आयुर्वेद : हल्दी पाउडर से अलग आपको जानने चाहिए कच्ची हल्दी के ये स्वास्‍थ्‍य लाभ

हल्दी यूं तो हमारे भोजन का अभिन्न हिस्सा है, हर दिन सब्ज़ी बनाते वक़्त चुटकी भर हल्दी हम ज़रूर मिलाते हैं। पर क्या आप कच्ची हल्दी के इन अद्भुत गुणों को जानती हैं।
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अंबा हल्दी का उपयोग पाचन में सहायता के लिए किया जाता रहा है।। चित्र: शटरस्‍टॉक
विदुषी शुक्‍ला Updated: 23 Nov 2023, 15:01 pm IST
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कच्ची हल्दी आयुर्वेद में सदियों से प्रयोग होती आयी है। हम अपने रोजमर्रा के जीवन में भी हल्दी का तरह तरह से इस्तेमाल करते हैं। हल्दी में विटामिन सी, विटामिन ई, आयरन, जिंक समेत ढेरों पोषक तत्व मौजूद हैं, जो हल्दी को हमारे जीवन का अनिवार्य हिस्सा बना देते हैं।

आज के समय में आयुर्वेद ही नहीं साइंस में भी हल्दी को उसकी एन्टीबैक्टीरियल, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक खूबियों के लिए प्रयोग किया जाता है।

बात ज़रा हल्दी वाली

प्राचीन भारत में हल्दी मसाले के तौर पर ना इस्तेमाल होकर औषधि और कपड़े रंगने के लिए इस्तेमाल होती थी। आज भी विश्व भर के हल्दी उत्पादन का 80% भारत में होता है। भारत के अलावा चीन,पेरू और फिलीपीन्स में हल्दी का उत्पादन प्रमुख रूप से होता है।

आपके घर में मौजूद यह जादुई मसाला काफी कमाल का है। चित्र: शटरस्‍टॉक

कैसे हल्दी से अलग है कच्ची हल्दी

दरसल हल्दी अपने पौधे कुर्कुमा लौंगा की जड़ होती है। यह जड़ गांठ का रूप ले लेती हैं, जो कुछ अदरक जैसी दिखती है। मसाले के रूप में हम जिस हल्दी पाउडर का प्रयोग करते हैं, वह इन्ही गांठो को उबालकर और पीसकर बनाया जाता है।

वहीं दूसरी ओर कच्ची हल्दी को उबाला नहीं जाता, बल्कि गांठो को या तो उसी रूप में या पेस्ट बना कर इस्तेमाल किया जाता है। कच्ची हल्दी में सामान्‍य हल्दी के मुकाबले ज्यादा पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसका रंग भी ज्यादा पक्का होता है।

आपको जानने चाहिए कच्ची हल्दी के ये फायदे

1.कैंसर से लड़ने में है सक्षम

आयुर्वेद में हल्दी को औषधि के रूप में इस्तेमाल करने का बड़ा कारण है हल्दी में मौजूद एन्टी कैंसरस प्रोपर्टीज। इटली के नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट में 2016 में हुए एक शोध में यह पुष्टि हुई कि कच्ची हल्दी का सेवन न केवल कैंसर होने की सम्भावना को कम करता है, बल्कि बैड रेडिएशन से होने वाले ट्यूमर को भी ख़त्म करने में असरदार है।

2. दांतो को सफ़ेद बनाने का अचूक उपाय

दांतो को सफेद रखने के लिए हम तरह-तरह के टूथपेस्ट मंगाते हैं मगर असली उपाय तो हमारे किचन में ही मौजूद है। पंजाब यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ ओरल पैथोलॉजी की स्टडी में यह पाया गया कि हल्दी हमारे मुंह के स्वास्‍थ्‍य के लिए बहुत फायदेमंद है। दांतो के पीलेपन से छुटकारा देने के साथ-साथ सांसों की बदबू को भी दूर करने में हल्दी कारगर है।

अगर आप दांतों के पीलेपन से परेशान हैं, तो एक बार हल्‍दी ट्राय करके देखें। चित्र : शटरस्‍टॉक

टूथब्रश को गीला कर उस पर हल्दी पाउडर छिड़क कर उससे दांतो को साफ करें। हर रोज़ एक महीने तक हल्दी से ब्रश करने से आपको साफ अंतर नज़र आएगा।

