काफी लोग पनीर (Paneer) और चीज़ (Cheese) में कन्फ्यूज हो जाते हैं। मगर यह दोनों अलग हैं और इन्हें समझना आपके लिए ज़रूरी है। जानिए यह दोनों एक दूसरे से कैसे अलग हैं। भोजन हमारे आहार का एक अनिवार्य हिस्सा है। कई खाद्य पदार्थ अपने पोषण मूल्य के कारण हमारे आहार का हिस्सा हैं। कुछ खाद्य पदार्थों में उच्च प्रोटीन (High Protein) सामग्री होती है जबकि अन्य फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध होते हैं। हमारे द्वारा उपभोग की जाने वाली प्रत्येक खाद्य वस्तु हमारे शरीर के समग्र कामकाज को प्रभावित करती है। इसलिए, अपने आहार में सही प्रकार के भोजन को शामिल करना महत्वपूर्ण है।
ऐसे दो खाद्य पदार्थ जो हमारे आहार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वे हैं पनीर और चीज़। अब आप कहेंगी की पनीर और चीज़ में अंतर ही क्या है? दोनों ही दूध से बने हैं? लेकिन अंतर है… लोग अक्सर पनीर को चीज़ के साथ भ्रमित करते हैं क्योंकि वे बाहर से एक जैसे दिखते हैं। मगर यह दोनों न सिर्फ स्वाद और बनावट में अलग होते हैं बल्कि इनके पोषण मूल्य (Nutrients) भी एक दूसरे से भिन्न हैं।
पनीर और चीज़ दोनों ही प्रोटीन से भरपूर होते हैं और हमारे शरीर के लिए आवश्यक हैं। तो चलिये इंडियन स्पाइनल इंजरीज सेंटर की सीनियर डायटीशियन, हिमांशी शर्मा से समझते हैं ये दोनों एक दूसरे से अलग कैसे हैं।
यह चीज़ का एक देसी वर्जन है, जिसे कॉटेज चीज़ (Cottage Cheese) के रूप में भी जाना जाता है। इसे दूध को फाड़ कर 200 डिग्री फ़ारेनहाइट पर बनाया जाता है और फिर दूध में एसिड मिलाया जाता है। दूध को जमाने के लिए एक नींबू का रस या सिरका इस्तेमाल किया जा सकता है। भारत और पाकिस्तान में इसे पनीर कहा जाता है, जबकि अधिकांश अन्य देशों में इसे कॉटेज चीज़ कहा जाता है। हालांकि, उड़ीसा और बंगाल में इसे छेना भी कहा जाता है।
चीज़ गाय, भैंस, बकरी आदि के दूध से एसिडिफिकेशन की प्रक्रिया द्वारा बनाया जाता है। बैक्टीरिया दूध के एसिडिफिकेशन का कारण बनते हैं और चीज़ की बनावट और स्वाद को परिभाषित करते हैं। इसे विभिन्न आकारों और स्वादों में उत्पादित किया जा सकता है। चीज़ की 300 से अधिक किस्में हैं जो विभिन्न स्वादों में उपलब्ध हैं।
पनीर की तुलना में चीज़ को लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है। इसे फ्रीजर में दो से छह महीने तक स्टोर किया जा सकता है। चीज़ की तैयारी में इमल्सीफिकेशन शामिल है जो इसे लंबे समय तक ताजा रहने की अनुमति देता है।
हिमांशी कहती हैं – ”अगर आसान शब्दों मे कहा जाए तो चीज़ में पनीर की तुलना में ज्यादा फैट और कैलोरी होती है। और पनीर में चीज़ की तुलना मे कम फैट और कैलौरी होती है। इसमें कोई शक की बात नहीं है कि पनीर की शेल्फ लाइफ लंबी होती है और पनीर की शेल्फ लाइफ कम होती है।”
पनीर में कैलोरी और वसा की मात्रा कम होती है, जो इसे उन लोगों के लिए एक स्वस्थ विकल्प बनाता है जो कैलोरी के प्रति अधिक जागरूक होते हैं। जबकि चीज़ में वसा और कैलोरी का उच्च स्तर होता है, इसलिए यह हमेशा वजन के प्रति कॉन्शियस लोगों के लिए उपयुक्त नहीं होता है।
दिल की समस्याओं वाले लोगों को चीज़ के बजाय पनीर का सेवन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, और जिनके शरीर में वसा की मात्रा कम होती है उन्हें अधिक मात्रा में पनीर का सेवन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
हिमनशी के अनुसार – ‘’पनीर से वजन घटाने में मदद मिलती है। अन्य फैट वाली चीजों के विपरीत पनीर में फैटी एसिड की छोटी चेन होती है जो चीज़ की तुलना में आसानी से पचती है। पनीर में कुछ ऐसे मिनिरल्स होते हैं जो पाचन तंत्र के बेहतर कामकाज के लिए ज़रूरी होते हैं।’’
पनीर और चीज़ में भी बहुत अलग पोषक तत्व होते हैं। पनीर में उच्च प्रोटीन सामग्री होती है और यह उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो मांसपेशियों और वजन हासिल करना चाहते हैं।
चीज़ में मौजूद कैल्शियम उन लोगों के लिए भी फायदेमंद होता है जो अपनी हड्डियों को मजबूत बनाना चाहते हैं। पनीर शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है, जिससे यह उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो दिल की समस्याओं से पीड़ित हैं।
हिमनशी के अनुसार – ”अगर दोनो के स्वास्थ्य लाभों की तुलना की जाए तो निस्संदेह खानपान में पनीर का चयन करना चीज़ की तुलना में हमेशा स्वस्थ होता है। इसके अलावा, इसे ध्यान में रखें कि हमेशा संयमित और संतुलित भोजन करें। स्वास्थ्य पोषण विशेषज्ञ और इलाज करने वाले डॉक्टर से डाइट के सम्बंध में विचार विमर्श किया जाना चाहिए।”
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