बचपन से ही दही यानि कर्ड हमारी थाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। रंग-बिरंगी सब्जियों से साथ सफेद रंग में नज़र आने वाला दही न सिर्फ खाने स्वाद एड करता है, बल्कि यह आपको कई पोषक तत्व भी प्रदान करता है। कर्ड के बाद अब बारी आती है योगर्ट की। देखने में दोनों ही एक समान लगते हैं। दोनों ही डेयरी उत्पाद(Dairy products) हैं, मगर फिर भी दही और योगर्ट (Curd vs Yogurt) में कई अंतर हैं। तो आइए जानते है इनके बनने से लेकर पोषण स्तर(Nutrition value) तक सब कुछ जानते हैं मनिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा से इस लेख में।
डॉ अदिति कहती हैं, “दही और योगर्ट दोनों को ही बकरी, भैंस और गाय के दूध से तैयार किया जाता है। मगर फिर भी अधिकतर लोग इन दिनों फिटनेस फ्रीक हो चुके है, जो योगर्ट को अपनी डेली डाईट(Daily diet) का हिस्सा बना रहे हैं। भले ही दही और योगर्ट देखने में एक जैसे लगते हों, मगर उनके स्वाद, बनाने के तरीके, फायदे और न्यूट्रिशन वैल्यू(nutrition value) तक इनमें कई अंतर पाए जाते हैं। ऐसे में योगर्ट को एक बार ट्राई तो ज़रूर करना चाहिए।” खैर, जानते हैं इनमें पाए जाने वाले अंतर।
दही हमारी डेली डाइट का एक अहम हिस्सा है, जिसको जमाने के लिए हम हल्के गरम दूध में खट्टा दही या नींबू मिलाकर जमाते हैं। इसके बाद उसे ढककर रख देते हैं। दही को जमने में करीबन 5 से 7 घंटे का वक्त लगता है। जो मौसम पर भी निर्भर करता है।
वहीं, दूसरी ओर योगर्ट को बनाने के लिए आर्टिफिशियल फर्मेंटेशन प्रोसेस से होकर गुज़रना पड़ता है। इसके चलते दही और योगर्ट दोनों अलग हो जाते हैं। इतना ही नहीं, योगर्ट में फ्लेवर एड करने के लिए उसमें कुछ फलों को मिला दिया जाता है। इसमें आपको आम, सेब, केला, चीकू, और कीवी समेत कई फ्लेवर मिल सकते हैं।
इस बारे में मनिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा का कहना है कि दही पोषण का भंडार है। इसमें विटामिन्स, प्रोटीन, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसे हम 7 से 8 घंटे के भीतर जमा सकते हैं। दही को आप आसानी से घर पर भी जमा सकते हैं। वहीं योगर्ट को कमर्शियल तरीके से बनाया जाता है। हांलाकि योगर्ट का प्रोटीन लेवल ज्यादा है। मगर दोनों ही गट फ्रेंडली बैक्टीरिया है। दही को हम आमतौर पर कई रेसिपीज में इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं योगर्ट को आप उतनी आसानी से प्रयोग में नहीं ला सकते हैं। अगर आप इसके प्रोटीन लेवल को देखकर इस्तेमाल करना भी चाहते हैं, तो फलेवर्ड योगर्ट लेने से बचें।
डॉ अदिति शर्मा बताती हैं, “लोग हर मौसम में दही खाना पसंद करते हैं, जिसका स्वाद हल्का खट्टा रहता है। कुछ लोग इसमें वेजिटेबल मिलाकर बनाते हैं, तो कुछ पकौड़ियों को दही में मिलाकर खाना ज्यादा पसंद करते हैं। दरअसल, दही में लैक्टोबैसिलस नाम के हेल्दी बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो शरीर को कई बीमारियों से बचाने में कारगर साबित होते हैं। दही में कैल्शियम, आयरन, विटामिन और पोटेशियम पाए जाते हैं। एक बाउल दही में 60 कैलोरीज पाई जाती हैं।”
जबकि योगर्ट में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। ऐसे में योगर्ट का भी पोषण स्तर बढ़ जाता है। इसके अलावा योगर्ट में सोडियम, विटामिन ए और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। योगर्ट स्वाद में हल्की खटास लिए हुए दही से ज्यादा मीठा होता है। एक बाउल योगर्ट में 100 कैलोरीज़ पाई जाती है।
दही हमारे पाचनतंत्र को दुरूस्त करता है और शरीर में तंदरूस्ती बनी रहती है। दही हमारी हड्डियों और दांतों को मज़बूती प्रदान करता है। इसके अलावा आपको अपने अंदर चुस्ती फुर्ती का एहसास होता है।
योगर्ट के नियमित सेवन से वज़न घटाने में मदद मिलती है। इसके अलावा ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को भी योगर्ट सामान्य रखने में सहायक होता है। अगर आपको लैक्टोज प्रोडक्टस को खाकर पाचन संबधी दिक्कत आती है यां किसी प्रकार की एलजी हो जाती है, तो ऐसे में योगर्ट आपके लिए एक सटीक विकल्प है। योगर्ट ओस्टियोपोरोसिस और गठिया समेत कई रोगां में लाभकारी सिद्ध होता है।
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