क्या बच्चों का ज्यादा चॉकलेट खाना जुवेनाइल डायबिटीज का जोखिम बढ़ा सकता है? आइए पता करते हैं
क्या आपके घर के बच्चे भी चॉकलेट के दीवाने हैं? अगर आपको लगता हैं कि ज्यादा मीठा खाने से बच्चों में ऊर्जा का स्तर बढ़ सकता हैं, तो यह गलत है! आप यह नहीं मानना चाहेंगे लेकिन ज्यादा मीठा खाना आपके बच्चों की सेहत के लिए हानिकारक हैं।
कैंडी और चॉकलेट का ज्यादा सेवन आपके बच्चों में जुवेनाइल डायबिटीज का खतरा बढ़ा सकता हैं। इससे कई अन्य रोगों का जोखिम भी बढ़ जाता हैं।
इसलिए जुवेनाइल डायबिटीज जैसी बीमारी से अपने बच्चों को बचाने के लिए उनके चॉकलेट के सेवन को नियंत्रित करें। जानिए क्या हैं जुवेनाइल डायबिटीज के लक्षण, कारण और बचने के उपाय!
सबसे पहले समझिए क्या है जुवेनाइल डायबिटीज
मायो क्लिनिक के अनुसार असल में डायबिटीज दो तरह की होती है- टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज। टाइप 2 डायबिटीज जीवनशैली जनित कारणों से होती है। जिसमें मोटापा, शारीरिक निष्क्रियता, ज्यादा जंक फूड का सेवन और ज्यादा मीठा खाना भी शामिल है।
जबकि टाइप 1 डायबिटीज वंशानुगत कारणों से होती है। इसे ही मेडिकल टर्म में जुवेनाइल डायबिटीज कहा जाता है। इसका कारण कुछ जींस हैं। जिनके कारण बच्चे जन्म से ही डायबिटीज के शिकार हो सकते हैं। दुर्भाग्य से न तो इसके बारे में कोई आकलन किया जा सकता है कि किसे होगी और किसे नहीं और न ही अभी तक इसका कोई उपचार ही खोजा जा सका है।
पर अच्छी बात यह है कि ये संक्रामक नहीं है। यानी परिवार में या दोस्तों के बीच फैलती नहीं है। ऐसे बच्चों का जीवन भर विशेष ख्याल रखना पड़ता है। जिसमें आजीवन इंसुलिन पर निर्भरता शामिल है।
जुवेनाइल डायबिटीज के लक्षण
टाइप-1 डायबिटीज या जुवेनाइल डायबिटीज के कुछ मुख्य लक्षण हैं:
- थकान: शरीर में शुगर का स्तर बढ़ने के कारण बच्चों में अत्यधिक नींद और असामान्य थकान का अनुभव होता हैं।
- बढ़ती भूख: इंसुलिन नामक हॉर्मोन में असंतुलन होने के कारण बच्चों में ऊर्जा का स्तर कम होने लगता हैं। ऐसे में उन्हे बार-बार भूख लगती रहती हैं।
- अचानक वजन में गिरावट: डायबिटीज के रोगी का वजन आमतौर पर बहुत तेजी से गिरने लगता हैं। यही स्थिति बच्चों में भी होती हैं।
- बार-बार पेशाब आना: जुवेनाइल डायबिटीज से पीड़ित बच्चों को बार-बार बाथरूम जाना पड़ता हैं। यह शरीर में उच्च शर्करा की वजह से हो सकता हैं। ऐसे में बेड वेटिंग एक आम समस्या हो सकती हैं।
तो क्या चॉकलेट खाने से बच्चे जुवेनाइल डायबिटीज के शिकार हो सकते हैं?
इसका स्पष्ट जवाब है ‘नहीं’,। जुवेनाइल डायबिटीज असल में एक ऑटो इम्युन (auto-immune) बीमारी हैं, जो बच्चों के जीनोम पर भी निर्भर करती हैं। चॉकलेट खाने या न खाने से इस बीमारी का कोई संबंध नहीं है। पर इसका यह मतलब नहीं है कि चॉकलेट पूरी तरह हानिरहित हैं।
कई स्वास्थ्य लाभों के बावजूद चॉकलेट का ज्यादा सेवन बच्चों के लिए कई स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता सकता है। इसमें टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम भी शामिल है। इसके अलावा मोटापा, दांत खराब होना, कमजोर पाचन तंत्र भी ज्यादा चाॅकलेट खाने का नतीजा हो सकते हैं।
यह भी याद रखें
चॉकलेट के जिन लाभों की हम असर चर्चा करते हैं वे केवल डार्क चॉकलेट हमें देती हैं। जबकि विज्ञापनों की भीड़ और आकर्षक जिंगल आपके बच्चों को जिस चॉकलेट की क्रेविंग दे रहे हैं, उसमें चॉकलेट नाममात्र है।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंइनमें मौजूद हानिकारक रंग, कृत्रिम स्वाद और प्रीजर्वेटिव बच्चों की सेहत पर गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं। इसलिए विज्ञापनों के धोखे में न आएं और बचपन से ही अपने बच्चे को स्वस्थ आहार की आदत डालें। अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन भी मीठे के हेल्दी विकल्पों की ओर स्विच करने की सिफारिश करता है।
यह भी पढ़ें: Karwa Chauth 2021:करवा चौथ की सरगी में शामिल करें ये ड्राई फ्रूट पराठा, दिन भर रहेगी एनर्जी