रसम-राइस, दक्षिण भारत में बहुत से लोगों का यह पसींदादा भोजन है। इसका तीखा-खट्टा स्वाद हर किसी को अपना दीवाना बना सकता है। पर अगर आप स्वास्थ्य की दृष्टि से देखें, तो भी यह एक हेल्दी रेसिपी है। इसमें शामिल इमली न सिर्फ आपको विटामिन सी की एक अच्छी डोज देती है, बल्कि साथ ही कैल्शियम और कार्बोहाइड्रेट की भी आपूर्ति करती है। तो आज बनाते हैं इम्युनिटी बढ़ाने वाली हेल्दी रसम।
हम इमली की सिफारिश यूं ही नहीं कर रहे। असल में बस 100 ग्राम इमली में प्रोटीन 2.8 ग्राम, लिपिड 0.6 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट 62.5 ग्राम, फाइबर 5.1 ग्राम, आयरन 2.8 मिलीग्राम, कैल्शियम 74 मिलीग्राम, विटामिन-सी 3.5 मिलीग्राम, थियामिन 0.428 मिलीग्राम और राइबोफ्लेविन 0.152 मिलीग्राम पाया जाता है। ये सभी पोषक तत्व इमली को इम्युनिटी बूस्टर सुपरफूड बनाते हैं।
इमली में कुछ मात्रा में विटामिन-सी (एस्कार्बिक एसिड) पाया जाता है, जो इम्युनिटी को बढ़ाने में काफी प्रभावी है। इमली के बीज में पॉलीसैकेराइड तत्व पाए जाते हैं, जो इम्यून बूस्टर का काम करती है। एनसीबीआई ने इस बात की पुष्टि अपनी वेबसाईट पर की है। जिसके अनुसार पॉलीसैकेराइड में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गतिविधियां पाई जाती हैं। जो शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता देती है।
ये अध्ययन इस ओर भी इशारा करता है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इमली के बीज विश्वसनीय हो सकते हैं।
इमली में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो फ्री रेडिकल्स (ये दिल के लिए बुरे होते हैं) के हानिकारक प्रभाव से आपके दिल की रक्षा कर सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, इमली के अर्क का सेवन करने से प्लाक जमने की क्रिया (एथेरोस्क्लेरोसिस) में बाधा हो सकती है। जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस से जुड़े हृदय रोगों खतरा कम हो सकता है। वहीं, इसी शोध में सीधे कोलेस्ट्रॉल को कम करने का जिक्र मिलता है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए इमली का सेवन बेहतर होता है। इमली के बीज के अर्क में उच्च स्तर पर पॉलीफेनोल और फ्लेवोनोइड पाए जाते हैं। इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि इमली के बीज के अर्क में एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं, जिससे ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसलिए, रसम का सेवन करें और स्वस्थ रहें।
इमली का सेवन करने से कब्ज में राहत मिलती है। ये लैक्सेटिव प्रभाव दिखाता है। साथ ही ये पेट दर्द से राहत देने में भी काम आता है। विशेष तौर पर थाई इमली के गूदे का अर्क कब्ज की समस्या से राहत दे सकता है। इसमें मौजूद लैक्सेटिव गुण मल को त्याग की क्रिया को आसान बनाता है।
1 छोटा चम्मच नारियल तेल
3 सूखी लाल मिर्च, 4 हरी मिर्च
6 दाने काली मिर्च के, धनिया
एक टी स्पून जीरा, सरसों के दाने
10 कलियां लाहसून की, एक कटा हुआ टमाटर
30 ग्राम इमली गर्म पानी में भिगोई हुई
हाफ टी स्पून हींग, हल्दी
15 कड़ी पत्ते
नमक स्वादानुसार
1 टेबलस्पून गुड पाउडर
नोट- इसे धीमी आंच पर पकाएं।
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