दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं। एक वो जिन्हें ड्राई फ्रूट्स खाना नहीं पसंद होता है और दूसरे वो जो इन्हें शौक से खाते हैं। आप इनमें से कोई भी हों, इस बात को ज़रूर मानेंगे कि सभी नट्स बहुत हेल्दी होते हैं। जब भी सूखे मेवे खाने की बात आती है तो कुछ लोग इन्हें भिगोकर खाना पसंद करते हैं, तो कुछ ऐसे ही छिलके के साथ (soaked or raw almonds)।
ऐसे में अक्सर देखा गया है कि लोग बादाम को भिगोकर और उसके बाद इसका छिलका उतारकर खाते हैं। यह बादाम को खाने का पुराना तरीका है जो दादी – नानी के जमाने से चला आ रहा है। मगर यह जानना ज़रूरी है कि सेहत के लिए क्या बेहतर है – बादाम छिलके समेत खाना या भिगोने के बाद छिलका उतारकर (almonds with or without skin)?
तो चलिये आज इस लेख के माध्यम से यह जानने की कोशिश करेंगे कि आपके और हमारे स्वास्थ्य के लिए क्या बेहतर है? बादाम को उसके अंदरूनी मुलायम छिलके समेत खाना या भिगोने के बाद छिलका उतारकर। चलिये पता करते हैं।
इस बारे में अधिक जानने के लिए हमने नारायण हृदयालय मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल अहमदाबाद, की सीनियर क्लिनिकल डायटीशियन, श्रुति भारद्वाज, से बात की। उनका मानना है कि भीगे हुए बादाम नरम और पचाने में आसान होते हैं। साथ ही, यह पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद करते हैं।
श्रुति कहती हैं, “कच्चे बादाम खाने की तुलना में बादाम को भिगोने से हमारे शरीर द्वारा अवशोषित पोषक तत्वों और विटामिन की मात्रा बढ़ जाती है। भीगे हुए बादाम बेहतर होते हैं क्योंकि बादाम के छिलके में टैनिन होता है, जो पोषक तत्वों के अवशोषण को रोकता है। बादाम को भिगोने से छिलका उतारना आसान हो जाता है, जिससे मेवे सभी पोषक तत्व आसानी से छोड़ देते हैं।”
भीगे हुए बादाम खाना इसलिए भी बेहतर है क्योंकि बुढ़ापे में जब पाचन संबंधी समस्याएं और दांतों की समस्या बढ़ जाती है, तब भिगोने की प्रक्रिया उन्हें नरम और पचाने में आसान बनाने में मदद करती है।
पाचन की दृष्टि से भीगे हुए बादाम बेहतर होते हैं। हम जो कुछ भी भिगोते हैं, चाहे वह बादाम हो या कोई अन्य चीज, पाचन तंत्र को पचाने के लिए वह आसान हो जाता है। बादाम एंटीऑक्सिडेंट का एक समृद्ध स्रोत है और जब हम उन्हें भिगोते हैं, तो इनका लाभ कई गुना बढ़ जाता है।
जब हम बादाम को भिगोते हैं, तो यह लाइपेस जैसे कुछ एंजाइम छोड़ता है जो हमारे चयापचय को बढ़ावा देता है और वजन घटाने में सहायता करता है।
जब हम बादाम को बिना भिगोए खाते हैं, तो उनमें मौजूद फाइटिक एसिड नहीं हटता है। जो अंततः पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डालता है। इसलिए यदि आप कच्चे बादाम खा रहे हैं, तो उनमें मौजूद जिंक और आयरन शरीर द्वारा ठीक से उपयोग नहीं किया जाता है।
एक कप पानी लें और उसमें एक मुट्ठी बादाम भिगो दें। कप को ढककर छह से आठ घंटे के लिए बादाम इसी में रहने दें। अगली सुबह, पानी निकाल दें और छील लें। बेहतर होगा कि आप हर दिन इन्हें ताज़ा भिगोएं और सेवन करें। ताज़ा खाना सेहत के लिए एक अच्छी आदत है।
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