लेकिन इन बीमारियों पर पूरे साल ध्यान देने की जरूरत है।
नियमित रूप से विटामिन बी12 और डी3 स्तरों की जांच करते हुए हमारे लिए यह जानना जरूरी है कि हमारे पास अपनी इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए आवश्यक बिल्डिंग ब्लॉक्स हैं। हमें ऐसे साग-सब्जियों और फलों का प्रयोग करना चाहिए, जो मौसमी और स्थानीय रूप से उगाई जाती हैं।
अलग-अलग तरह के कद्दू, लौकी, खरबूजे, आम आदि मौसमी सब्जियां और फल हैं, जो स्थानीय तौर पर उगाई जाती हैं और सुरक्षित भी हैं। अपने आप को पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों से वंचित न करें, जो शरीर के लिए आवश्यक और मौसमी रूप से उपयुक्त हैं।
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