
त्योहार का मौसम आ चुका है और भारत का सबसे बड़ा त्योहार बस अब कुछ ही कदम दूर है। इस साल दिवाली 14 नवंबर को पड़ रही है, जिसे विश्व मधुमेह दिवस (World diabetes day) के रूप में भी मनाया जाता है। इसलिए, इस साल आपको सिर्फ उपहार ही नहीं बांटने हैं, जागरूकता भी फैलानी है।
डायबिटीज आपके लिए हृदय रोग, दौरे, हाइपरटेंशन, नर्वस सिस्टम में डैमेज, किडनी डैमेज और त्वचा की समस्याओं का जोखिम बढ़ाती है। डायबिटीज के बहुत से गम्भीर परिणाम हो सकते हैं।
डायबिटीज के पीछे जेनेटिक्स के साथ-साथ आपकी जीवनशैली और खानपान की आदतें भी जिम्मेदार हैं। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज रिपोर्ट के अनुसार, विश्व भर में होने वाली मौतों का मुख्य कारण खराब जीवनशैली और खानपान ही है।
लेकिन, इस सिक्के का एक और पहलू भी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार डायबिटीज के 80 प्रतिशत केसेस को शारीरिक रूप से स्वस्थ रहकर अवॉयड किया जा सकता है।
इसलिए घबराएं नहीं, डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए बस इन बातों का ख्याल रखें-
कार्बोहाइड्रेट्स खाने में कोई समस्या नहीं है, बस इन्हें दिन भर की अलग-अलग मील्स में बराबर बांट दें। इससे आपकी ब्लड शुगर में कोई उतार-चढ़ाव नहीं आएगा। कोई भी मील्स स्किप कभी न करें।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) का अर्थ है कोई फूड आपके ब्लड शुगर लेवल पर क्या प्रभाव डालेगा। अगर आप कोई ऐसा भोजन खाते हैं, जिसका GI 70 है, तो इसका अर्थ है कि यह आपका शुगर लेवल ग्लूकोज के मुकाबले 70 प्रतिशत बढ़ाएगा।
आपको कम GI वाले भोजन खाने चाहिए। 55 से कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले भोजन ब्लड ग्लूकोज सबसे कम बढ़ाते हैं और 70 से अधिक वाले फूड्स बहुत तेजी से शुगर लेवल बढ़ाते हैं।
गेंहू और चावल जैसे अनाज, केला, आलू, कोला और नूडल्स का GI 65 से 75 प्रतिशत होता है। फलों का GI 45 से 55 प्रतिशत होता है, दूध और उसके प्रोडक्ट, सोयाबीन, दाल और बीन्स में 30 से 40 प्रतिशत GI होता है। ये भोजन डायबिटीज के लिए फायदेमंद होते हैं।
आपको अपने भोजन में इन सभी GI वाले फूड्स को संतुलित मात्रा में रखना चाहिए। जैसे आप पोहा, उपमा, परांठा या चावल ले रही हैं, तो इसे साथ में सब्जियों से संतुलित करें। चावल के साथ दाल से संतुलन बनाएं, जैसे खिचड़ी, पोंगल, बिसिबेले, पुलाओ, ढोकला या डोसा।
प्रोसेस्ड फूड और रिफाइंड आंटे का उपयोग कम से कम करें। साबुत अनाज का इस्तेमाल करें। अलसी और मेथी के बीज भी अपने आहार में शामिल करें।
साबुत अनाज, दाल, नट्स, फल, सब्जी, अलसी, ओट्स और ग्वार की फलियों को डाइट में शामिल करें। ये सभी भोजन फाइबर से भरपूर होते हैं, जिससे पेट लम्बे समय तक भरा रहता है। इससे ग्लूकोज के अब्सॉर्ब होने की प्रक्रिया धीमे हो जाती है और ब्लड शुगर एकदम से नहीं बढ़ती।
मीठा खाने की इच्छा होना गलत नहीं है, बस रिफाइंड शुगर यानी चीनी का इस्तेमाल न करें। चीनी की जगह शहद, खजूर और अंजीर का इस्तेमाल करें। दालचीनी, इलाइची, केसर और फलों से अपने पकवान की मिठास को बढ़ाएं।
बेकरी से सामान खरीदने के बजाय घर पर ही मिठाईयां बनाएं। इससे न सिर्फ आप अपनी शुगर इंटेक को कम कर रहे हैं, बल्कि डालडा और वनस्पति तेल को भी बाहर कर रहे हैं। इससे कार्डियोवस्कुलर बीमारियों से बचा जा सकता है।
इन मिठाइयों को घर पर बना सकती हैं- ऑरेंज ओट्स रबड़ी, एप्पल पैनकेक, लौकी का हलवा, सेब की खीर, खजूर और मेवों के लड्डू, अंजीर रोल, बेसन और रागी के लड्डू।
आपको सिर्फ शुरुआत करने के लिये प्रेरणा की आवश्यकता है। उसके बाद आदत बन जाती है। इसलिए इस दिवाली इन अच्छी आदतों को अपनाएं। संतुलित और स्वस्थ भोजन बनाने की आदत डालें, अपने भोजन की मात्रा को नियंत्रित करें और डायबिटीज को नियंत्रित रखें।
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