scorecardresearch

सेलिब्रिटी डायटीशियन रुजुता दिवेकर बता रहीं हैं चौमासे या चतुर्मास में आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं

सर्दी-गर्मी की तरह बरसात का मौसम भी अपने साथ आहार संंबंधी कुछ नियम लेकर आता है। जिसे चतुर्मास नियम के रूप में जाना जाता है। रुजुता ने इसी बारे में बात की है।
Published On: 3 Aug 2021, 07:30 pm IST
  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
रुजुता दिवेकर बता रही हैं मानसून डाइट टिप्स. चित्र : शटरस्टॉक

भारत में, जब हम मानसून में प्रवेश करते हैं, तो हम महीनों के एक विशेष चरण में भी प्रवेश करते हैं, जिसे चतुर्मास (चार महीने) के रूप में भी जाना जाता है। चौमासे या चतुर्मास की यह खासियत होती है कि इसका मौसम हमेशा बदलता रहता है। इस दौरान कभी बहुत ज्यादा बारिश होती है, कभी एकदम से गर्मी हो जाती है, तो कभी धूप और बारिश एक साथ होती है।

ऐसे में रुजुता का मानना है कि बदलते मौसम के साथ हमें अपने डाइट पैटर्न में भी कुछ सकारात्मक बदलाव करने चाहिए, ताकि हम चुस्त-दुरुस्त रह सकें। रुजुता कहती हैं कि – ”हमें हमेशा अपने बड़ों द्वारा मौसम के अनुसार फल और सब्जियां खाने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे आवश्यक पोषक तत्वों से भरे होते हैं, जो हमारे शरीर को पोषण देते हैं।”

तो चलिए, जानते हैं मशहूर सेलिब्रिटी डायटीशियन रुजुता दिवेकर द्वारा बताई गयी – मानसून डाइट से जुड़ी सभी ज़रूरी बातें, जिनका हमें ख्याल रखना चाहिए!

मानसून में किन चीजों को करना चाहिए अवॉयड

बरसात के मौसम में बाहर का खाना नहीं खाना चाहिए। रुजुता कहती हैं कि, “मुझे लगता है कि यही एक चीज है जो घर के सभी बड़े हमेशा सलाह देते हैं कि बरसात के मौसम में बाहर का खाना खाने से बचें।” ऐसा इसलिए, क्योंकि बारिश अपने साथ कई रोगाणु लेकर आती है जो बीमारी का कारण बन सकते हैं। अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए सबसे अच्छा है कि बाहर खाना न खाएं।

Pollपोल
एक थकान भरे दिन में एनर्जी के लिए आप किस पर भरोसा करती हैं?

कुछ चीजों को कम करना भी है जरूरी

चातुर्मास का दूसरा नियम है कि आपको अपने मांस, अंडे और मछली का सेवन कम करना चाहिए। मछली खाना कम करने का मुख्य कारण यह है कि मानसून का मौसम मछली के प्रजनन का मौसम भी होता है। इसलिए इस मौसम में हमेशा समुद्री भोजन न खाने की सलाह दी जाती है। आहार में मांस-मछली के अलावा, प्याज और लहसुन भी कम करना चाहिए।

बरसात में इन फूड्स को करें आहार में शामिल

मांस, प्याज और लहसुन को कम करके आप अन्य पोषक तत्वों को आहार में शामिल कर सकते हैं। इन महीनों के दौरान, कई उपवास भी होते हैं और राजगिरा (ऐमारैंथ), कुट्टू और केले के आटे की खपत में वृद्धि होती है। रतालू, शकरकंद और अरबी जैसी सब्जियों का सेवन आप कर सकते हैं। रुजुता ने कहा, “ये कुछ चीजें हैं जिन्हें आपको अपने आहार में शामिल करना चाहिए।”

व्रत में खाएं, कुट्टू के आटे से बना हेल्दी और टेस्टी पिज़्ज़ा. चित्र : शटरस्टॉक
कुट्टू के आटे से बना हेल्दी भोजन खाएं . चित्र : शटरस्टॉक

इसके साथ ही, रुजुता ने कहा कि जंगली और बिना खेती वाली सब्जियां जो स्वतंत्र रूप से उगती हैं और केवल मानसून में उपलब्ध होती हैं, पोषण का सबसे बड़ा स्रोत हैं। जैसे आल के पत्ते या तारो के पत्ते, लिंगड़ी को कसरोड़ या फिडलहेड फर्न के नाम से भी जाना जाता है। जिनका उपयोग अचार बनाने के लिए किया जाता है। अन्य सब्जियां जो जंगली और बिना खेती की होती हैं, वे हैं शेवला जिसे ड्रैगन डंठल याम के रूप में जाना जाता है और अंबाड़ी या सोरेल के पत्तों के रूप में जाना जाता है।

रुजुता का कहना है कि, “आपके क्षेत्र में जो भी जंगली और बिना खेती वाली सब्जियां उगती हैं और इस मौसम में बाजारों में उपलब्ध हैं, उन्हें आहार में शामिल करना चाहिए क्योंकि ये स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हैं।”

यह भी पढ़ें : जी हां, पनीर पोस्ट कोविड हेयर फॉल को रोकने में आपकी मदद कर सकता है, हम बताते हैं कैसे

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
संबंधित विषय:
लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं।

अगला लेख