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3. एक्ने से दिलाए छुटकारा

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के डर्मेटोलॉजिस्ट डिपार्टमेंट के एक शोध के अनुसार हल्दी को चेहरे पर मास्क के रूप में प्रयोग करने से एक्ने से राहत मिलती है। हल्दी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल प्रोपर्टीज एक्ने पैदा करने वाले बैक्टीरिया को ख़त्म कर, आपकी त्वचा को साफ करती हैं।

4. गले की ख़राश हो झट से करे दूर

पंजाब यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ पैथोलॉजी के अनुसार हल्दी गले के इन्फेक्शन से राहत पहुंचाने में कारगर है। गरम पानी में आधा चम्मच नमक और आधा चम्मच हल्दी मिलाकर गरारा करने से गले की ख़राश और दर्द में तुरंत आराम मिलता है।

5. लम्बे घने बालों के लिए करें उपयोग

कोरियन बायोस्पेक्टरम लाइफसाइंस इंस्टीट्यूट के शोध में पाया गया है कि कच्ची हल्दी में प्रचुर मात्रा में मौजूद ‘करक्यूमिम’ बालों का झड़ना कम करता है। किसी भी तेल में आधा हिस्सा हल्दी मिलाकर बालों की जड़ों में लगाएं और एक घंटे बाद धो लें। हल्दी में मौजूद विटामिन ई बालों को मुलायम और घना बनाने में कारगर है।

6. रोज़ाना सेवन से घटाएं वज़न

जर्नल ऑफ न्यूट्रिशनल बायोकेमेस्ट्री में प्रकाशित लेख के मुताबिक कच्ची हल्दी वजन कम करने में मददगार होती है। एक चम्मच हल्दी को एक गिलास गर्म पानी मे घोल कर उसे हल्का ठंडा होने पर पिएं। हल्दी मेटाबॉलिज्म को तेज़ करती है जिसके कारण वजन कम होता है।

7. इम्यूनिटी बूस्टर भी है हल्दी

बचपन से ही हम देखते आ रहे हैं कि चोट लगने, ज़ुकाम होने पर मां हल्दी वाला दूध पिलाती थी। मगर क्या आप जानते हैं कि हल्दी आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने में भी सक्षम है। हल्दी के इन्हीं गुणों के कारण आयुर्वेद में मुख्य रूप से इसका इस्तेमाल देखा जाता है। मगर जब हम सब्जी में हल्दी डालकर खाते हैं तो वह शरीर में पूरी तरह अब्सॉर्ब नहीं हो पाती और हमें उसके सारे पोषक तत्त्व नहीं मिल पाते।

हल्‍दी वाला दूध पीने से आपकी स्‍लीप क्‍वालिटी बेहतर होती है, यह इम्‍यूनिटी के लिए बहुत जरूरी है। चित्र: शटरस्‍टॉक

आयुर्वेद गुरु आचार्य बालकृष्ण हल्दी को दूध में मिलाकर सेवन करने की सलाह देते हैं। सर्दियों में आप इस दूध में अदरक या कालीमिर्च भी डाल सकते हैं। सर्दी-ज़ुखाम से बचने के लिए हर रात सोने से पहले इसका सेवन करना चाहिए।

यह भी ज़रूर जानें

  • हल्दी के गुणों के साथ साथ इन साइड इफेक्ट्स को भी ध्यान में रखना चाहिए।
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कच्ची हल्दी के सेवन से बचना चाहिए।
  • बहुत अधिक मात्रा में हल्दी गर्भावस्था में हानिकारक हो सकती है।
  • यदि आपको पेट की समस्या रहती है, तो कच्ची हल्दी का सेवन न करें।
  • हाल ही में सर्जरी करा चुके मरीजों को भी हल्दी का अधिक सेवन करने से बचना चाहिए।
  • अगर आपकी केमोथेरेपी चल रही है तो डॉक्टर की राय के बगैर कच्ची हल्दी न खाएं।

हल्दी आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान की प्रमुख औषधि है। त्वचा, बाल से लेकर कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों से लड़ने में सक्षम गुणकारी हल्दी पूरे विश्व को भारत की देन है।

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पहला प्‍यार प्रकृति और दूसरा मिठास। संबंधों में मिठास हो तो वे और सुंदर होते हैं। डायबिटीज और तनाव दोनों पास नहीं आते। ...और पढ़ें

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