गाजर एक बेहद खास विंटर सुपरफूड है। यह अपने कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों के लिए जानी जाती है। ठंड में गाजर से कई अलग-अलग व्यंजन बनाए जाते हैं। हालांकि, गाजर का स्वाद मीठा होता है, इसलिए डायबिटीज के मरीज इसके सेवन को लेकर काफी कन्फ्यूज़ रहते हैं (carrot benefits in diabetes)। अब सवाल यह है कि क्या डायबिटीज के मरीज गाजर का सेवन कर सकते हैं? या नहीं?
डायबिटीज में गाजर के सेवन को लेकर हेल्थ शॉट्स ने मणिपाल हास्पिटल, गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा से बात की। तो चलिए जानते हैं, डायबिटीज में गाजर खाने को लेकर क्या कहते हैं एक्सपर्ट (carrot benefits in diabetes)।
रंगबिरंगे फल एवं सब्जियों का सेवन खाने की सलाह हम सभी को बचपन से दी जा रही है। यह केवल कहने की बाद नहीं है, असल में कलरफुल सुपरफूड्स सेहत के लिए कई रूपों में फायदेमंद हो सकते हैं। रंग-बिरंगे फल एवं सब्जियों को बैलेंस्ड डाइट में शामिल किया जाता है, क्युकी इनमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की गुणवत्ता पाई जाती है।
गाजर नारंगी, सफ़ेद, लाल, बैंगनी आदि जैसे अन्य रंगों में भी उपलब्ध हैं, इन सभी में बीटा-कैरोटीन की गुणवत्ता मौजूद होती है, जो विटामिन ए का अग्रदूत है। यह एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर सहित अन्य कई पोषक तत्वों का एक बेहतरीन स्रोत है।
एक मध्यम आकार की गाजर में केवल 4 ग्राम कार्ब्स होते हैं और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी बेहद कम होता है। कम कार्ब्स और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों का ब्लड शुगर पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ता और ये स्पाइक का कारण नहीं बनते।
नेशनल लाइबरेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक शोध के अनुसार, गाजर में मौजूद पोषक तत्व डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
जीआई एक ऐसा उपकरण है, जो मापता है कि विशिष्ट खाद्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट किसी व्यक्ति के रक्त शर्करा के स्तर को कैसे प्रभावित करता है। उच्च जीआई स्कोर वाला भोजन कम जीआई स्कोर वाले भोजन की तुलना में रक्त शर्करा के स्तर को अधिक बढ़ा सकता है। ADA 55 या उससे कम स्कोर वाले खाद्य पदार्थों को कम जीआई स्कोर वाले खाद्य पदार्थों की लिस्ट में रखा जाता है (carrot glycemic index)। उबली हुई गाजर का जीआई स्कोर 33 होता है, और कच्ची गाजर का स्कोर इससे भी कम होता है (carrot benefits in diabetes)।
गाजर में पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन से ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखना आसान हो जाता है। वहीं यह इंसुलिन प्रतिरोध और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ावा देता है, जिससे डायबिटीज को मैनेज करने में मदद मिलती है।
गाजर कैरोटीनॉयड का एक अच्छा स्रोत है। आहार में, ये यौगिक मुख्य रूप से नारंगी और पीले रंग के फलों और सब्जियों में पाए जाते हैं। व्यक्ति की आंखों के पिग्मेंट में भी कैरोटीनॉयड होते हैं, और उनकी एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि रेटिना को नुकसान से बचाने में मदद करती है। कुछ शोधों से पता चलता है कि कैरोटीनॉयड डायबिटिक रेटिनोपैथी के खिलाफ़ सुरक्षात्मक हो सकते हैं।
डायबिटिक रेटिनोपैथी एक ऐसी बीमारी है, जो विजन लॉस का कारण बन सकती है। अनीयमित ब्लड शुगर लेवल इस बीमारी का एक प्राथमिक कारण है। पब मेड द्वारा 2015 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, अल्फा और बीटा कैरोटीन के उच्च स्तर वाले आहार टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम कर सकते हैं।
डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखना उपचार का एक प्राथमिक लक्ष्य है। यह व्यक्ति द्वारा खाद्य पदार्थों के माध्यम से कार्बोहाइड्रेट की कुल मात्रा लिए जाने पर निर्भर करता है। एक मेडियम साइज की कच्ची गाजर में 5.84 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। हालांकि, गाजर में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम नहीं होती है, लेकिन यह कार्ब का एक हेल्दी स्रोत है।
डायबिटीज के मरीज एक दिन में 2 छोटे गाजर खा सकते हैं। पर खाने के तरीके पर ध्यान देना बहुत जरुरी है। हालांकि, ध्यान रहे एक साथ अधिक गाजर न खाएं, साथ ही गाजर का हलवा, बर्फी आदि जैसे मीठे पदार्थों से परहेज रखें।
डायबिटीज के मरीज कच्चा गाजर खा सकते हैं। इसके साथ ही आप गाजर को उबाल कर अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। गाजर का जूस निकालकर पिएं, आप इसे ब्रेकफास्ट में शामिल कर सकती हैं। गाजर में अतिरिक्त चीनी मिलाकर गाजर का हलवा या बर्फी जैसे मीठे व्यंजनों को डाइट में शामिल करने से बचें। ये आपके ब्लड शुगर स्पाइक का कारण बन सकते हैं।
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