कहते हैं जो जीभ को भाता है, वह अक्सर सेहत के लिए हानिकर होता है और जो ना भाए वह सेहत के लिए फायदेमंद। फिर करेले (bitter gourd)पर तो यह बात बिल्कुल सटीक बैठती है। करेला उन सब्जियों में से एक है जो स्वाद में तो कड़वी हैं पर इनके गुण आपकी सेहत के लिए लाभकारी होते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और मिनरल से भरपूर है। इसे सब्जी, अचार या जूस के रूप में भी खा सकते हैं। कड़वे करेले (bitter gourd) को नियमित रूप से अपने खाने में शामिल करने के इतने फायदे हैं कि आप इसे अपनी डाइट में शामिल किए बिना रह ही नहीं सकती। इस बारे में बात कर रही हैं हमारी न्यूट्रीशनिस्ट बिंदु बजाज।
करेले (bitter gourd) में कैलोरी कम होती है। 100 ग्राम करेला लगभग 19 कैलोरी एनर्जी देता है। 100 ग्राम करेले (bitter gourd)में लगभग 3.5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 2.4 ग्राम फाइबर मौजूद होता है। जबकि इसमें केवल 150 मिलीग्राम फैट और 930 मिलीग्राम प्रोटीन होता है। इस सब्जी में 87 ग्राम से भी ज़्यादा पानी की मात्रा होती है।
यह विटामिन ए और विटामिन सी से भरपूर होता है। करेले (bitter gourd)में पोटैशियम, फोलेट, जिंक और आयरन जैसे मिनरल्स भी मौजूद होते हैं। करेले (bitter gourd) से कैटेचिन, गैलिक एसिड, एपिकेटचिन और क्लोरोजेनिक एसिड जैसे एंटीऑक्सीडेंट प्राप्त होते हैं, जो हमें कई बीमारियों से मुक्त रखने में मदद करते हैं।
करेले (bitter gourd) में एक ऐसा कैमिकल होता है, जो इंसुलिन की तरह काम करता है। यह टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह दोनों में ब्लड शुगर के स्तर को कम करता है। एक गिलास करेले (bitter gourd) के रस का सेवन इतना प्रभावी होता है कि डॉक्टर मधुमेह के रोगियों को अपनी दवाओं की खुराक कम करने की सलाह देने लगें। करेले (bitter gourd) के कड़वे स्वाद को अगर दरकिनार कर दीजिए तो पाइएगा कि यह एक जादुई सब्जी है, जो गर्भावस्था में होने वाले मधुमेह को रोकने में भी मददगार है।
करेला एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन ए और सी से भरपूर होता है, जो त्वचा के लिए अच्छा होता है। यह उम्र बढ़ने को कम करता है और मुंहासों और त्वचा के दाग-धब्बों से लड़ता है। यह दाद, खाज, खुजली के साथ ही सोरायसिस जैसे कई त्वचा संक्रमणों (skin infection) के इलाज में उपयोगी है । करेले (bitter gourd) का रस बालों में चमक तो लाता ही है रूसी , बालों के झड़ने और दोमुंहे बालों की समस्या को कम करता है।
करेला लिवर फ्रेंडली होता है और उसे डिटॉक्सीफाई करता है। यह न सिर्फ लिवर एंजाइम को बढ़ाता है, बल्कि हैंगओवर के लिए एक अच्छा इलाज है। करेले (bitter gourd) को अपनी डाइट में शामिल कर आप लिवर में जमा होने वाली अल्कोहल की मात्रा को कंट्रोल करने में मदद कर सकती हैं। करेले (bitter gourd) के सेवन से मूत्राशय और आंत को भी फायदा होता है।
करेला फाइबर से भरपूर होता है और कॉन्स्टिपेशन यानी कब्ज़ होने से रोकता है। डाइजेस्टिव सिस्टम को बेहतर बनाने में भी मदद कर पेट को हैप्पी और हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है।
दिल तो बच्चा है जी… सुना तो ज़रूर होगा, तो बच्चे जैसे दिल का ख्याल भी दिल से ही रखिए और इसमें आपकी मदद करेगा करेला। यह एलडीएल यानी Bad cholestrol (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करता है। जो दिल का दौरा पड़ने के जोखिम को भी घटाता है। फाइबर धमनियों को सही तरह से काम करने में भी मदद करता है।
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कस्टमाइज़ करेंकरेला, प्रतिरक्षा शक्ति यानी आपके शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाता है और एलर्जी या संक्रमण से बचाता है। लेकिन इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह कैंसर से लड़ता है। इसकी खासियत है कि यह कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में मदद करता है। साथ ही ट्यूमर का बनना और बढ़ना रोकने में भी प्रभावी है।
करेले (bitter gourd) के नियमित सेवन से ब्रेस्ट (Breast cancer), कोलन और प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer) का खतरा काफी कम हो जाता है।
करेला वजन घटाने में सहायक होता है क्योंकि इसमें कैलोरी कम और फाइबर भरपूर होता है। वसा कोशिकाओं के गठन और बढ़ोतरी को रोकता है, जो शरीर में फैट जमा करते हैं। आपका डाइजेस्टिव सिस्टम सुधार कर आपका वेट भी मैनेज रखता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करते हैं, जिसकी मदद से फैट लॉस आसानी से हो पाता है।
करेले (bitter gourd) में ढेर सारी मेडिसिनल मेडिसिनल क्वालिटीज़ भी होती हैं। करेला खाने से ब्लड फ्लो दुरुस्त रहता है तो खून में क्लौट्स यानी थक्के भी नहीं बनते। यह घावों को जल्दी भरने और इन्फेक्शन से बचाने में भी मदद करता है।
करेले के इतने सारे फायदे बताने के बाद डॉ बिंदु बजाज सुझाव देती हैं कि करेला खाने के साथ कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है –
1.करेले (bitter gourd) के लाल बीज (विशेषकर बच्चे) खाने से बचें, क्योंकि इससे पेट में दर्द की शिकायत हो सकती है।
2. मधुमेह रोगी जो बल्ड शुगर कम करने की दवा ले रहे उन्हें इसे बहुत ज़्यादा नहीं खाना चाहिए क्योंकि यह ब्लड शुगर को काफी कम कर सकता है।
3. गर्भावस्था में करेले (bitter gourd)को बीज समेत खाने से बचें क्योंकि यह हानिकारक हो सकता है।
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