हम वेट लॉस के लिए कितनी डाइट ट्राय करते हैं, लेकिन किसने सोचा था कि सबसे कारगर उपाय हमारे अपने आयुर्वेद से ही मिलेगा। सात्विक भोजन के गुणों को आज सारा विश्व मान रहा है।
जी हां लेडीज, आयुर्वेद में सात्विक जीवनशैली का सदियों से पालन होता आया है, और आज फ़िटनेस लवर्स इसका सहारा ले रहे हैं।
“सात्विक आहार वह आहार है, जो हमारे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, वहीं इसके उलट शरीर की सकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने वाले भोजन को तामसिक कहते हैं”, बताती हैं प्रीति त्यागी, माइ 22BMI की फाउंडर और हेल्थ कोच।
मूल तौर पर सात्विक भोजन शाकाहारी भोजन है, जिसमें पेड़-पौधों से मिलने वाले भोजन को ग्रहण किया जाता है। गाय का दूध और घी इस आहार का महत्वपूर्ण भाग है।
सात्विक भोजन मिर्च मसालों और तेल से लगभग रहित होता है।
इतना ही नहीं सात्विक भोजन में खाने के तरीके पर भी खास ध्यान दिया जाता है। खाते वक्त सारे काम छोड़कर खाने पर ध्यान देना, धीरे-धीरे खाना और ज़मीन पर बैठकर खाना जैसे कुछ नियम हैं, जो सात्विक आहार से जुड़े हैं।
सात्विक भोजन सिर्फ़ शरीर के लिए फ़ायदेमंद नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण होता है।
1. सात्विक भोजन पाचन को दुरुस्त करता है और ब्लोटिंग खत्म करता है।
2. यह इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक होता है क्योंकि इसमें पोषक तत्व युक्त प्राकृतिक आहार शामिल किया जाता है।
3. मानसिक ऊर्जा को सही दिशा में प्रयोग करने में सहायक है सात्विक भोजन। इससे आप ज्यादा अटेंटिव और फोकस्ड महसूस करते हैं।
4. वेट लॉस में सहायक है क्योंकि आप फैट और जंक फूड नहीं खाते। साथ ही आप ढेर सारे पोषण ले रहे होते हैं।
सात्विक भोजन में स्वाद का बहुत महत्व होता है। मीठे स्वाद का प्रयोग प्रेम और स्नेह के भाव को उजागर करने के लिए होता है, कड़वे स्वाद से फैट और प्रोटीन बर्न होता है और नमकीन और खट्टे स्वाद शरीर को रिपेयर करते हैं।
अगर आप सोच रहे हैं कि सात्विक भोजन को आप कैसे अपनाएंगे, तो हम आपकी यह मुश्किल आसान कर देते हैं।
डॉ त्यागी बताती हैं यह सात्विक डाइट प्लान जिसे आप आसानी से फॉलो कर सकते हैं।
सुबह उठते ही एक गिलास नींबू पानी पियें। यह बॉडी को डिटॉक्स करता है और वेट लॉस करता है।
नाश्ता सुबह 7:30 से 8:00 बजे के बीच लें। नाश्ते में आप मूंग दाल का चीला, एक कटोरी दही और पुदीने की चटनी ले सकती हैं।
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कस्टमाइज़ करें10 से 11 बजे के बीच जामुन, लीची या कोई भी मौसमी फल लें।
लंच (1:00 से 1:30) एक कटोरी मसूर दाल, एक कटोरी कोई भी हरी सब्जी, एक कटोरी चावल चौथाई चम्मच घी के साथ, एक कटोरी खीरे का रायता। लंच के बाद 2 से 3 फांक आम की लें।
शाम 5 बजे चाय या छाछ के साथ भुने मखाने खाएं।
डिनर 7 बजे तक कर लें। डिनर में दो रोटी (मल्टी-ग्रेन), एक कटोरी लौकी, एक कटोरी मूंग दाल और चौथाई चम्मच घी लें।
याद रखें सात्विक आहार सिर्फ यह नहीं है कि आप क्या खाते हैं। आप किस वक्त खाते हैं यह भी महत्वपूर्ण है। सात्विक विचार होना भी ज़रूरी है। आप मेडिटेशन कर सकते हैं। किसी के विषय मे गलत न बोलें, न सोचें। तनाव से दूर रहें और सकारात्मक सोच रखें।