खानपान की स्वस्थ आदतें विकसित करने में मदद कर सकता प्रीबायोटिक्स का सेवन

हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह सामने आया है कि प्रीबायोटिक्स का सेवन चीनी की कम खपत के लिए प्रेरित करता है।
Prebiotics kya hota hai
प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक के बीच मुख्य अंतर आंत में उनके कार्य और उद्देश्य में होता है। चित्र : शटरस्टॉक
Published On: 30 Dec 2021, 09:30 am IST
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हाल ही में सरे विश्वविद्यालय द्वारा एक अध्ययन किया गया। जिसमें इस बात का खुलासा हुआ कि जिन युवतियों ने 4 हफ्ते के लिए प्रीबायोटिक्स सप्लीमेंट्स का सेवन किया, उन्होंने स्वस्थ भोजन विकल्प तैयार किए। साथ ही चीनी का बेहद कम सेवन किया। ऐसे में अगर आप भी स्वस्थ भोजन विकल्प पर जाना चाहती हैं, तो यह समझना बहुत जरूरी है कि आखिर प्रीबायोटिक्स सप्लीमेंट्स होते क्या है? अध्ययन के बारे में बात करने से पहले चलिए कुछ अहम बिंदुओं को समझ लेते हैं।

क्या होते हैं प्रीबायोटिक्स ?

प्रीबायोटिक्स हमारे शरीर में मौजूद प्लांट फाइबर बैक्टीरिया होते हैं। जो एक फ़र्टिलाइज़र की तरह काम करते हैं। ये आपके पेट के अंदर स्वास्थ्य के लिए लाभदायक बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करते हैं। 

Prebiotics kin sabjiyo me hota hai
कई प्रीबायोटिक फूड भी होते हैं। चित्र : शटरस्टॉक

बाजार में प्रीबायोटिक्स के लिए कई सप्लीमेंट भी मौजूद हैं। हालांकि यह इकलौता विकल्प नहीं है। इसके अलावा कई प्राकृतिक फल और सब्जियां भी हैं, जो प्रीबायोटिक्स प्रदान करते हैं। कुछ सब्जियों में मौजूद फाइबर हमारा शरीर पचा नहीं पता है। इसलिए यह आपके पाचन तंत्र से होते हुए गुजरता है। जहां इसे अच्छे बैक्टीरिया खा लेते हैं। 

क्या कहता है अध्ययन?

न्यूट्रिएंट जर्नल में प्रकाशित अध्यन में इस्तेमाल किए गए प्रीबायोटिक्स गैलेक्टो-ऑलिगोसेकेराइड्स (जीओएस) थे जो “अनुकूल” गट बैक्टीरिया की मात्रा को बढ़ाते हैं। सरे यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह जांच करने के लिए निर्धारित किया कि क्या प्रीबायोटिक जीओएस 18 से 25 वर्ष की आयु के बीच 48 स्वस्थ युवा महिलाओं की भोजन की आदतों को प्रभावित कर सकता है या नही।

जानिए कैसे किया गया अध्ययन ? 

“महिलाओं को एक समूह में विभाजित किया गया था जिसने जीओएस सप्लीमेंट (बायोटिसटीएम) लिया था, और दूसरे समूह को 28 दिनों के लिए प्लेसबो दिया गया था। महिलाओं को उनके खाने और पीने की आदतों की एक खाद्य डायरी रखने के लिए कहा गया। बता दें कि शोधकर्ताओं ने माइक्रोबायोम अनुक्रमण के लिए मल नमूना भी एकत्र किया।

नतीजे में क्या सामने आया 

Kitna weight loss hai healthy
जानिए कितना वजन कम करना है हेल्दी। चित्र:शटरस्टॉक

शोध दल ने पाया कि जीओएस सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल करने वाले प्रतिभागियों ने प्लेसीबो समूह की महिलाओं की तुलना में 4.1 प्रतिशत कम चीनी और कार्बोहाइड्रेट से 4.3 प्रतिशत कम कैलोरी का सेवन किया। दिलचस्प बात यह है कि अध्ययन में यह भी पाया गया कि जिन लोगों ने जीओएस सप्लीमेंट लिया, उन्होंने वसा से लगभग 4.2 प्रतिशत अधिक ऊर्जा की खपत की।

तब क्या है शोधकर्ताओं का निष्कर्ष  

सरे विश्वविद्यालय के अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ कैथरीन कोहेन कडोश ने कहा, “इस अध्ययन में, हमने युवा महिलाओं की भलाई पर प्रीबायोटिक सेवन के प्रभाव को देखा। तनाव और चिंता को लंबे समय से “कंफर्ट ईटिंग” के लिए दोषी ठहराया गया है, और अस्वास्थ्यकर खाने के व्यवहार पर तनाव के प्रभाव का समर्थन करने के लिए सबूत बढ़ रहे हैं।

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