अनियमित खानपान जहां एसिडिटी का कारण साबित होता है, तो वहीं कब्ज की शिकायत भी बढ़ने लगती है। अधिकतर लोग इस समस्या से बचने के लिए कइ तरह की दवाओं और घरेलू नुस्खों की मदद लेते है। मगर समस्या ज्यो की त्यों बनी रहती है। हांलाकि कुछ लोग बॉवल मूवमेंट को नियमित बनाए रखने के लिए भी चाय से भी दिन की शुरूआत करते है। अगर आप कब्ज से परेशान हैं, तो एक कप कॉफी इसमें आपकी मदद कर सकती है। जानते हैं कॉफी कब्ज की समस्या को कैसे करती है हल (Coffee for Relieving Constipation) ।
कॉफ़ी के सेवन से कोलोनिक मोटर एक्टिविटी में वृद्धि देखी गई है। डायटीशियन मनीषा गोयल के अनुसार कॉफ़ी में मौजूद कैफीन एक उत्तेजक के रूप में काम करता है जो पेरिस्टलसिस को बढ़ाता है, जिससे कोलन उत्तेजित होता है। ऐसे में गैस्ट्रोकोलिक रिफ्लेक्स प्रक्रिया की मदद से कब्ज की समस्या हल हो जाती है। कॉफी का सेवन करने से बायोएक्टिव कंपाउड की प्राप्ति होती है, जिससे गैस्ट्रिक एसिड का प्रोडक्शन बढ़ जाता है (Coffee for Relieving Constipation) ।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार कैफीनयुक्त कॉफी और डिकैफ़ कॉफी कोलन को उत्तेजित करने में मदद करते हैं। हालांकि कैफीनयुक्त कॉफी डिकैफ़ कॉफी की तुलना में कोलन को 23 प्रतिशत अधिक उत्तेजित करती है और सादे पानी की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक फायदा पहुंचाती है (Coffee for Relieving Constipation)। इरिटेबल सिंड्रोम वाले लोग जो हाइपरसेंसिटिव गैस्ट्रोकोलिक रिफ्लक्स से ग्रस्त है। उनमें पाचन संबधी समस्याएं हल होने लगती है। ऐसे में कॉफी का सेवन करने से इसमें मौजूद रेचक प्रभाव मल त्याग को उत्तेजित कर सकता है।
प्लोस वन की रिपोर्ट के अनुसार कॉफी का सेवन करने से यूरिन की फ्रिक्वेंसी बढ़ने लगती है। इससे शरीर में जमा टॉक्सिक पदार्थों को रिलीज़ करने में मदद मिलती है। साथ ही कब्ज से भी राहत मिल जाती है। सीमित मात्रा में इसका सेवन शरीर को फायदा पहुंचाता है (Coffee for Relieving Constipation)।
कैफिनेटिड और डिकैफिनेटिड दोनों प्रकार की कॉफी का सेवन करने से शरीर में कोलेसिस्टोकाइनिन हार्मोन का उत्पादन बढ़ने लगता है। इससे बाइल सिक्रीशन को उत्तेजित करता है। ये गॉल ब्लैडर को संकुचित करके बाइल रिलीज़ को बढ़ा देता है ।
कॉफी पाचन तंत्र में मांसपेशियों को उत्तेजित करने में मदद कर सकती है, जिससे नियमित मल त्याग में मदद मिलती है। इसके अलावा कब्ज (Coffee for Relieving Constipation) के कारण बढ़ने वाली ऐंठन, दर्द और भारीपन व एसिडिटी से भी राहत मिल जाती है।
कॉफी में मौजूद कैफीन आंतों के माध्यम से भोजन की गति को बढ़ाने में मदद कर सकता है। ऐसे में कब्ज का खतरा कम होता है और नियमित मल त्याग को बढ़ावा मिलता है।
कॉफी का सेवन करने से गैस्ट्रोकोलिक रिफ्लेक्स को बढ़ावा मिल जाता है। इसमें मौजूद लैक्सेटिव गुण कोलन की स्पीड बढ़ाने और उसकी क्लीजिंग में भी मदद करता है। सीमित मात्रा में इसका सेवन करने से पाचन में सुधार होता है। वे लोग जो अधिक मात्रा में कॉफी पीते है, उससे निर्जलीकरण का जोखिम बढ़ जाता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार कॉफी उन हॉरमोन को भी उत्तेजित करती है जो भोजन को आंत से आगे बढ़ाने में मदद करते हैं। इसका सेवन करने से गैस्ट्रिन हार्मोन के स्तर को बढ़ा सकते है। कैफीन की तरह गैस्ट्रिन कोलन को अधिक सक्रिय बनाता है नियमित या डिकैफ़िनेटेड कॉफ़ी पीने से पानी पीने की तुलना में गैस्ट्रिन का स्तर 2.3 और 1.7 गुना बढ़ जाता है (Coffee for Relieving Constipation)।
डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि डाइजेशन को बूस्ट करने के लिए दूध वाली कॉफी की जगह ब्लैक कॉफी का सेवन करें। दूध वाली कॉफी एसिडिटी को बढ़ा का काम करती है। दिन में दो बार कॉफी का सेवन किया जाता है। दिनभर में 2 से 5 ग्राम तक सेवन करें। गर्म पानी लें और उसमें कॉफी एड कर लें। स्वादानुसार शहद या कोकोनट शुगर एड कर सकते है। इसके अलावा वे लोग जो हाई ब्लड प्रेशर और एंग्ज़ाइटी से ग्रस्त हैं। उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए।
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