सर्दियों के मौसम में अमरूद ( guava ) फलों का राजा माना जाता है और इसके पीछे का कारण इसके स्वास्थ्य ( health benefits of guava ) से जुड़े लाभ है। आमतौर पर अमरूद बाजारों में नवंबर के अंत में आ जाते हैं और पूरे सर्दी के मौसम खूब पसंद किए जाते हैं। आयुर्वेद में अमरूद को ‘अमृत’ के नाम से जाना जाता है क्योंकि इसके गुण अमृत के समान है । आयुर्वेद ( Ayurveda ) में अमरूद के फल को कच्चा और पका हुआ दोनों प्रकार से उपयोग में लाया गया है. उसके बाद भी अमरूद से जुड़े कई मिथ लोगों को भ्रमित करते चले आए हैं और आज भी कर रहे हैं।
पेट के लिए अमरूद ( Guava for gut health ) काफी फायदेमंद है यह बात किसी से छुपी नहीं है। हालांकि कई लोग अमरूद का सेवन थोड़ा बच के करते हैं क्योंकि उन्हें कुछ दुष्प्रभाव का डर सताता है। आज हम आपको अमरुद से जुड़े कुछ फैक्ट और मिथ के बारे में बताएंगे। मगर पहले अमरूद के बारे में थोड़ी जानकारी ले लेते हैं।
भारतीय बाजारों में मिलने वाला अमरूद एक सामान्य फल है। इसके पेड़ लगभग हर जगह हो जाते हैं खासकर ग्रामीण इलाकों में। भारत में सदियों से इस फल का उपयोग किया जा रहा है। हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि इसे अमेरिका से यहां पुर्तगीज ( Portuguese ) लोग लेकर आए थे। हालांकि आयुर्वेद के अनुसार प्राचीन काल से अमृत के नाम से यह जाना जाता है। स्वाद की बात करें तो अमरूद का स्वाद तीन प्रकार का होता है जिसमें खट्टा, मीठा और फीका शामिल हैं। स्वादिष्ट होने के साथ साथ अमरूद का औषधीय गुण ( medicinal properties of guava ) बहुत पौष्टिक होता है।
अमरूद का लैटिन नाम ‘Psidium guajava’ और और इसके कुल का नाम Myrtaceae है। भारत की अलग-अलग भाषाओं में अमरूद को अलग अलग नाम से जाना जाता है कि हिंदी में ऐसे अमरूद कहा जाता है।
यह मिथक ज्यादातर फलो को लेकर है अमरुद विटामिन सी और अन्य खनिजों का एक समृद्ध दरिया है। अमरूद में कई अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जो हमारे प्रतिरक्षा का निर्माण करते हैं और इसलिए हमें खांसी और सर्दी से लड़ने में मदद करते हैं।
यह अमरुद को लेकर एक ऐसा मिथ है जो डायबिटीज के रोगियों को अमरुद के गुडनेस से दूर कर देता है। अगर आपको डायबिटीज की समस्या है तब भी आपका डाइटिशियन आपको दिन में दो फल खाने की सलाह देता है आप उसमें अमरूद को शामिल कर सकते हैं। हालाकि किसी भी मीठी चीज का ज्यादा सेवन आप को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि आप अमरूद का सेवन नहीं कर सकते हैं।
कम पका हुआ अमरुद अक्सर स्वाद में उतना मीठा नहीं होता है और डायबिटीज के रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद है। एनसीबीआई पर मौजूद रिपोर्ट के अनुसार अमरूद डायबिटीज कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभा सकता है।
फाइबर पेट की सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं यह हमारे पाचन तंत्र को मजबूत करने का काम करते हैं। आयुर्वेद में अमरुद को पाचन की कई दवाइयों में इस्तेमाल किया जाता है खासकर अमरूद की पत्तियों को। हालाकि फाइबर का ज्यादा सेवन सेहत के लिए अच्छे नहीं, लेकिन नियमित मात्रा में इसका सेवन बहुत जरूरी है
भले ही अमरूद के अनेक फायदे हैं लेकिन इसका ज्यादा सेवन स्वास्थ्य से जुड़े समस्याओं को जन्म दे सकता है। अमरूद में फाइबर पर्याप्त मात्रा में होते हैं। महिलाओं को दिन में 28 और पुरुषों को दिन में 32 फाइबर लेने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा मीठे अमरूद कैलोरी में ज्यादा होते हैं। जिसके कारण वजन भी बढ़ सकता है।
अमरूद का सेवन करने का सबसे अच्छा समय सुबह और शाम को हल्के पेट पर होता है क्योंकि इस समय आपके शरीर को ग्लूकोज और ऊर्जा की आवश्यकता अधिक होती है। रात के खाने के बाद सोते समय फल खाने से आपके सिस्टम में केवल अधिक कैलोरी लोड होती है, जिससे वजन बढ़ता है।
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