मार्केट में आपको कई प्रकार की ब्रेड मिलती हैं, जिन्हे आप अपनी पसंद से लेते हैं। अलग-अलग सामग्रियों का इस्तेमाल कर आप सैंडविच, गार्लिक ब्रेड, टोस्ट, ब्रेड पकौड़ा, ब्रेड पुलाव जैसे स्वादिष्ट व्यंजन बनाती हैं। होल व्हीट ब्रेड, व्हाइट ब्रेड, स्वीट ब्रेड, कॉर्नब्रेड, फ्लैटब्रेड, आदि कुछ आम ब्रेड के प्रकार हैं। लेकिन अगर आप फिटनेस फ्रीक हैं, तो आपको पता होगा कि ब्रेड की सारी वैरायटी हेल्दी नहीं होती।
इसके बावजूद अगर आप हर रोज़ जल्दबाजी में नाश्ते में सिर्फ ब्रेड खा रहीं हैं, तो ये लेख आप ही के लिए है।
व्हाइट ब्रेड के लगातार सेवन से आप मोटापे की शिकार हो सकती हैं। इसमें मौजूद केमिकल्स, प्रिजर्वेटिव्स और अधिक चीनी आपको मोटा बना सकती है। ब्रेड बहुत रिफाइंड होती है और अधिक ग्लाइसेमिक इंडेक्स होने के कारण यह आपके शरीर में शुगर के स्तर को भी बढ़ाती है। यदि आप रोज ब्रेड खाती हैं, तो आपको एसिड रिफ्लक्स, ब्लोटिंग और कब्ज जैसी पेट की समस्याएं हो सकती हैं। इसमें अधिक मात्रा में स्टार्च पाया जाता है जो आपके वजन को बढ़ा सकता है।
कम मात्रा में फाइबर होने के कारण यह आपके पाचन को कमजोर कर देता है। यह न केवल पेट की समस्याओं का कारण बनता है, बल्कि आपके वजन को भी बढ़ाता है।
जितनी स्वादिष्ट आपको ब्रेड और उससे बने व्यंजन लगते हैं, आपकी सेहत के लिए यह उतना ही हानिकारक है। जी हां, ब्रेड को बनाने की प्रक्रिया में यह अपने फाइबर, विटामिन ओर मिनरल खो देता है। ये पौष्टिक तत्व केवल चीनी में परिवर्तित हो जाते हैं, जो निश्चित रूप से आपके शरीर को प्रभावित करते हैं। यही कारण है कि ब्रेड के लगातार या रोजाना सेवन से आपको मधुमेह होने का खतरा हो सकता है।
ब्रेड आपके शरीर में आसानी से नहीं टूटता या मिलता है। यही कारण है कि लंबे समय में इसमें हृदय को बंद करने और थक्का जमने का खतरा बढ़ जाता है। इसके परिणामस्वरूप आप हार्ट अटैक या अन्य हृदय रोगों के मरीज बन सकते हैं।
भले ही ब्रेड खाने में स्वादिष्ट हो, लेकिन यह आपके मूड को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है। जून 2015 में अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित नए शोध में रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट यानी ब्रेड की खपत और अवसाद के बीच एक कड़ी मिली है।
जिस हार्मोनल बदलाव के कारण आपके रक्त शर्करा के स्तर में परिवर्तन होता है, वही आपके मिजाज को भी प्रभावित करता है। रोजाना ब्रेड के सेवन से आपको थकान और अवसाद के अन्य लक्षणों का अनुभव हो सकता है।
व्हाइट ब्रेड में अत्यधिक रिफाइंड मैदा और एडिटिव्स होने के कारण यह अस्वस्थ विकल्प है। बहुत अधिक व्हाइट ब्रेड खाने से आपको मोटापा, हृदय रोग और मधुमेह हो सकता है। लेकिन अगर आप होल व्हीट या ब्राउन ब्रेड खाने के बारे में सोच रहीं हैं, तो भी संभल जाइए!
इसका पहला घटक “होल व्हीट” को ध्यान में रखकर ब्रेड खरीदना अभी भी एक स्वस्थ उत्पाद की गारंटी नहीं देता है। यह केवल पहली सामग्री है। इसमें भी 20 से अधिक सामग्री हो सकती है, जिसमे प्रिजर्वेटिव्स और अधिक नमक तथा चीनी शामिल है। ये आपकी हेल्दी डाइट का समर्थन नहीं करते।
प्रिजर्वेटिव ब्रेड को ज्यादा समय तक ताजा रखने में मदद करता है। लेकिन यह आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाता है। आप कम प्रिजर्वेटिव वाले ब्रेड को ताजा रखने के लिए अपने फ्रिज में भी स्टोर कर सकते हैं। यह ताजगी बनाए रखने के साथ आपकी सेहत को उतना प्रभावित नहीं करता है।
कई प्रकार के ब्रेड में कारण कॉर्न सिरप होता है जिससे आपको बचना चाहिए। यह ब्रेड में मौजूद अधिक शक्कर का संकेत है। इसके लिए आप ‘ओज’ अक्षर से समाप्त होने वाली सामग्री से पहचान कर सकते हैं। जैसे सुक्रोज, ग्लूकोज और फ्रुक्टोज।
अंकुरित अनाज से बना ब्रेड यानि स्प्राउटेड ग्रेन ब्रेड सबसे अच्छा विकल्प है। जब अनाज अंकुरित होता है, तो उसके पोषक तत्वों को पचाना आसान हो जाता है। यह प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी, फोलेट और अन्य पोषक तत्वों का बेहतर स्रोत हो सकता है।
इसमें उच्च फाइबर होने के कारण आपका पाचन स्वस्थ रहता है। इसके केवल अंकुरित अनाज और बिना आटे के बनाया जाता है। ग्लूटन फ्री डाइट का पालन करने वाले लोगों के लिए ये बेस्ट ऑप्शन हो सकता है। आपको स्प्राउटेड ग्रेन ब्रेड को फ्रिज या फ्रीजर में रखकर स्टोर करना चाहिए।
तो लेडीज, ब्रेड को अपनी डेली डाइट का हिस्सा बनाने से पहले इनके हेल्थ डेंजर के बारे में सोचिए। इसके अलावा कुछ हेल्दी ब्रेड का ही सेवन करें।
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