सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है, ऐसे में आपको मार्केट में हर जगह हरी सब्जी देखने को मिल जाती है। इस मौसम में हरी मटर का भी बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। अधिकतर घरों में सुबह के ब्रेकफास्ट में हरी मटर का सेवन किया जाता है। मटर की सब्जी से लेकर मटर के परांठे तक सर्दियों की फेवरेट डिश माने जाते हैं। लेकिन क्या रोज हरी मटर का सेवन करना सही है? अगर हां, तो कितनी मात्रा में रोज सेवन किया जा सकता है?
इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए हमनें बात कि न्यूट्रीफाई बाई पूनम डाइट एंड वैलनेस क्लिनिक एंड अकेडमी की डायरेक्टर पूनम दुनेजा से। जिन्होंने इस विषय पर हमसें जरूरी जानकारी साझा की।
हरी मटर के पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें फाइबर और विटामिन-सी होने के साथ एंटीऑक्सिडेंट, कार्बोहाइड्रेट्स होता है। साथ ही इसमें प्रोटीन की भी ज्यादा मात्रा शामिल होती है। उदाहरण के लिए जैसे कि आधा कप उबली हुई गाजर में सिर्फ 1 ग्राम प्रोटीन होता है। जबकि आधा कप मटर में इसका चार गुना प्रोटीन होता है। यें सभी पोषक तत्व सही मात्रा में हमारी डेली डाइट में होने जरूरी होते हैं। लेकिन अगर शरीर में इन पोषक तत्वों की मात्रा जरूरत से ज्यादा होती है, तो यें कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन जाते हैं।
यह भी पढ़े – पार्टी में ज्यादा पी ली? तो अगली सुबह हैंगओवर से बाहर आने में मदद करेंगे यह 5 फूड्स
ब्लड में ग्लूकोस की मात्रा बढ़ने से ब्लड शुगर लेवल का संतुलन बिगड़ सकता है। हरी मटर का ज्यादा सेवन आपकी डायबिटीज का कारण भी बन सकता है।
डायटिशियन पूनम दूनेजा के अनुसार हरी मटर में अधिक मात्रा में शुगर और स्टार्च पाया जाता है। अगर इसे जरूरत से ज्यादा मात्रा में लिया जाए, तो यह आपके शुगर बढ़ने का कारण बन सकता है। इसके साथ ही इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी हाई होता है। इसलिए डायबिटीज से ग्रस्त लोगों को इसका कम मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।
हरी मटर में ‘विटामिन के’ की मात्रा भी ज्यादा होती है, जिसके कारण चोट ठीक होने में ज्यादा समय लग सकता है। विटामिन के होने के कारण यह खून को पतला करता है, जिससे घाव भरने में समय लग सकता है।
शरीर में प्लेटलेट्स कम होने पर व्यक्ति को इंटरनल ब्लीडिंग भी हो सकती है। एक्सपर्ट के अनुसार हरी मटर में विटामिन के की मात्रा ज्यादा होने के कारण यह आपके प्लेटलेट्स में कमी ला सकती है। साथ ही इसके कारण आपको हैवी ब्लड लॉस भी झेलना पड़ सकता है।
मटर में कार्बोहाइड्रेट और फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। जिससे जरूरत से ज्यादा मटर का सेवन पेट की समस्याओं की वजह बन सकता है। डायटिशियन पूनम दूनेजा के मुताबिक अगर आप बहुत ज्यादा मात्रा में मटर का सेवन कर रही हैं, तो इसके कारण आपको ब्लोटिंग, कब्ज और गैस जैसी समस्याएं हो सकती है।
अगर आप वेट लॉस जर्नी पर हैं, तो आपको हरी मटर को सही मात्रा में ही अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। न्यूट्रीशनिस्ट पूनम दूनेजा कहती हैं कि जिस प्रकार हरी मटर डायबिटीज बढ़ने का कारण बन सकती है, उसी तरह कार्बोहाइड्रेट्स, फाइबर और प्रोटीन की शरीर में ज्यादा मात्रा होने पर यह आपके वजन बढ़ने का कारण भी बन सकती है।
किसी भी चीज को जरूरत से ज्यादा मात्रा में लेने से उसके नुकसान झेलने पड़ते हैं। ऐसे ही हरी मटर का जरूरत से ज्यादा सेवन भी आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि फिर कितनी मात्रा में हरी मटर का सेवन करना चाहिए?
इस प्रश्न पर डायटिशियन पूनम दूनेजा का कहना है कि वैसे तो हरी मटर सेहत के लिए बेहतरीन आहार है, लेकिन प्रतिदिन में 50 ग्राम से ज्यादा मात्रा का सेवन करने से यह सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है।
यह भी पढ़े – क्या आपको भी लगता है कि खाना खाने के साथ पानी नहीं पीना चाहिए? जानिए इस बारे में एक्सपर्ट क्या कह रहीं हैं
हेल्थशॉट्स पीरियड ट्रैकर का उपयोग करके अपने
मासिक धर्म के स्वास्थ्य को ट्रैक करें