हम माफी चाहते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि डार्क चॉकलेट का सेवन करने से आपको कभी भी वजन कम करने में मदद नहीं मिलेगी। हम जानते हैं कि आप इस बिंदु को लेकर हमसे घृणा कर सकते हैं, लेकिन हमारा विश्वास करें, हम आप लोगों को एक भयावह गलती करने से बचाना चाहते हैं।
हम कहेंगे कि आप थोड़ी गलती कर रहे हैं, क्योंकि यदि आपने शोध पत्रों को बारीकी से देखा होगा, तो आपने पाया होगा कि जब डार्क चॉकलेट और वजन घटाने की बात आती है, तो ‘शायद’ एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग अक्सर किया जाता है। इसका मतलब है कि वजन घटाने के लिए डार्क चॉकलेट खाने से परिणाम की गारंटी नहीं मिलती है।
नहीं, हम यह नहीं कह रहे हैं कि डार्क चॉकलेट के फायदे नहीं हैं, लेकिन वजन कम करना उनमें से एक नहीं है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट, पॉलीफेनोल्स, और फ्लेवोनोइड्स होते हैं, इसलिए आप अवांछित वजन की उम्मीद किए बिना, इसके स्वाद और स्वास्थ्य लाभ का आनंद ले सकती हैं!
डॉ. अंजलि हुड्डा, एमबीबीएस, एमडी (इंटरनल, ओबेसिटी, फंक्शनल मेडिसिन, यूएसए) और लाइवनेट्यूट्रिट और सेंटर फॉर ओबेसिटी एंड लॉन्ग्विटी के निदेशक के अनुसार, चॉकलेट खाने से कोई भी वजन कम नहीं कर सकता है। यद्यपि दावे कई हैं, लेकिन याद रखें चॉकलेट को जितना अधिक डार्क या गहरा किया जाता है, उसे स्वादिष्ट बनाने के लिए उसमें उतना ही अधिक चीनी उपयोग किया जाता है।
कोको या ककाओ एंटीऑक्सिडेंट का एक बेहतरीन स्रोत है, लेकिन अगर आप पूरी तरह से इस पर निर्भर हैं, और अपने भोजन की आदतों को ठीक नहीं करते हैं, तो आपका वजन कम होने वाला नहीं है।
डा. हुड्डी कहती हैं,“एंटीऑक्सिडेंट्स के साथ, डार्क चॉकलेट मैग्नीशियम, मैंगनीज, कॉपर, जिंक और आयरन में भी समृद्ध हैं। कई अध्ययन हैं जो बताते हैं कि डार्क चॉकलेट लोगों को हृदय रोग से बचा सकती है। लेकिन मुद्दा यह है कि जब भी संभव हो, अच्छी गुणवत्ता वाले और डार्क चॉकलेट के जानमाने ब्रांड की चॉकलेट का सेवन करें।
वह यह भी उल्लेख करती है कि डार्क चॉकलेट वसा सामग्री में समृद्ध हैं, इसलिए यदि आप कीटो डाइट जैसे वसा आधारित आहार का पालन नहीं कर रहे हैं, तो नियमित रूप से उनका सेवन करना आपको नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
डा. हुड्डा के अनुसार, नियमित चॉकलेट की तुलना में, डार्क चॉकलेट में कोको की सामग्री अधिक होती है, इसलिए यह फ्लेवोनोइड्स में बेहद समृद्ध हैं। ये सुपर एंटीऑक्सिडेंट हैं जो टाइप 2 मधुमेह और इंसुलिन संवेदनशीलता के जोखिम को कम कर सकते हैं। इसके अलावा, कोको में थियोब्रोमाइन और फेनिलएलनिन सामग्री आपके मूड को तुरंत बढ़ावा दे सकती है, क्योंकि यह हेप्पीनेस हार्मोन सेरोटोनिन और डोपामाइन का एक अग्रदूत है।
लेकिन इन लाभों का आनंद लेने के लिए, आपको यह जांचने की आवश्यकता है कि आप कितनी डार्क चॉकलेट खा रही हैं और कब। डॉ. हुड्डा के अनुसार, एक या दो इंच डार्क चॉकलेट का टुकड़ा दैनिक उपभोग के लिए पर्याप्त है। इसके अलावा, आपको डार्क चॉकलेट का सेवन डिनर के बादन करने से बचना चाहिए।
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कस्टमाइज़ करेंडॉ हुड्डा ने निष्कर्ष निकाला कि डार्क चॉकलेट कुछ लोगों में माइग्रेन को ट्रिगर कर सकती है। चूंकि ये चॉकलेट कैफीन से लदी होती हैं, इसलिए आप में कुछ लोगों को इसके सेवन के बाद जलन महसूस हो सकती है। यह कुछ दवाओं और हार्मोन के साथ हस्तक्षेप भी कर सकता है। इसके अलावा, यह मधुमेह के रोगियों में ब्लड शुगर को भी बढ़ा सकती हैं, क्योंकि चॉकलेट के कई ब्रांडों में उच्च मात्रा में छिपी हुई चीनी होती हैं।
ऐसा लगता है कि वजन घटाने के लिए डार्क चॉकलेट सेवन करना सभी मार्केटिंग नौटंकी है। तो, किसी भी प्रकार की अपेक्षाओं के बिना डार्क चॉकलेट का आनंद लें!