आमतौर पर डायबिटिक पेशेंट (Diabetic) को मीठा (Sweets) खाने से रोका जाता है। क्योंकि मीठा खाने से डायबिटीज बढ़ने के चांसेंज और ज्यादा बढ़ जाते हैं। फाइबर, प्रोटीन और वसा वाले स्नैक्स का चयन करना थोड़ा जोखिम भरा हो जाता है। त्यौहारों का मौसम शुरू होने के बाद हम में से ज्यादातर लोग खानपान में संयम नहीं बरत पाते। इसलिए हम आपके लिए लाए हैं ऐसे हेल्दी स्नैक्स जो आपकी प्लेट में मिठास घोल देंगी।
जी हां, ये बात बिल्कुल सच है। आप जितना मीठा खाएंगी, मीठा खाने की आपकी लालसा उतनी ही बढ़ती जाएगी। एक्सपर्ट मानते हैं कि ज्यादा मीठे की क्रेविंग आपके ब्लड शुगर (Blood Sugar) लेवल को असंतुलित कर देती है। ऐसे में उन सब लेडीस को यह ध्यान रखना जरूरी है कि वह क्या मीठा खाएं, जिनसे उनका शुगर लेवल बढ़े नहीं। यदि वह एक बैलेंस शुगर डाइट (Diabetes Diet) लेंगी तो उनका शुगर लेवल कंट्रोल रहेगा।
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ब्लड शुगर (Blood Sugar) पेशेंट हैं तो अगर डार्क चॉकलेट का एक टुकड़ा भी खाती हैं तो मधुमेह और दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे लगभग कम हो जाते हैं। सीडीसी की एक रिसर्च के मुताबिक 18 साल के बीच के कुछ लोगों पर अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में पाया गया कि जिन्होंने रोजाना 100 ग्राम चॉकलेट खायी उनमें इंसुलिन प्रतिरोध में कमी और लिवर एंजाइम में सुधार हुआ।
इसलिए मीठा खाने की शौकीन हैं तो आप डार्क चॉकलेट का मजा ले सकती हैं। सर्वोत्तम परिणामों के लिए कम से कम 70% कोको सामग्री के साथ डार्क चॉकलेट ले सकती हैं।
इसमें फ्लेवोनोइड्स होते हैं। ये इंसुलिन प्रतिरोध को रोकने में मदद करते है और मधुमेह वाले लोगों के लिए हृदय की समस्याओं से बचा सकते है। इसके अलावा यह दूध चॉकलेट की तुलना में चीनी, कार्ब्स और कैलोरी में कम पाई जाती है। प्रत्येक 28-ग्राम सर्विंग में सिर्फ 13 ग्राम कार्बोहाइड्रेट के साथ ले सकती हैं।
इन दिनों बाजार में नाशपाती आपको आसानी से मिल जाएगी। पर क्या आप जानती हैं कि नाशपाती फाइबर का एक बड़ा स्रोत मानी जाती है। नाशपाती में 21.3 ग्राम कार्ब्स के साथ 4 ग्राम से अधिक फाइबर होता है। फाइबर रक्तप्रवाह में शर्करा के अवशोषण को धीमा कर करता है। इसके साथ ही खाने के बाद ब्लड शुगर के स्तर को स्थिर कर करता है। अगर आप डायबिटिक पेशेंट हैं तो एक मीठे और साधारण नाश्ते में नाशपाती का आनंद आप ले सकती हैं।
जब भी कोई बीमारी आती है तो डॉक्टर सबसे पहले सेब खाने की सलाह देते हैं। सेब खाने से व्यक्ति न सिर्फ स्वस्थ रहता है बल्कि उसे किसी भी तरह की कोई बीमारी नहीं आती हैं।एक छोटे सेब में 28 ग्राम कार्ब्स और 5 ग्राम फाइबर होता है। सेब बहुमुखी, स्वादिष्ट और पौष्टिक फल माना जाता है।
सेब का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है, जो यह तय करता है कि खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर के स्तर को कितना प्रभावित करता है। आप इसे चलते-फिरते नाश्ते के तौर पर सेब को काटकर उसमें थोड़ा सा दालचीनी या प्रोटीन के अपने सेवन को बढ़ावा देने के लिए कुछ पीनट बटर के साथ मिलाकर खा सकती हैं।
अंगूर मधुमेह के रोगियों के लिए एक स्वस्थ, उच्च फाइबर युक्त उपचार माना जाता है। इसमें लगभग 1 ग्राम फाइबर और 14 ग्राम कार्ब्स होता है।लाल अंगूर एंटीऑक्सीडेंट और पॉलीफेनोल्स से भी भरा हुआ होता है। जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने और मधुमेह से संबंधित स्वास्थ्य जटिलताओं से बचाने में मदद कर सकते हैं। मीठे और ताज़गी भरे नाश्ते के लिए, ताज़े अंगूरों का आनंद लें या उन्हें रात भर फ्रीज़ में रखकर खायें।
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लेडीस आप बिना मीठे से डरें मीठी चीजों का सेवन कर सकती हैं। इससे आपका ब्लड शुगर भी कंट्रोल में रहेगा और आप स्वस्थ भी रहेंगी।
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