सोयाबीन हर एशियन डाइट का एक आवश्यक भाग होता है, खास कर शाकाहारी लोगों के लिए। डाइट में सोयाबीन शामिल करना मानो अनिवार्य होता है। इसके पीछे कारण भी होता है कि यह प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। सोयाबीन को आप सोया चंक्स, टोफू, सोया मिल्क के रूप में शामिल कर सकती हैं। सोयाबीन को असल में शाकाहारी लोगों के लिए और भी ज्यादा जरूरी माना जाता है। आज हम एक आहार विशेषज्ञ से जान रहे हैं कि क्यों जरूरी है आपकी डेली डाइट में सोयाबीन को शामिल किया जाना।
डॉक्टर अदिति शर्मा कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल में डायटीशियन हैं। वे शाकाहारी लोगों को सप्ताह में कम से तीन बार सोयाबीन जरूर खाने की सिफारिश करती हैं। डॉक्टर अदिति बताती है, सोयाबीन में काफी सारे एंटीऑक्सीडेंट और फाइटो न्यूट्रिएंट होते हैं। लगभग 100 ग्राम सोया बीन में 173 कैलोरीज़, 63% पानी, 16.6 ग्राम प्रोटीन, 9.9 ग्राम,कार्ब्स, 3 ग्राम शुगर,6 ग्राम फाइबर,9 ग्राम फैट मौजूद होता है। इसलिए यह आपकी सेहत को बहुत सारे लाभ देते हैं।
कई शोध बताते हैं कि सोया प्रोडक्ट्स का नियमित सेवन महिलाओं और पुरुषों दोनों में ही कैंसर का रिस्क कम करता है। सोया बीन के अंदर एसो फ्लोबोनोल जैसे कंपाउंड मौजूद होते हैं, जो कैंसर के प्रति सुरक्षा प्रदान करवाते हैं।
जब महिलाओं को मेनोपॉज की स्थिति का सामना करना पड़ता है, तो उन्हें बहुत सारे शारीरिक बदलावों से गुजरना पड़ता है जिनमें अधिक पसीना आना, मूड स्विंग होना, अधिक गर्मी लगना आदि शामिल होते हैं। सोया बीन का सेवन करने से महिलाओं को इन लक्षणों से राहत मिल सकती है।
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जो महिलाएं सोया बीन का सेवन करती हैं, उनमें हड्डियों की डेंसिटी कम हो जाना और फ्रेक्चर आदि का रिस्क बहुत कम हो जाता है। मेनोपॉज के बाद ये समस्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है। इससे बचने के लिए आपको 30 के दशक से ही सोयाबीन को अपनी रेगुलर डाइट का हिस्सा बना लेना चाहिए।
सोया बीन का सेवन करने से आपको रेड मीट आदि का सेवन करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इस कारण आपका बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल कम हो सकता है और आपके हृदय की सेहत पहले के मुकाबले काफी अच्छी हो सकती है।
सोयाबीन का अधिक सेवन भी हानिकारक भी हो सकता है। यदि आप इसका सेवन तय मात्रा से ज्यादा करेंगी तो आपको कुछ जोखिम भी उठाने पड़ सकते हैं –
बहुत से लोगों को सोया एलर्जी होती है और वह सोया बीन का सेवन नहीं कर पाते हैं। यह बहुत कॉमन होती है और सोया को सबसे अधिक एलर्जिक फूड माना जाता है, क्योंकि इसमें ग्लाइसेनिन जैसे प्रोटीन शामिल होते हैं।
सोयाबीन में भी इनसॉलिबल फाइबर मौजूद होता है और अगर आप एक बहुत ही सेंसिटिव व्यक्ति हैं, तो इससे आपको डायरिया जैसी समस्या देखने को मिल सकती है। आपको उल्टियां और भी बहुत सारे पाचन से जुड़े साइड इफेक्ट्स सोया बीन का सेवन करने पर दिखने को मिल सकते हैं।
कुछ लोगों में सोया का सेवन करने से उनका थायरॉयड हार्मोन दब जाता है और वह कम एक्टिव हो जाता है। इससे आपका हाइपो थायरॉयड का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अगर आप पहले से ही हाइपो थायराइडिज्म के मरीज हैं, तो इसका सेवन न करें।
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