आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर गुड़ का प्रयोग रेसिपीज़ से लेकर होम रेमिडीज़ तक हर चीज़ में किया जाता है। मां की रसोई में मौजूद गुड़ पौष्टिक तत्वों से भरपूर है। बचपन में खाना खाने के बाद अक्सर गुड का एक छोटा टुकड़ा मां खाने के लिए ज़रूर देती हैं। उनकी बताई बात आज भी याद है, वो कहती थीं, कि इससे खाना जल्दी पच जाता है। साथ ही शुगर क्रेविंग को भर कम किया जा सकता है। इसके अलावा गुड़ को दूध में मिलाकर पीने से भी शरीर को कई फायदे मिलते हैं। जानते हैं दूध में गुड़ मिलाकर (milk with jaggery) पीने से शरीर को कौन से फायदे मिलते हैं।
इस बारे में डायटीशियन व सर्टिफाइट डायबिटीज़ एजुकेटर डॉ अर्चना बत्रा बताती हैं कि सदियों से लोग दूध में गुड़ मिलाकर पी रहे हैं। गुड़ में मौजूद आयरन, पोटेशियम, प्रोटीन और मैग्नीशियम की मात्रा शरीर को कई समस्याओं से दूर रखती है। गुड़ खाने से डाइजेशन बूस्ट होता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Tips to boost immunity) का भी विकास होता है। चीनी की जगह गरम दूध में गुड़ (Jaggery milk benefits) को मिलाकर पीने से नींद न आने की समस्या हल होने लगती है और हेल्दी वेट मेंटेन रहता है।
गुड़ का सेवन करने से शरीर में डाइजेस्टिव एंजाइम्स का सिक्रीशन बढ़ने लगता है, जिससे कब्ज की समस्या हल हो जाती है और बॉवल मूवमेंट नियमित होने लगता है। वहीं दूध में मौजूद कैल्शियम और विटामिन डी से एसिडिटी की समस्या हल होती है और पेट में बनने वाले एसिड से बचा जा सकता है। इसके सेवन से गट हेल्थ बूस्ट होती है।
एंटीऑक्सीडेंटस और जिंक व सिलेनियम जैसे मिनरल्स से भरपूर गुड़ को खाने से शरीर में संक्रमण का प्रभाव कम हो जाता है। दूध में गुड़ को मिलाकर पीने से सर्दी खांसी से राहत मिलती है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार आने लगता है। गुड़ के अलावा दूध में भी विटामिन और मिनरल की भरपूर मात्रा पाई जाती है।
दिनभर काम और वर्कआउट के बाद होने वाली थकान को दूर करने के लिए दूध में गुड़ मिलाकर पीने से शरीर में कमज़ोरी कम होने लगती है। शरीर को एंक्टिव और एनर्जेटिक बनाए रखने के लिए दूध में गुड़ मिलाकर अवश्य पीएं। इससे शुगर लेवल में बढ़ने वाले स्पाइक से भी बचा जा सकता है।
गुड़ के सेवन से पीरियड पेन को कम करने में मदद मिलती है। दरअसल, गुड़ को दूध में मिलाकर पीने से मांसपेशियों को आराम मिलता है, जिससे एंडोर्फिन हार्मोन ज्यादा मात्रा में रिलीज़ होता है। इससे मासिक धर्म में बढ़ने वाली ऐंठन और असुविधा को दूर करने के अलावा मूड स्विंग को भी कम करता है।
गर्म दूध में ट्रिप्टोफैन नाम का अमीनो एसिड पाया जाता है। इससे नींद न आने की समस्या हल हो जाती है। वहीं गुड़ एक एंटी स्ट्रेस एजेंट के रूप में काम करता है। इसके सेवन से ब्रेन के मसल्स रिलैक्स हो जाते हैं और नींद की गुणवत्ता में सुधार आने लगता है। वे लोग जिन्हें रात में बार बार उठना पड़ता है। उन्हें भरपूर नींद लेनी चाहिए।
आमतौर पर अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी रेस्पीरेटी समस्याओं को कम करने के लिए पारंपरिक उपचार का इस्तेमाल किया जाता है। दरअसल, दूध में गुड़ को मिलाकर पीने से गले में जमा बलगम यानि म्यूकस को कम करके एयरवेज़ को साफ करने में मदद मिलती है। वहीं दूध की गर्माहट से भी सांस संबधी समस्याएं हल होने लगती हैं।
इसमें कोई दोराय नहीं कि गुड़ में कैलोरीज़ पाई जाती है। मगर शरीर में रिफांइड शुगर के मुकाबले इसका स्लो एबजॉर्बशन क्रेविंग्स को कम करके ओवरऑल कैलोरीज़ के इनटेक को नियंत्रित करता है। इससे शरीर एक्सेसिव वेटगेन से बच पाता है।
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