दालें हमारे आहार को कंप्लीट बनाती हैं। हम दैनिक जीवन में कई प्रकार की दालों का सेवन करते हैं। इसके बिना डाइट प्लैनिंग सफल नहीं हो सकती, क्योंकि दालें प्रोटीन का अच्छा स्रोत मानी जाती हैं। यह न केवल हमारे शरीर को आवश्यक विटामिन और खनिजों की आपूर्ति करती है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी मदद कर सकती है।
दो प्रमुख प्रकार की दालें जिन्हें हम अपने भोजन में शामिल करना पसंद करते हैं, वे हैं मूंग दाल और चना दाल। लेकिन स्वास्थ्य लाभ की दृष्टि से मूंग दाल और चना दाल में कौन बेहतर हो सकता है, इसके लिए हमने बात की जिंदल नेचरक्योर इंस्टीट्यूट में चीफ डाइटीशियन सुषमा पीएस से।
पीली मूंग दाल को धुली हुई मूंग दाल के नाम से भी जाना जाता है। यह खाने में बहुत हल्की होती है और पचने में भी आसान मानी जाती है। यह भारतीय रसोई में उपयोग की जाने वाली सबसे आम दालों में से एक है। इसमें जरूरी अमीनो एसिड, फाइबर और विटामिन बी1 भरपूर पाए जाते हैं। यह प्रोटीन का बढ़िया स्रोत है।
चना दाल फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होती है। यह शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करने में मददगार हो सकता है। युवाओं के लिए चना दाल का सेवन ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। इसमें बहुत सारा प्रोटीन होता है और यह कोलेस्ट्रॉल से भी समृद्ध होता है, जो मांसपेशियों के निर्माण में बहुत मदद कर सकता है। डायबिटीज पेशेंट को अपने डाइट प्लान में छोले की दाल (Split chickpeas lentils) को शामिल करना चाहिए।
हमें चना दाल की अपेक्षा मूंग दाल को क्यों प्राथमिकता देनी चाहिए?
मूंग दाल वजन घटाने में मदद करती है, हृदय स्वास्थ्य में सुधार करती है, पोषक तत्वों से भरपूर होती है, ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करती है। यह डायजेस्टिव सिस्टम को भी दुरुस्त करती है।
दूसरी ओर, चना दाल ज्यादा मात्रा में ले लिया जाए, तो उससे कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें कुछ लोगों को होने वाली एलर्जी भी शामिल है। इससे सूजन, आंतों में गैस और ऐंठन भी हो सकती है।
मूंग दाल से कोलेसीस्टोकिनिन हार्मोन फंक्शन में सुधार होता है। नतीजतन, यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और खाने के बाद आपको पेट भरा हुआ महसूस कराने में मदद करता है। इसकी वजह से आप मंचिंग से बची रह सकती हैं और वेट को भी कंट्रोल कर सकती हैं।
पीली मूंग दाल आयरन और पोटैशियम का अच्छा स्रोत है। यह मसल्स क्रैंप को भी रोकता है। यह ब्लड शुगर को भी कम करता है। यह अनियमित हार्टबीट को भी नियंत्रित करता है। हार्ट पेशेंट या हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों के लिए मूंग की दाल बहुत अच्छी होती है, क्योंकि यह हल्की और पचने में आसान होती है।
मूंग दाल में पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन और कॉपर सहित कई मिनरल्स शामिल होते हैं। इसके अतिरिक्त, इसमें फोलेट, फाइबर और विटामिन बी 6 शामिल हैं। हाई विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स वाली पीली मूंग दाल कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज में तोड़ने और शरीर के लिए उपयोगी ऊर्जा के निर्माण में सहायता करती है। इसमें फोलिक एसिड होता है, जो डीएनए सिंथेसिस और हेल्दी ब्रेन फंक्शन को सपोर्ट करता है।
इसमें डायटरी फाइबर भी विशेष रूप से अधिक होता है। एक कप सर्विंग में विटामिन की दैनिक अनुशंसित मात्रा का 40.5% से 71% पाया जा सकता है। यह डाइट फाइबर कंटेंट पोषण संबंधी समस्याओं से बचाती है और ब्लड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करती है।
अपने हाई प्रोटीन लेवल के कारण प्रोटीन का एक शानदार स्रोत है। मूंग दाल स्प्राउट्स में पाए जाने वाले दो मुख्य स्टोरेज प्रोटीन एल्ब्यूमिन और ग्लोब्युलिन हैं। वे स्प्राउट्स की कुल अमीनो एसिड केटेंट का 85% से अधिक होते हैं।
लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों में मूंग दाल शामिल है। इस प्रकार यह शरीर के इंसुलिन, ब्लड शुगर और फैट लेवल को कम करने में मदद करता है। यह डायबिटीज के विकास की संभावना को कम करता है और ब्लग शुगर लेवल कंट्रोल करता है।
पीली मूंग दाल शॉर्ट-चेन फैटी एसिड ब्यूटायरेट प्रोड्यूस करती है। यह इंटेसटिनट वॉल को मजबूत बनाए रखने में सहायता करती है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो पेट में गैस बनने से रोकते हैं।
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