लॉकडाउन ने सभी की दिनचर्या को हिला कर रख दिया है। कोविड-19 के कारण बच्चे घरों में ही रह रहे हैं। उन्हें होम-स्कूलिंग, सीमित सामाजिक संपर्क और मनोरंजन के सामानों पर बढ़ती निर्भरता के साथ तालमेल बिठाना पड़ा रहा है। इस अत्यधिक स्क्रीन टाइम और विभिन्न प्रकार के पैकेज्ड फूड के साथ आउटडोर प्ले-टाइम की कमी ने बच्चों के पोषण (Nutrition) की स्थिति और स्वास्थ्य को प्रभावित किया है।
आपने अपने बच्चे में कुछ बदलाव देखे होंगे जैसे कि नींद का अलग पैटर्न, कुछ प्रकार के खाद्य पदार्थों की लालसा, चिड़चिड़ेपन में वृद्धि या उन खाद्य पदार्थों को मना करना जो उन्हें पहले पसंद थे! ये परिवर्तन दर्शाते हैं कि महामारी की वजह से हुए परिवर्तनों के कारण उनका स्वास्थ्य और विकास कितनी गहराई से प्रभावित हुआ है।
यहां 4 तरीके दिए गए हैं जिनसे आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपका बच्चा इस महामारी के बीच भी स्वस्थ भोजन करे:
आपने देखा होगा कि यदि बच्चे अपने सामान्य समय के अनुसार भोजन नहीं करते, तो वे चिड़चिड़े हो जाते हैं या शैतानियां करते हैं। लगभग सामान्य दिनचर्या बनाए रखने पर जोर दें। उनके स्कूल की दिनचर्या के आधार पर उनका मुख्य भोजन और नाश्ते के समय की योजना बनाएं। ध्यान दे कि आप अपने बच्चो को जितना स्क्रीन–टाइम दे रहे है उतना ही खेलने/ मूवमेंट जैसी गतिविधियों के लिए भी समय दें।
डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ सुविधाजनक हो सकते हैं, लेकिन परिरक्षक, कृत्रिम रंग, वसा की मात्रा, चीनी और अत्यधिक नमक आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। नियमित रूप से पैक किए गए खाद्य पदार्थों का सेवन करने से पोषक (न्यूट्रीशन) तत्वों की कमी, मिजाज और चिड़चिड़ापन हो सकता है।
आप अपने पूरे सप्ताह के लिए घर पर और बैच-प्रेप के लिए पौष्टिक भोजन का स्टॉक करें! आप ग्रेनोला, ब्लिस बॉल्स या ह्यूमस भी बना सकती हैं। स्नैक्स आपके बच्चे के पेट को पावर-पैक पोषक तत्वों से भरने और उन्हें और अधिक गलत खाने से रोकने का एक शानदार तरीका है।
एक अच्छी तरह से संतुलित भोजन में अच्छी गुणवत्ता वाले कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, स्वस्थ वसा, फाइबर और सूक्ष्म पोषक तत्वों की सही मात्रा होती है! विभिन्न प्रकार की सब्जियों और फलों को शामिल करें। ये सभी अलग-अलग और आवश्यक विटामिन और खनिज प्रदान करते हैं जो आपके बच्चे के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
चुनकर भोजन करने (भोजन के लिए पिकी होना), कम भूख लगना, थोड़ा खाना खाना और खाने की क्रेविंग होना। हर बच्चे की पोषण संबंधी जरूरतें और खाने का व्यवहार अलग होता है। इस प्रकार, प्रत्येक बच्चे को विशेष ध्यान और उस पर अत्यधिक धैर्य की आवश्यकता होती है। पेरेंट्स के रूप में, आपको अलग-अलग खाने की रणनीतियों को आजमाना होगा जो आपके बच्चे के लिए काम करती हैं!
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