हम अपने नियमित खाद्य पदार्थों को बनाने में कई ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिससे की हमारे स्वस्थ भोजन की गुणवत्ता बहुत कम हो जाती है। वहीं हम इनके असल लाभ से बंचित रह जाते हैं। इन्हीं में से एक है रोटी। हम सभी के घरों में नियमित रूप से रोटी जरूर बनती होगी, इसे बेहद हल्का और संतुलित भोजन माना जाता है। रोटी पाचन क्रिया के लिए बेहद फायदेमंद होती है। कई बार हम अपनी नियमित रोटी को बनाने में कई ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिससे हमें इसकी असल गुणवत्ता का लाभ नहीं मिल पाता। अब आप सोच रही होंगी, आखिर रोटी बनाने में आपसे क्या गलती हो सकती है (chapati making mistakes)? तो चलिए इस लेख के माध्यम से पता करते हैं।
वेलनेस इंस्ट्रक्टर, डाइटिशियन लवलीन कौर ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए रोटी बनाते वक्त की जानें वाली चार आम गलतियों से बचने की सलाह दी है। तो चलिए जानते हैं इन मिस्टेक्स के बारे में।
एक्सपर्ट के अनुसार मल्टीग्रेन आटे को बनाने में कई प्रकार के अनाज का इस्तेमाल किया जाता है जैसे की बार्ली, गेहूं, ओट्स, ब्राउन राइस, क्विनोआ, इत्यादि। इन सभी को एक साथ खाने से पाचन क्रिया पर अधिक भार पड़ता है और वह इसे पचाने में असमर्थ होती है। आप जितना सादा और सरल भोजन करेंगी, पाचन क्रिया के लिए उन्हें पचाना उतना ही आसान हो जाता है। साथ ही पोषक तत्वों का अवशोषण भी बेहतर तरीके से हो पता है।
एक समय में एक ही प्रकार के अनाज का सेवन करें, ताकि पाचन क्रिया उसे पूरी तरह पचा पाए और इनमें मौजूद पोषक तत्व पूरी तरह से आपके शरीर में लग सकें। यदि आप सुबह नाश्ते में रागी से बना डोसा ले रही हैं, तो डिनर में गेहूं या बाजार यानी किसी अन्य अनाज की रोटी खा सकती हैं।
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आजकल लोग सभी प्रकार के व्यंजन को बनाने के लिए नॉन स्टिकी पैन का इस्तेमाल करते हैं। वहीं लोग चपाती बनाने के लिए भी इसका इस्तेमाल करने लगे हैं। इससे हमेशा बचना चाहिए, अपनी नियमित चपाती में पोषण जोड़ने के लिए चपाती को लोहे के तवे पर पकाएं। नॉन स्टिकी पैन में एक प्रकार का केमिकल होता है, यदि आप इसको लंबे समय तक इस्तेमाल करती हैं, तो यह आपके शरीर को डैमेज कर सकता है। ऐसे में आयरन पैन न केवल 100% नेचुरल होता है, बल्कि यह आपकी चपाती में आयरन की गुणवत्ता भी जोड़ता है।
चपाती बनाने के लिए आटे का डो तैयार करने के बाद इसे लगभग 10 से 15 मिनट के लिए रख देना चाहिए। एक्सपर्ट के अनुसार इसके दो फायदे होते हैं, पहला की इससे आपकी चपाती मुलायम बनती है। वहीं दूसरा की आटा कुछ देर के लिए फर्मेंट हो जाता है जिससे कि इसमें गुड बैक्टीरिया जुड़ जाते हैं।
यह अच्छे बैक्टीरिया आपके पाचन क्रिया के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं और चपाती को पचाना और भी आसान हो जाता है। साथ ही साथ इसमें मौजूद पोषक तत्व पूरी तरह से शरीर में अवशोषित हो पाते हैं।
अक्सर हम रोटी तैयार करके इसे अल्युमिनियम फाइल में पैक कर के रख देते हैं, जिससे की रोटी मुलायम और मॉइस्ट रहती है। हालांकि, यह आपके लिए हानिकारक हो सकता है। अल्युमिनियम फॉयल आपके फ़ूड में लीच कर सकता है, जिससे कि आपको लांग टर्म में डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं ये फॉयल रिएक्टिव होते हैं, तो कई बार यह कुछ खाद्य पदार्थों के साथ रिएक्ट कर जाते हैं। चपाती भी इनमें से एक हो सकती है।
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