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आपकी वेट लॉस जर्नी में मददगार हो सकता है डायबिटिक फ्रेंडली बथुए का पराठा, जानिए इसकी टेस्टी रेसिपी

मेथी, पालक, सरसों के अलावा सर्दियों में खाएं बथुए का पराठा। ये वज़न घटाने और डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है।
Updated On: 29 Oct 2023, 07:22 pm IST
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Healthy Paratha Recipe
वजन घटाने के लिए खाएं पुदीना का पराठा। चित्र : शटरस्टॉक

सर्दियों का मौसम सभी को पसंद होता है। इस मौसम में कई तरह के साग – सब्जियां आती हैं, जिनका स्वाद अद्भुत होता है। यह सभी सब्जियां पोषक तत्वों (Nutrients) से भरपूर होती हैं और कई बीमारियों लड़ने में हमारी मदद करती हैं।

मेथी, पालक, सरसों – ये सभी साग लोग ज्यादतर खाना पसंद करते हैं। मगर क्या आपने बथुआ खाया है? हो सकता है कि आपमें से कुछ लोगों नें इसे कभी ट्राइ ही न किया हो। मगर यह पौष्टिकता से भरपूर होता है। साथ ही इससे बनाई गयी सभी चीज़ें बेहद स्वादिष्ट बनती हैं, फिर चाहे वह बथुए का रायता (Bathua Raita) हो या बथुए का पराठा (Bathua Paratha)।

आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है बथुआ

बथुआ आवश्यक खनिजों और एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidants) में समृद्ध होने के साथ-साथ विटामिन A, C और B का एक पावरहाउस है। यह अमीनो एसिड, आयरन, पोटैशियम, फॉस्फोरस और कैल्शियम का अच्छा स्रोत है, जो इसे खाने के लिए हेल्दी बनाता है। तो बिना देर किया चलिये जान लेते हैं बथुए के पराठे की रेसिपी –

paachan tantra ke liye faydemand hai bathua
पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद है बथुआ। चित्र : शटरस्टॉक

बथुए का पराठा बनाने के लिए आपको चाहिए

बथुआ 200 ग्राम
गेहूं का आटा 1.75 कप
हरी मिर्च 2 छोटी
लाल मिर्च पाउडर1 छोटा चम्मच
अजवायन 1/2 छोटा चम्मच
गरम मसाला 1 छोटा चम्मच
अमचूर पाउडर 1 छोटा चम्मच
देसी घी आटा गूंथते समय 2 छोटी चम्मच
तवा पराठा बनाने के लिए देसी घी आवश्यकतानुसार
नमक स्वादानुसार
पानी आवश्यकतानुसार

नोट : यह सामाग्री 2 लोगों के लिए पर्याप्त है

बथुए का पराठा बनाने की विधि

बथुआ के पत्तों को छांट लें। इन्हें अच्छी तरह धोकर एक खुले पैन में पानी में उबाल लें। पत्तियों को पानी में भिगो दें। पत्तियों को नरम होने और गहरे हरे रंग में बदलने में लगभग 10 मिनट का समय लगता है।

अब उबले हुए पत्तों को छान कर ठंडा होने दें। इसके बाद एक बड़े बर्तन में गेहूं का आटा, उबले पत्ते, हरी मिर्च, लाल मिर्च, नमक, अजवाइन डालकर हल्का सख्त आटा गूंथ लें।

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एक थकान भरे दिन में एनर्जी के लिए आप किस पर भरोसा करती हैं?

फिर आटे को 15 मिनट के लिए रख दीजिए। एक छोटी लोई लें और थोडा़ सा आटा गूंथ कर बेलन पर पराठा बना लें। इसके बाद एक गरम तवे पर इसे सेकने के लिए रख दें। एक तरफ से पकने में लगभग 2-3 मिनट का समय लगता है।

पलट कर दूसरी तरफ से भी पका लें। पलटने पर देसी घी लगाएं और अच्छे से हर तरफ से दबाकर पराठा सेक लें। आपका खस्ता बथुआ पराठा बनकर तैयार है।

आप चाहें तो इसे दही, अपने पसंदीदा आचार या किसी सब्जी के साथ परोसें।

एक बथुए के पराठे में आपको मिलेंगे ये पोषण मूल्य

कैलोरी 188% दैनिक मूल्य* | कुल फैट 9.8g -13% | सैचुरेटेड फैट 5.3g 26% | कोलेस्ट्रॉल 13mg – 4% | सोडियम 648mg – 28% | कुल कार्बोहाइड्रेट 22.7g – 8% | आहार फाइबर 4.1g – 15% | कुल चीनी 1.2g | प्रोटीन 4.7g | विटामिन डी 0 एमसीजी – 0% | कैल्शियम 53mg – 4% | आयरन 2mg 11% | पोटेशियम 174mg – 4%

बथुए का सेवन आपकी सेहत के लिए बहुत लाभदायक है। चित्र : शटरस्टॉक

क्या बथुआ वजन कम करने में मदद कर सकता है?

कैलोरी में कम (Low Calorie) और फाइबर से भरपूर बथुआ वजन घटाने (Weight Loss) के लिए एक बढ़िया विकल्प है। इसमें फाइबर (Fiber) की मात्रा अधिक होती है जो आपको भूख नहीं लगने देती है। साथ ही सभी महत्वपूर्ण पोषक तत्व हैं, जो एनर्जी देंगे।

यह ग्लूटेन फ्री कैसे हो सकता है?

हमने यहां गेहूं के आटे का इस्तेमाल किया है। मगर इसे ग्लूटेन फ्री (Gluten Free) बनाने के लिए आप रागी का आटा, या राजगीरे का आटा इस्तेमाल कर सकते हैं।

क्या वीगन लोग इसे खा सकते हैं?

बस देसी घी को छोड़ कर इसमें सब कुछ शाकाहारी (Vegetarian) है। तो बथुए का पराठा बनाने के लिए आप किसी और ऑयल का इस्तेमाल कर सकती हैं।

क्या यह डायबिटीज़ के मरीजों के लिए सही है?

हां बिल्कुल! आपको बता दें कि बथुआ रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है और यह फाइबर युक्त भोजन मधुमेह के लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है। मगर अपने चिकित्सक से परामर्श लेना ज़रूरी है।

यह भी पढ़ें : बच्चे पालक नहीं खाते, तो आयरन के लिए ट्राई करें पालक राइस रेसिपी

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं।

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