विटामिन और मिनरल्स से भरपूर एप्रीकॉट शरीर को पोषण प्रदान करने में मदद करता है। इसे फल और ड्राइर्ड दोनों तरीकों से आहार में शामिल किया जाता है। नेचुरल मिठास लिए इस फल का सेवन करने से अक्सर डायबिटीज़ के मरीज़ परहेज़ करने लगते है। दरअसल, ब्लड में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित बनाए रखने के लिए वे इससे दूरी बनाकर रखते है। मगर क्या वाकई एप्रीकॉट मधुमेह के रोगियों के लिए नुकसानदायक। आइए जानते हैं एक्सपर्ट से कि डायबिटीज़ के रोगियों के लिए एप्रीकॉट यानि खुबानी (Apricot in diabetes) का सेवन फायदेमंद है ।
अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के अनुसार वे फल जो विटामिन, मिनरल और फाइबर से भरपूर होते हैं, उनके सेवन से ब्लड शुगर लेवल को रेग्यूलेट करने में मदद मिलती है। इससे हेल्दी वेट मैनेजमेंट को मदद मिलती है, जिससे इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ावा मिलता है।
यूएसडीए के अनुसार एक मीडियम साइज़ एप्रीकॉट में 59 कैलोरी और 14 ग्राम कार्बोहाइड्रेट पाए जाते हैं। साथ ही इससे विटामिन सी और पोटेशियम की भी प्राप्ति होती है, जो ब्लड वेसल्स के कार्य को सुचारू बनाए रखती हैं। वहीं हार्वर्ड टी एच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार पोटेशियम एक इलेक्ट्रोलाइट के रूप में कार्य करता है। जो सेल्स में फ्लूइड लेवल को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है।
मणिपाल हास्पिटल, गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि एप्रीकॉट में विटामिन और मिनरल की उच्च मात्रा पाई जाती है। ग्लाइसेमिक इंडैक्स लो होने के अलावा सॉल्यूबल फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इससे पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है और शरीर में ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित बना रहता है।
टाइप 2 डायबिटीज़ के स्तर को नियंत्रित करने के लिए एप्रीकॉट यानि खुबानी को ड्राई फ्रूट के रूप में भी खाया जा सकता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंटस के चलते शरीर में बढ़ने वाली ऑक्सीडेटिव तनाव को कम किया जा सकता है।
खुबानी का सेवन करने से शरीर को बीटा कैरोटीन, विटामिन ए, सी और ई समेत कई एंटीऑक्सीडेंटस की प्राप्ति होती हैं।साथ ही पॉलीफेनोल की भरपूर प्राप्ति होती हैं, जिससे मधुमेह और हृदय रोग के जोखिम को कम किया जा सकता हैं। इसके अलावा खुबानी में मौजूद फ्लेवोनोइड्स क्लोरोजेनिक एसिड, कैटेचिन और क्वेरसेटिन भी मुक्त कणों के प्रभाव को कम करने में मदद करतहैं, जिससे मोटापे से राहत मिलती है। इससे शरीर में ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है।
एप्रीकॉट की गिनती डायबिटीज़ फ्रेंडली फलों में की जाती है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 28 है, जिसे कम आंका जाता है और ग्लोइसेमिक लोड 3 है। फाइबर और विटामिन के रिच सोर्स खुबानी का सेवन करने से शरीर में शुगर का स्तर नियमित बना रहता है। साथ ही ब्लड में शुगर का एबजॉर्बशन स्लो होने लगता है। इसमें मौजूद सयॉल्यूबल फाइबर की मात्रा के चलते मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है।
यूएसडीए के अनुसार 1 कप कटे हुए एप्रीकॉट का सेवन करने से 3.3 ग्राम फाइबर की प्राप्ति होती है। इसमें मौजूद घुलनशील फाइबर पानी में घुल जाता है। इसमें पेक्टिन, गम्स और लॉन्ग चेन ऑफ शुगर पॉलीसैकराइड मौजूद होती हैं। इसकी मदद से न केवलगट हेल्थ को मज़बूती मिलती है बल्कि ब्लड शुगर को बढ़ने से भी रोका जा सकता है।
सूखी खुबानी खाने से जहां शुगर की मात्रा बढ़ती है, तो वहीं ताज़े फल का सेवन करने से शरीर को लो कैलोरी मिलती है। कैलोरी और फैट्स में कम होने के अलावा इससे शरीर को विटामिन ए और सी की प्राप्ति होती है, जिससे वज़न को नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही इससे बीटा कैरोटीन, ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन की प्राप्ति होती है, जिसके चलते शरीर में फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
शरीर में विटामिन और मिनरल की मात्रा को बढ़ाने व शुगर के स्तर को सीमित बनाए रखने के लिए ओटमील में दूध, सेब और एप्रीकॉट को शामिल करें। इससे शरीर को पोषण की प्राप्ति होती है। आप चाहें, तो सूखी खुबानी को रातभर ओटमील और दूध के साथ सोक करके भी खा सकते हैं।
दूध में एप्रीकॉट को ब्लैड करके शेक के रूप में सेवन करने से भी स्वासथ्य को फायदा मिलता है। इसमें मौजूद फाइबर की मात्रा से क्रेविंग की समस्या हल हो जाती है। इसमें स्वादानुसार सेब, बादाम और अखरोट को भी शामिल कर सकते हैं।
ब्रेकफास्ट में खुबानी से तैयार स्प्रेड का सेवन करने से शरीर को उच्च पोषण की प्राप्ति होती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा से शरीर में शुगर का एबजॉर्बशन स्लो होता है और शुगर स्पाइक से बचा जा सकता है।
सभी सूखे मेवों को रोस्ट करके एक बाउल में निकालें और उसमें एप्रीकॉट कीवी और सेब जैसे सूखे फलों को एड करके ट्रेल तैयार कर लें। इससे शरीर को हेल्दी फैट्स और विटामिन ई की प्राप्ति होती है। इससे मसल्स क्रेप्स से बचा जा सकता है और शरीर एकि्अव रहता है।
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