आम फलों का राजा है और गर्मियों में आम खाना किसे पसंद नहीं होता है! मगर आम से जुड़े मिथ की वजह से आजकल लोगों ने इसे खाना छोड़ दिया है। खासकर जो लोग हेल्थ कॉन्शियस हैं और अपना वज़न कम करने की कोशिश कर रहे हैं।
ऐसा माना जाता है कि आम अनहेल्दी होते हैं। लेकिन हकीकत में यह फल विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट के साथ-साथ कार्बोहाइड्रेट और नेचुरल शुगर से भरपूर होता है।
2017 में फूड एंड फंक्शन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, आम में सूक्ष्म पोषक तत्व, फाइटोकेमिकल्स और बायोएक्टिव यौगिक चयापचय और सूजन संबंधी विकारों के जोखिम को कम कर सकते हैं।
अगर आपको भी आम खाना बहुत पसंद है और इससे जुड़ें मिथ की वजह से आपने इसे खाना छोड़ दिया है, तो आपको इन मिथ के बारे में ज़रूर जानना चाहिए –
आम में कैलोरी और फ्रूट शुगर की मात्रा अधिक होती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अगर आप इन्हें खाते हैं, तो आपका वजन बढ़ जाएगा। यह फल विटामिन A, विटामिन C, आयरन, पोटैशियम, कॉपर और मंगिफेरिन, कैटेचिन और क्वेरसेटिन जैसे बायोएक्टिव यौगिकों से भी भरपूर होता है।
इन सभी की आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में आवश्यकता होती है। तो जब तक आप उन्हें ‘बिंज’ नहीं करते हैं, तब तक आम वास्तव में पौष्टिक होते हैं।
यह हम सभी को लगता है कि आम खाने से शरीर की गर्मी बढ़ सकती है और आपकी त्वचा पर पिंपल्स हो सकते हैं। लेकिन आम में पाए जाने वाले विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट वास्तव में त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छे होते हैं। यदि आप उचित मात्रा में खाएंगे तो मुंहासे नहीं होंगे। दिन में एक दो आम आप आराम से खा सकते हैं।
विशेषज्ञ मधुमेह रोगियों को 55 से कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) वाले फल खाने की सलाह देते हैं। आम का जीआई 51 होता है, और इसलिए यह रक्त शर्करा को अत्यधिक प्रभावित नहीं करता। मधुमेह रोगियों के लिए सुबह के समय आम के छोटे हिस्से का सेवन करना सुरक्षित है। हालांकि, आम का अत्यधिक सेवन मधुमेह के रोगियों के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है और इससे हर कीमत पर बचना चाहिए।
लोग ऐसा मानते हैं कि आम की तासीर गर्म होती है। मगर कुछ भी खाने से आपके शरीर में गर्मी पैदा होती है, क्योंकि आपका मेटाबॉलिक सिस्टम भोजन को पचाने और उसे ऊर्जा में बदलने में व्यस्त होता है। इसलिए, कई अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक गर्मी उत्पन्न कर सकते हैं। परंतु आम को ठंडे पानी में भिगोने से भी इसके शीतलन प्रभाव को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
आम स्वास्थ्य लाभ से भरपूर होते हैं और निश्चित रूप से गर्भवती महिलाओं को इस फल के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इस मिथ के मौजूद होने का एकमात्र कारण यह है कि गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ना और गर्भकालीन मधुमेह प्रमुख समस्याएं हैं। गर्भवती महिलाओं को इनमें से कोई भी समस्या होने पर ही आम खाने से बचना चाहिए। नहीं तो दिन में आम के छोटे-छोटे टुकड़े खाए जा सकते हैं।
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