लेडीज शायद आप जानती हैं कि विटामिन डी वह जरूरी विटामिन है, जिसके बिना आपके शरीर के कई अंग काम करना बंद कर सकते हैं। पर क्या आप यह जानती हैं कि विटामिन डी की हमारे शरीर को कितनी मात्रा की आवश्यकता होती है? क्या हैं विटामिन डी स्रोत और इन्हें कैसे अपनी डाइट में एड करना है हम बताते हैं।
विटामिन डी के सेवन से, मसल्स और लिगामेंट्स में मजबूती आती है और आपके शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए यह अति आवश्यक है। विटामिन डी हमारे शरीर के नर्वस और मसल्स के कोऑर्डिनेशन को कंट्रोल करने के लिए,सूजन और इंफेक्शन से आपको बचाने के लिए तथा किडनी, लंग्स, लिवर, और हार्ट की बीमारियों की आशंका कम करने के लिए कार्य करता है। अंत: विटामिन डी कैंसर जैसी बीमारी को भी रोकने में मदद करता है।
प्रति व्यक्ति के हिसाब से विटामिन डी का लेवल 50 ng/mL या इससे ज्यादा होना चाहिए। हालांकि 20 से 50 ng/mL के बीच सामान्य भी आप रख सकते है। 20ng/ml से कम विटामिन डी डेफिशिएंसी की ओर संकेत करता है।
विटामिन डी का सबसे अच्छा स्त्रोत धूप की किरने होती है। चित्र: शटरस्टॉक
विटामिन डी के कमी से आप ऑस्टिपोसिस या फ्रैक्चर जैसे स्थिति के शिकार हो जाएंगे, हो आपके हड्डियों को धीरे धीरे कमजोर करती चली जाएगी।
विटामिन डी की कमी से और भी कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे बच्चों में इसके कमी से रिकेट्स जैसी स्थिति देखी जाती हैं।रिकेट्स एक दुर्लभ बीमारी है जिसके कारण हड्डियां नरम हो जाती हैं और झुक जाती हैं। अफ्रीकी,अमेरिकी शिशुओं और बच्चों को रिकेट्स होने का अधिक खतरा होता है।
वयस्कों में, गंभीर विटामिन डी की कमी से ऑस्टियोमलेशिया होता है। ऑस्टियोमलेशिया कमजोर हड्डियों, हड्डियों के दर्द और मांसपेशियों की कमजोरी का कारण बनता है।
शोधकर्ता कई तरह के विटामिन डी पर अध्ययन कर रहे हैं, जिसमें मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर और ऑटोइम्यून की स्थिति जैसे मल्टीपल स्केलेरोसिस शामिल हैं। इन स्थितियों पर विटामिन डी के प्रभावों को समझने से पहले उन्हें और अधिक शोध करने की आवश्यकता है।
1. विटामिन डी का सबसे मुख्य स्रोत है धूप की किरणें। परन्तु ध्यान देने की बात यह है कि दोपहर की धूप आपकी सेहत के लिए हानिकारक होती है। विटामिन डी के लिए आपको सुबह की सुनहरी धूप लेनी चाहिए।
2.सेलमन और टूना मछली विटामिन डी से भरपूर आहार है। इसे खाने से विटामिन डी की कमी आपको बिलकुल महसूस नहीं होती।
3.गाजर के सेवन से भी विटामिन डी प्राप्त होता है। आप गाजर का उपयोग सलाद के रूप में, जूस या सूप के रूप में भी कर सकते हैं। डेजर्ट में गाजर का हलवा खाया जा सकता है। पर ध्यान रहे इसमें जितना ज्यादा फैट होगा, वह आपके वजन के लिए उतना ज्यादा नुकसानदायक भी हो सकता है।
4.दूध या डेयरी प्रोडक्ट में भी विटामिन डी होता है। आप अपनी डेली डाइट में दूध, दही, पनीर आदि का सेवन जरूर करें।
5. विटामिन डी के लिए संतरे का जूस एक अच्छा स्रोत है। आप इसे सुबह या शाम जब भी चाहें ले सकती हैं।
6. विटामिन डी के सप्लीमेंट्स भी मिलते हैं। बच्चों के लिए गोलियों और तरल दोनों प्रकार की विटामिन डी की खुराक उपलब्ध है।
विटामिन डी का नाम भले ही ‘विटामिन’ है लेकिन यह विटामिन नही बल्कि हॉरमोन है। चित्र: शटरस्टॉक
7.आप फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों से भी विटामिन डी प्राप्त कर सकते हैं। आप यह पता लगाने के लिए खाद्य लेबल की जांच कर सकते हैं कि क्या किस भोजन में कितनी मात्रा में विटामिन डी है।
विटामिन डी का सेवन न तो अधिक करना आपकी सेहत के लिए अच्छा है, न ही कम। इसीलिए सही मात्रा में आपको विटामिन डी का सेवन करना चाहिए। रोज सुबह की सैर तो अवश्य करें सुबह की धूप और हवा आपके स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति को सामान्य रखने के लिए अति आवश्यक है।