प्रेगनेंसी एक ऐसा समय होता है, जब आपको कुछ भी खाने की क्रेविंग हो सकती है। वहीं ये डर भी लगता है कि कहीं कोई भी फूड बेबी को नुकसान न पहुंचा दे। आम धारणा है कि कुछ फूड्स का गर्भावस्था में सेवन नहीं करना चाहिए। यही बात बहुत सारी महिलाएं फालसे के बारे में पूछना चाहती हैं। तो निश्चिंत रहिए, क्यों गर्भावस्था में फालसा के सेवन के बारे में आपके सभी सवालों के जवाब यहां हैं। आइए जानते हैं कि क्या प्रेगनेंसी में फालसा खाना सुरक्षित है या नहीं साथ फालसा के कुछ स्वास्थ्य लाभ भी (Phalsa benefits in pregnancy)?
फालसा गर्मियों में मिलने वाला फल है, खासकर मई और जून के महीने में यह देखने को मिलता है। इसकी तासीर ठंडी होती है। फालसा (Phalsa) महत्वपूर्ण पोषक तत्वों और तरल पदार्थ का अच्छा स्रोत है। इसलिए गर्मियों के मौसम में इसका सेवन डिहाइड्रेशन से बचाता है। फालसा स्वास्थ्य के लिए तभी फायदेमंद होता है, जब यह पूरी तरह फ्रेश रहे। यह ज्यादा दिन तक ताजा नहीं रहता। इसलिए इसे अपनी लोकल मार्केट से खरीदना ही फायदेमंद होगा।
फालसा में मौजूद प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, डाइटरी फाइबर और कैल्शियम सेहत के लिए अत्यधिक फायदेमंद होता हैं। साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो इंफेक्शन और एलर्जी से निजात पाने में मदद करता है। पोषक तत्वों से भरपूर यह फल शरीर में पोषण (nutrition) की कमी को पूरा करता है। फालसा में पोटैशियम, सोडियम विटामिन ए, विटामिन बी1, विटामिन बी2, विटामिन बी3 और विटामिन सी का महत्वपूर्ण स्रोत है।
बहुत की महिलाएं मिसकैरेज के डर से गर्भावस्था (pregnancy) में फालसा (Phalsa) का सेवन नहीं करती है। परंतु अभी तक वैज्ञानिक तौर पर इसे साबित नहीं किया गया है। यह केवल एक भ्रामक अवधारणा है, जो लोगों ने अपने मन में बिठा रखी है। सीमित मात्रा में ताज़ा फालसे का सेवन गर्भावस्था में पूरी तरह सेफ है। फालसा में मौजूद एंटी फंगल और एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज प्रेग्नेंट महिलाओं को इंफेक्शन और सूजन से बचने में मदद करती हैं।
पब मेड की एक रिसर्च में देखा गया है कि फालसा में ऐसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए अत्यधिक जरुरी हैं। फ्रेश फालसा में फ्रोजेन फालसा की तुलना में एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा अधिक होती है। अध्ययन के अनुसार फ्रेश फालसा में बीमारियों से लड़ने की अधिक क्षमता होती है।
वहीं इसकी पत्तियों में भी पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। पब मेड के रिसर्च के अनुसार फालसा में एंटी कैंसर प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। यह लिवर और ब्रेस्ट कैंसर में फायदेमंद होते है। इसके औषधीय गुण कैंसर, डायबिटीज, फीवर, प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली समस्यायों से बचाव में कारगर हैं। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स लो है, जो ब्लड शुगर को बढ़ने से रोकता है। आयुर्वेद में सालों से इसका दवाइयां बनाने में इसका प्रयोग किया जाता रहा है।
फालसा में मौजूद पोटेशियम और फास्फोरस ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने का काम करते है। प्रेगनेंसी में ब्लड प्रेशर का नियंत्रित रहना बहुत जरूरी है, क्योंकि अनियंत्रित ब्लड प्रेशर कई गंभीर परेशानियों का कारण बन सकता है।
फालसा में ग्लाइसेमिक लेबल बहुत कम होता है। जिसके कारण यह आपके शरीर में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखता है। यदि किसी प्रेग्नेंट महिला को डायबिटीज है, तो उनके लिए यह फल अत्यधिक फायदेमंद रहेगा। प्रेगनेंसी (pregnancy) के दौरान महिलाओं के शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से बच्चों के हार्ट पर असर पड़ता है। ऐसे में खाने के बाद फालसा का जूस पीने से शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में मदद मिलेगी।
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को डाइजेशन से जुड़ी कई तरह की समस्याएं होती हैं। फालसा में पर्याप्त मात्रा में फाइबर (nutrition) पाया जाता है, जो आपकी पाचन क्रिया को मजबूत बनाए रखता है। नियमित रूप से फालसा का सेवन आपको कब्ज, एसिडिटी और गैस जैसी पाचन संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करेगा।
एनीमिया और खून की कमी आमतौर पर सभी प्रेग्नेंट महिलाओं में देखने को मिलती हैं। प्रेगनेंसी में फालसा में मौजूद आयरन शरीर में खून की कमी को पूरा करते हैं (falsa benefits in pregnancy)। नियमित रूप से फालसा का सेवन शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है। क्योंकि यह ब्लड वेसल्स में कोलेस्ट्रॉल जमा होने से रोकता है।
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कस्टमाइज़ करेंठंडी तासीर वाला यह फल शरीर को ठंडा रखने का काम करता है। तरल पदार्थ से भरपूर फालसा (falsa) आपको लंबे समय तक हाइड्रेटेड रखता है। फालसा में पर्याप्त मात्रा में कैलोरी पाई जाती है, जो शरीर को इंस्टेंट एनर्जी प्रदान करती हैं। प्रेगनेंसी (pregnancy) में फालसा का सेवन कमजोरी को काम करने का काम करता है।
प्रेगनेंसी में सांस फूलना और सांस से संबंधित अन्य समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में फालसा का सेवन आपको इन सभी समस्याओं से दूर रखने का काम करेगा। फालसा में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज लंग्स के इन्फ्लेमेशन को कम करती हैं। प्रेगनेंसी के दौरान फालसा का सेवन सर्दी-खांसी और अस्थमा जैसी समस्याओं में राहत दे सकता है।