नमक हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है इसके बिना हम भोजन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। परंतु पिछले कुछ वर्षों में नमक सेहत की दुनिया का सबसे बड़ा दुश्मन बताया जाने लगा है। असल में बुराई नमक में नहीं, जंक फूड में उनके अंधाधुंध इस्तेमाल में है। सेलिब्रिटी डाइटीशियन रुजुता दिवेकर ने हाल ही में बताया कि क्यों जरूरी है आहार में अलग-अलग तरह के नमक का इस्तेमाल।
करीना कपूर जैसी परफेक्ट दीवा की डाइटीशियन हमेशा से ही पारंपरिक कुकिंग और खानपान की सिफारिश करती रहीं हैं। इस बार वे नमक के बारे में बता रहीं हैं। रुजुता कहती हैं, “नमक आपकी सेहत का दुश्मन नहीं है। बस जरूरी है उसका सही मात्रा में सेवन करना। अमूमन लोग सिर्फ रेगुलर सॉल्ट या आयोडीन युक्त सफेद नमक के बारे में ही जानते हैं। जबकि आयुर्वेद में 19 तरह के नमक का जिक्र किया गया है।”
रुजुता के अनुसार हर नमक का अपना एक खास गुण होता है। इन सभी को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में अपनी दिनचर्या में शामिल करना आपकी सेहत के लिए अच्छा हो सकता है। सुश्रुत, चरक आदि ने भी विभिन्न लवणों के उपयोग और उनके औषधीय महत्व के बारे में बताया है। ये नमक भोजन को स्वादिष्ट तो बनाते ही हैं, साथ ही इनके कई औषधीय लाभ भी हैं।
सिर्फ आयुर्वेद ही नहीं इन नमक के स्वास्थ लाभ को नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन (NCBI) ने भी प्रमाणित किया है। यहां हम आपको उन 5 तरह के नमक के बारे में बता रहे हैं, जिनका इस्तेमाल आप आसानी से कर सकती हैं। और जिन्हें ढूंढने के लिए आपको बहुत मेहनत भी नहीं करनी होगी।
ये पांच तरह के नमक हैं सेंधवा सा सेंधा नमक, समुद्री या सी सॉल्ट, काला नमक, सौवर्चला लवण या विदा नमक, सांभर या रोमाका नमक।
हम सब जानते हैं कि ब्लड प्रेशर के मरीजों को नमक कम खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन आपको जानकार आश्चर्य होगा कि सेंधा नमक ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है। ये अकेला ऐसा नमक है, जो रक्तचाप को नियंत्रित कर हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है।
आपको तनाव मुक्त रखने के लिए ये नमक बेहद कारगर है। ये शरीर में सेराटोनिन और मेलाटोनिन हर्मोन को नियंत्रित करता है, जिससे तनाव कम हो जाता है।
लोग अक्सर व्रत में फलाहार खाते समय इस नमक का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि सेंधा नमक अन्य सॉल्ट की तरह बॉडी पर हावी नहीं होता है और हल्का महसूस करवाता है। यह नमक पेट में पाचन रसों का निर्माण करता है जिससे खाना आसानी से पच जाता है।
यह नमक बॉडी पेन और जोड़ों के दर्द से रहत दिलाता है। साथ ही मांसपेशियों में अकड़न या एंठन को दूर करता है।
इसी नमक में आयोडीन मिलाकर बेचा जाता है। जिसे हम रेगुलर सॉल्ट के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंसमुद्री नमक में मैग्नीशियम होता है, जो आपके शरीर के PH लेवल को मेन्टेन रखने में मददगार है। आहार में ली गयी इसकी संतुलित मात्रा आपको एसिडिटी से बचाती है।
सी सॉल्ट त्वचा के डेड स्किन सेल्स को हटाता है। इसे पानी में डालकर नहाने से आपकी त्वचा की नमी भी बरकरार रहेगी।
हमारे शरीर में पानी के स्तर को बनाए रखने में सोडियम अहम भूमिका निभाता है। जबकि शरीर में सोडियम की कमी डिहाइड्रेशन की समस्या को जन्म देती है। समुद्री नमक में भरपूर मात्रा में सोडियम होता है जो शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता।
काला नमक नेचुरल बॉडी डिटॉक्स का काम करता है। ये नमक शरीर से सारे विषाक्त पदार्थ को बाहर निकाल देता है। इसका सेवन आपके शरीर को प्राकृतिक तौर पर साफ करता है।
काला नमक खाने से कब्जियत की समस्या नहीं होती और पाचन तंत्र भी मज़बूत होता है। ये नमक आपके पेट को हल्का महसूस करवाता है।
काला नमक आपका वज़न घटाने में भी सहायक है, क्योंकि ये प्राकृतिक तरीके से आपकी बॉडी का फैट बर्न करने में मदद करता है।
काला नमक खाने से हड्डियां भी मज़बूत रहती हैं। इसमें कई तरह के पोषक तत्व और मिनरल होते हैं, जो हड्डियां कमज़ोर नहीं पड़ने देते।
विदा नमक का प्रयोग आयुर्वेदिक थेरेपी में किया जाता है। यह अपनी खास प्रोपर्टीज के कारण नर्वस सिस्टम को दुरुस्त रखने में कारगर है।
विदा नमक का सेवन अस्थमा के मरीजों को करना चाहिए, ये उनके श्वसन तंत्र को मज़बूत बनता है।
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए इस नमक का कई दवाओं भी प्रयोग किया जाता है।
यह नमक गुजरात की सांभर झील से निकाला जाता है। इसलिए इसका एक नाम सांभर भी है। हालांकि इसकी उपलब्धता और उपयोग बहुत कम लोग जानते हैं। परंतु आयुर्वेद में इसके औषधीय गुणों के कारण इसका उल्लेख किया गया है।
सांभर या रोमाका नमक शरीर की गर्मी को दूर करने में कारगर है। स्नान के वक़्त इसका प्रयोग आपको पूरे दिन ठंडा रख सकता है।
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