ब्रेकफास्ट मील में दलिया (Oatmeal in breakfast) खाने का मतलब है, देर तक भूख न लगना। ढ़ेर सारे हेल्थ बेनिफिटस (Health benefits) को खुद में समेटे हुए दलिए को पानी या दूध के साथ पकाया जाता है। पानी के साथ आप चाहें, तो इसे मीठा और नमकीन दोनों ही तरह से बना सकते हैं। दलिए में सूखे मेवे एड करके इसकी पौष्टिकता को बढ़ाया जाता है। इसके अलावा ओटमील में फ्रूटस (Fruits in oatmeal) को मिलाकर भी इसे हेल्दी बनाया जा सकता है। आमतौर पर लोग नाश्ते में दलिया खाते हैं। मगर दलिए का पानी भी अगर आप अपनी मील में एड करती है, तो इससे आपको कई फायदे प्राप्त हो सकते हैं (Benefits of oatmeal water) ।
ओट मील का पोषण स्तर (Nutritional value)
कैलोरीज़ 116
कार्बोहाइड्रेट 20 ग्राम
फैट 2 ग्राम
प्रोटीन 4 ग्राम
फाइबर 3 ग्राम
ओट मील वॉटर यानि दलिए के पानी से पाचन तंत्र मज़बूत बनता है। साथ ही बैलीफेट को करने का भी काम करता है। दरअसल जिन फूड आइटम्स में ज्यादा कार्ब्स और लो फाइबर होता है, वे जल्दी से पच जाते हैं और दोबारा भूख लगने लगती है। वहीं वो फूड जिनमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, उससे पेट देर तक भरा रहता है। दरअसल, कब्ज की समस्या को दूर करने में फाइबर खास रोल अदा करता है।
इतना ही नहीं उसके सेवन से डायबिटीज़, हार्ट प्रोब्लम, कैंसर और मोटापे का खतरा कम हो जाता है। तीन चोथाई कप ओट्स में 3 ग्राम के आसपास फाइबर पाया जाता है। रिसर्च के अनुसार एक महिला को दिन में 25 ग्राम इसकी आवश्यकता है जब कि एक पुरूष को 38 ग्राम तक लेना चाहिए। ओटमील वॉटर को आप दिन में किसी भी वक्त पी सकती हैं। इससे आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ लगेगा।
एंटीऑक्सिडेंट हमारे शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मददगार साबित होते हैं। वो एक तरह के पेसकी कम्पाउंड होते हैं। जो आगे चलकर कई बीमारियों का कारण साबित होते हैं। यू तो हमें कई सब्जियों और फलों से इसकी प्राप्ति होती है। मगर ओटमील वॉटर से मिलने वाले एंटीआक्सीडेंटस को एवेनथ्रामाइड कहकर पुकारा जाता है। इससे ब्लड फ्लो सुचारू होता है और इसमें एंटी इंफलामेंटरी गुण भी पाए जाते हैं।
हमें इस बात को समझना होगा कि हर प्रकार के कोलेस्ट्रॉल शरीर पर नकारात्मक प्रभाव नहीं डालते हैं। जी हां एचडीएल की गिनती गुड कोलेस्ट्रॉल में की जाती है। इससे हमारा हार्ट हेल्दी बना रहता है। दलिए के पानी में मौजूद बीटा ग्लूकन फाइबर न केवल शरीर में एलडीएल को कम करता है बल्कि एचडीएल को भी प्रोटेक्ट करने का काम करता है।
कार्बोहाइड्रेट लेने के बाद शरीर में पैनक्रियाज़ से इन्स्यूलिन रिलीज होता है। अगर हम ज्यादा मात्रा में कार्बोहाइड्रेट लेते हैं, तो उससे शरीर को बहुत नुकसान उठाना पड़ता है। वहीं दूसरा ओर जब काबर्स को फाइबर के साथ यानि दलिए के पानी में बीटा ग्लूकोन के तौर पर लिया जाता है। तो वो शरीर में काबर्स को धीरे धीरे एब्जार्ब करते है। इससे शरीर में ब्लड शुगर लेवल धीरे धीरे बढ़ता है।
दलिया एक कटोरी
पानी दो गिलास
शहद एक चम्मच
सौंफ पाउडर
छोटी इलायची पाउडर
दालचीनी पाउडर
इसे तैयार करने के लिए दो गिलास पानी में आधा कटोरी दलिए को भिगो दें।
ओवरनाइट सोक करने के बाद दलिया मुलायम होने लगता है।
रात भी भिगोने के बाद सुबह उसे पानी समेत बीट कर लें।
आप चाहें, तो उसमें फलेवर बढ़ाने के लिए कोई भी एस्सेंस एड कर सकते हैं।
इसके बाद ओटमील वॉटर को गिलास में निकालकर उसमें शहद इलायची पाउडर और सौंफ के पाउडर को स्वादानुसार मिला दें।
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