काले चावल को मिला जीआई टैग
काले चावल का महत्व
काले चावल से मिलने वाले फायदे
काले चावल जो न केवल अपने पोषण मूल्य बल्कि स्वाद के साथ सुगंध के लिए भी मशहूर हैं। असम के कोरापुट जिले की इस धरोहर को हाल ही में जी आई यानि जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग (Geographical indication tag) से नवाज़ा गया है। ये टैग किसी विशेष क्षेत्र से संबधी वस्तु या खाद्य पदार्थ को दिया जाता है। इससे भौगोलिक स्थिति को उस उत्पाद की क्वालिटी और महत्व के लिए आवश्यक माना जाता है। इन चावलों को चावल का राजकुमार भी कहा जाता है। इस टैग की मदद से प्रोडक्टस की प्रतिष्ठा और गुणवत्ता बनी रहती है। इसके सेवन से शरीर में एनर्जी का स्तर बना रहता है और अनिमिया के जोखिम से भी बचा जा सकता है। जानते हैं काले चावल किस तरह स्वास्थ्य के लिए हैं फायदेमंद (black rice benefits) ।
इस बारे में डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि काले चावल (black rice) का ग्लाइसेमिक इंडैक्स लो होता है, जो हाई ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा इसमें मौजूद हेल्दी फैट्स गुड कॉलेस्ट्राल की मात्रा को बढ़ाते हैं। साथ ही प्रोटीन और फाइबर की उच्च मात्रा के चलते वेटलॉस (weight loss tips) में मदद मिलती हैं। मिनरल्स से भरपूर काले चावल त्वचा और आंखों को भी फायदा पहुंचाते हैं। सप्ताह में दो से तीन बार इसका सेवन करने से शरीर को फायदा मिलता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार काले चावल के सेवन से शरीर को एंथोसायनिन की प्राप्ति होती है, जो फ्लेवोनोइड प्लांट पिगमेंट का एक ग्रुप हैं। ये पिगमेंट बैंगन, ब्लूबेरी और बैंगनी शकरकंद में पाया जाता है। इसके सेवन से शरीर को एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीकैंसर प्रॉपर्टीज़ की प्राप्ति होती है।
काले चावल का सेवन करने से शरीर को एंटीऑक्सीडेंटस की प्राप्ति होती है। इसमें मौजूद प्रोटीन और आयरन की मात्रा शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाकर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बूस्ट करने में मदद करता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार काले चावल के सेवन से शरीर को फाइबर और हेल्दी फैट्स की प्राप्ति होती है। इससे शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाकर कई शारीरिक समस्याओं के खतरे से बचाया जा सकता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार काले चावल में मौजूद हेल्दी फैट्स से शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर में सुधार आने लगता है। इसके अलावा शरीर में बनने वाले प्लाक की मात्रा को 50 फीसदी तक कम किया जा सकता है। इसके सेवन से शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने लगता है।
डॉ अदिति शर्मा के अनुसार काले चावल का सेवन करने से शरीर को प्रोटीन और फाइबर की भरपूर मात्रा मिलती है। इससे भूख को नियंत्रित करके शरीर में कैलोरीज़ के बढ़ने स्तर को सीमित किया जा सकता है, जिससे वेट रिडक्शन में मदद मिलती है। काले चावल में मौजूद एंथोसायनिन की मात्रा शरीर के वजन और फैट्स की मात्रा को कम करने में मदद करते हैं।
आहार में काले चावल को शामिल करने से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित बनाए रखने में मदद मिलती है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स लो होता है और फाइबर व मैग्नीशियम की उच्च मात्रा पाई जाती है। ऐसे में ग्लूकोज़ की मात्रा खून में मिलकर शुगर स्वाइक के खतरे से बचा जा सकता है। साथ ही एपिटाइट को नियंत्रित करने में भी मदद
मिलती है।
ग्लूटेन फ्री होने के चलते काले चावल खाने से पाचनतंत्र उचित बना रहता है। इससे शरीर में बढ़ने वाला गैस्ट्राइटिस का जोखिम कम हो जाता है। काले चावल का सेवन करने से पेट में सूजन, पेट दर्द और ब्लोटिंग से बचा जा सकता है। साथ ही ग्लूटेन सेसिंटीविटी से बचने में मदद मिलती है।
एनआईएस की रिसर्च के अनुसार काले चावल में ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन दो प्रकार के कैरोटीनॉयड पाए जाते है। इससे आंखों को नुकसानदायक फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाए रखने में मदद मिलती है। इससे रेटिना की रक्षा करके मेक्यूलर डीजनरेशन का जोखिम कम होता है।
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