खाने की टेबल पर बैठते ही जहां कुछ लोग मिनटों में अपना खाना खत्म कर देते हैं। तो वहीं कई लोग आराम से समय लेकर अपना भोजन करते हैं। दरअसल, अधिकतर लोग अपना समय बचाने के लिए जल्द खाना खाकर अन्य कामों में व्यस्त हो जाते है। मगर क्या वाकई जल्दी खाना शरीर के लिए फायदेमंद है। शायद नहीं बिना सोचे समझे जल्दी खाने की बजाय धीरे और सोच समझकर खाना खाने से पाचन में सुधार आने के साथ शरीर को और भी कई फायदे मिलते है। अगर आप भी खाना धीरे खाती हैं, तो जानते हैं इससे शरीर को मिलने वाले फायदे।
इस बारे में डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि स्लो इटिंग यानि खाना खाने में कम से कम 20 से 30 मिनट का समय लेना होता है। इससे ओवरइटिंग से बचा जा सकता है। दरअसल, धीरे खाने से फुलनेस हार्मोन रिलीज़ होता है और शरीर में कैलोरी स्टोरेज के खतरे से भी बचा जा सकता है। साथ ही देर तक चबाकर खाने से पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है और शरीर में वसा को नियंत्रित किया जा सकता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार खाने के बाद गट हेल्थ की मदद से घ्रेलिन हार्मोन को नियंत्रित किया जाता है, जो भूख को प्रभावित करता है। इससे ब्रेन को खाने का सिग्नल मिलता है, जिससे भूख कम हो जाती है। इससे पेट भरा हुआ महसूस होता है और लोग अक्सर ज्यादा खाने से बच जाते हैं। इस प्रक्रिया में करीबन 20 मिनट का समय लगता हैं। ऐसे में धीमी गति से खाने से मस्तिष्क को इन संकेतों को पाने के लिए आवश्यक समय मिल जाता है।
बीएमजे ओपन जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार धीरे धीरे खाने से पाचन की क्षमता में सुधार होता है। इससे पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है और फूड के ब्रेकडाउन के लेकर एब्जॉर्बशन तक मदद मिलती है। इससे पेट में ब्लोटिंग, अपच, कब्ज और डायरिया से राहत मिल जाती है और बॉवल मूवमेंट नियमित बना रहता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार वे लोग जो खाने को कम चबाते है, वे अन्य लोगों की तुलना में ओवरवेट पाए जाते हैं। 45 लोगों पर हुई रिसर्च में पाया गया कि वे लोग जिन्होंने पिज्जा खाने के दौरान उसे डेढ़ गुण ज्यादा चबाया। उन्होंने कम मात्रा में खाया और कैलोरीज़ का स्टोरेज भी कम हो गया। इससे वेटगेन से भी राहत मिल जाती है। खाने को ज्यादा चबाने से वेटलॉस में मदद मिलती है।
वे लोग जो आराम से चबाकर खाना पसंद करते हैं, उन्हें बार बार भूख लगने की समस्या से राहत मिल जाती है। दरअसल, धीरे खाने से घ्रेलिन हार्मोन रिलीज़ होता है, जिससे खाने के बाद फुलनेस और संतुष्टि की प्राप्ति होती है। इससे शरीर दिनभर हेल्दी और एक्टिव भी बना रहता है।
वक्त निकालकर 15 से 20 मिनट खाना खाने से अधिक मात्रा में खाने से बचा जा सकता है। इससे माइंडफुल इटिंग में मदद मिलती है और शरीर हेल्दी बना रहता है। साथ ही शरीर में जमा होने वाली चर्बी से भी राहत मिलती है। इससे बार बार होने वाली क्रेविंग में कमी आती है।
एक्सपर्ट के अनुसार जल्दबाज़ी से खाना खाने से शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ने लगता है। इससे शरीर में तनाव और एंग्ज़ाइटी का सामना करना पड़ता है। इससे पाचनतंत्र पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है, जो वेटगेन का कारण साबित होता है।
साइंटिफिक रिपोर्ट्स के अनुसार जल्दी खाना खाने से टाइप 2 डायबिटीज़ का खतरा बढ़ने लगता है। 2019 की रिसर्च के अनुसार लगभग 30 फीसदी लोगों में मधुमेह पाया गया। दरअसल, खाना खाने की जल्दी मेंमोटापे का सामना करना पड़तता है, जिससे डायबिटीज़ का जोखिम बढ़ जाता है।
भोजन को अच्छी तरह से चबाकर खाने से पोषक तत्वों का अवशोषण बढ़ जाता है। एक्सपर्ट के अनुसार कार्बोहाइड्रेट जैसे कॉम्प्लेक्स न्यूट्रीएंट को एबजॉर्बशन के लिए सही तरह से डाइजेशन की आवश्यकता होती है। ऐसे में धीमी गति से खाने से पाचन और अवशोषण दोनों में फायदा मिलता है।
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