क्या आप आजकल कभी भी कुछ भी रख कर भूल जाती हैं, काम करते-करते अचानक ध्यान दूसरी तरफ चला जाता है या छोटी सी बात पर भी ओवररिएक्ट करने लगती हैं? अगर इन सभी सवालों का जवाब हां है, तो आपको अपने मस्तिष्क और उसकी कार्यक्षमता पर ध्यान देने की जरूरत है।
प्रेगनेंसी, प्रसव के बाद, मेनोपॉज में या बढ़ती उम्र के साथ किसी भी महिला की कॉगनिटिव स्किल घटने लगती है। पर इसे बचाने में चुकंदर मददगार हो सकता है। जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा। चुकंदर में कई ऐसे यौगिक होते हैं, जो आपके लिए ब्रेन डाइट का काम करते हैं। आइए जानते हैं मस्तिष्क के लिए चुकंदर के फायदे।
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दक्षिण अफ्रीका के स्वतंत्र और सबसे बड़े रेडियो स्टेशन जाकारांडा एफएम (Jacarandafm) ने अपने हालिया पोस्ट के जरिए बताया कि चुकंदर दिमाग को बूस्ट करने का काम करता है। इसमें प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट मौजूद है। जिसकी वजह से हमारे शरीर के रक्त में मौजूद विषाक्त पदार्थों (toxins in blood) से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
और उसमें मौजूद नाइट्रेट दिमाग में रक्त प्रवाह को सुचारू बनाने में मदद करता है। यही कारण है कि चुकंदर खाने से मेंटल हेल्थ सुधरती है। दरअसल इसका सेवन करने से हमारे दिमाग के काम करने की क्षमता बूस्ट होती है।
वर्चुअल दुनिया में टेलीमेडिसिन का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। लोगों को इसके जरिए परामर्श दे रहे लांग डिस्टेंस कोचिंग प्रोग्राम (Long-Distance Coaching Program) संगठन से जुड़े हेल्थ कोच डॉ डेविड जोकर्स (Dr. David Jockers, DNM, DC, MS) बताते हैं कि चुकंदर हमारे मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है।
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कभी-कभी प्रसव के बाद महिलाओं को सोचने, समझने, याद रख पाने में मुश्किल आने लगती है। और कभी उन्हें महसूस होने लगता है कि वे शारीरिक और मानसिक रुप से सबसे अलग-थलग पड़ गई हैं। यानी आपकी कॉगनिशन पावर घटने के साथ-साथ फिजिकल स्टेमिना भी कमजोर पड़ रहा है।
असल में ये पोस्टमार्टम डिप्रेशन के लक्षण हो सकते हैं। जिसकी वजह से इस तरह की शिकायतें सुनने को मिलती हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं कि इस समस्या से उबरने में चुकंदर आपकी मदद कर सकता है। पोस्टमार्टम डिप्रेशन से उबरने में मदद करने के साथ-साथ दिमाग की घट रही क्षमता बूस्ट करने और कमजोर पड़ गई शारीरिक क्षमता को सुधारने में भी आप चुकंदर की मदद ले सकती हैं।
अमूमन प्रेगनेंसी के दौरान या बाद में महिलाओं को इसका अनुभव करना पड़ता है। जिसकी वजह से व्यवहार में कई बदलाव शुरु होने लगते हैं। हर छोटी बात पर ओवररिएक्ट करना या बेवजह उदास हो जाना इसके लक्षण हो सकते हैं। पर चिंता न करें, क्योंकि कुछ खास पोषक तत्वों को ग्रहण करने से आपको इस स्थिति से उबरने में आसानी होगी।
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उम्र बढ़ने के साथ ज्यादातर बुजुर्गों के दिमाग की कोशिकाएं तेजी से डेड होने (Dementia) लगती हैं। जिसकी वजह से उनके दिमाग के काम करने की क्षमता भी घटने लगती है। ऐसे में डॉ डेविड जोकर्स बताते हैं कि जो लोग इस अवस्था में चुकंदर का सेवन करते हैं उनके दिमाग की कोशिकाएं डेड होना बंद हो सकती हैं क्योंकि चुकंदर में मौजूद न्यूट्रीएंट इसे रोकने में काफी हद तक कारगर (helps prevent the onset of dementia in the elderly) है।
दिमाग की क्षमता को बूस्ट करने वाला एक और न्यूट्रीएंट यानी केमिकल चुकंदर में मौजूद है। जिसका नाम है कोलाइन (Choline)। डॉ डेविड कहते हैं कि हमारे याद्दाश्त को बढ़ाने में चुकंदर मदद करता है।
सिर्फ इतना ही नहीं, शोध बताते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान जो महिलाएं चुकंदर खाती हैं, उन्हें यह फायदे देने के साथ उनके गर्भ में पल रहे बच्चे के मस्तिष्क को विकासित करने में भी मदद करता है।
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