सर्दी के मौसम में बच्चों को बुखार, जुकाम और खांसी का सामना करना पड़ता है। दरअसल, इम्यून सिस्टम कमज़ोर होने के चलते वे आसानी से संक्रमण की चपेट में आने लगते है। ऐसे में शरीर को इंटरनली मज़बूत बनाने के लिए खानपान को लेकर सचेत रहने की विशेष आवश्यकता होती है। इन दिनों एचएमपीवी वायरस के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। चीन में उत्पन्न हुए इस वायरस की पुष्टि भारत में सबसे पहले 8 माह की बच्ची में हुई। उसके बाद एक के बाद एक कई मामले प्रकाश में आए हैं। बच्चों को इस बीमारी से बचाने के लिए हेल्दी डाइट बेहद ज़रूरी है। जानते हैं आहार में किन सामान्य बदलावों को लाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है (Foods to protect from HMPV) ।
स्टैंडर्ड एंड एजुकेशन इनीशिएटिव्स, ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर स्किन काउंसिल बी एंड डब्ल्यूएसएससी भारत में डीजीएम, डॉ अंबिका शर्मा बताती हैं कि एचएमपीवी (HMPV) के खतरे से बचने के लिए बच्चों को संतुलित आहार (Foods to protect from HMPV) अवश्य दें। इससे न केवल इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है बल्कि गट हेल्थ को भी मज़बूती मिलती है। बच्चों के आहार में विटामिन ए और सी को शामिल करे। इसके अलावा एंटी इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थों का सेवन करें। प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाकर रखें और शुगर व ऑयली फूड्स को आहार में शामिल न करें।
बैलेंस्ड बाइट की फांउडर व डायटीशियन अपेक्षा चंदुरकर बताती हैं कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस यानि एचएमपीवी के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील होने की आवश्यकता हैं। ऐसे में स्वस्थ आहार के माध्यम से इम्यून सिस्टम को मजबूत किया जा सकता है। इसके लिए दैनिक आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, खट्टे फल, योगर्ट, नट्स व सीड्स, अदरक, लहसुन और पानी का भरपूर मात्रा में सेवन करें।
गले में बढ़ने वाली खराश और खांसी को दूर करने के लिए बेसन का हलवा बनाएं। इससे शरीर को प्रोटीन, कार्बस मैगनीशियम और एंटीऑक्सीडेंटस की प्राप्ति होती है। इसके लिए बेसन को भूनकर उसमें गुड़ डालें और आवश्यकतानुसार घी व पानी डालकर पकाएं। अब इसमें चुटकी भर काली मिर्च मिलाएं। इससे चेस्ट कंजेशन से राहत मिलती है।
चिया सीड्स, अलसी के बीज और बादाम व अखरोट में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है। इससे रेस्पीरेटरी हेल्थ को मज़बूती मिलती है और शरीर हेल्दी रहता है। सभी नट्स और सीड्स को रोस्ट करने के बाद दरदरा पीस लें। अब सीडलेस खजूर को पकाकर उसमें मिश्रण एड कर दें। इसमें कसा हुआ नारियल एड कर दें। हल्का ठंडा होने के बाद इसे लड्डू का आहार दें। चाहें, तो इसमें सफेद तिल भी मिला सकते है।
इस सूप से शरीर को विटामिन ए, सी और लाइकोपिन की प्राप्ति होती है। बार बार आने वाली खांसी को दूर करने के लिए ब्रोकली और गाजर को पकाकर टमाटर की प्यूरी में एड कर दें। अब स्वादानुसार नमक, काली मिर्च और अदरक मिलाएं। धनिए से गार्निश करके इसे सर्व करें। सूप को हल्का गर्म पीने से गले को सूदिंग इंफेक्ट की प्राप्ति होती है।
विटामिन सी और पोटेशियम से भरपूर आंवला का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार आता है। इसके लिए आंवला को स्टीम कर लें। अब मुलायम होने के बाद उसे सीडलेस करके मैश करें। पेस्ट में काली मिर्च और शहद को मिलाएं और कांच की डिब्बी में डालकर रख दें। इसे स्प्रेड की तरह इस्तेमाल कर सकते है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता से सुधार आने लगता है।
बीटरूट का सेवन करने से शरीर को बेटालेन्स एंटीऑक्सीडेंटस की प्राप्ति होती है। इससे पाचन को मज़बूती मिलती है और कब्ज की समस्या हल हो जाती है। गट हेल्थ को मज़बूत बनाने के लिए बीटरूट चीला का सेवन फायदेमंद साबित होता है। इसके लिए बेसन और होल व्हीट फ्लोर में चुकंदर को मिलाकर चीला तैयार करें। इससे शरीर में आयरन की कमी को पूरा किया जाता है।
दूध के पोषण को बढ़ाने के लिए फ्लैक्स सीड्स को रोस्ट करके पाउडर तैयार कर लें। अब उसे दूध, दलिया, ओटमील और दही में मिलाकर खा सकते है। मिल्क श्सेक बनाने के लिए दूध में केले को ब्लैंड कर दें अब उसे फ्लैक्स सीड्स पाउडर से गार्निश करके सर्व करें।
एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर फलों को सेवन करने से शरीर को विटामिन ए, सी और डी की प्राप्ति होती है। बच्चों के आहार में दिन में दो बार इसे शामिल कर सकते है। इसके लिए सैलेड में स्ट्रॉबेरी, संतरे, अनानास, अमरूद, कीवी, ब्लूबेरी और काले अंगूर शामिल कर सकते हैं।
हाइड्रेशन शरीर के लिए बेहद ज़रूरी है। इसे बनाए रखने के लिए आहार में कोकोनट वॉटर, नींबू का पानी और डिटॉक्स वॉटर का सेवन करें। इससे बच्चे को एचएमपीवी जैसी समस्याओं से निपटने के लिए एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली बनाने में मदद मिलती है।
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