scorecardresearch

वजन घटाने के अलावा ये 5 सेहत लाभ भी देती हैं ग्रीन टी

ग्रीन टी हेल्दी ऑप्शन्स में से एक है। आप इसे गर्मियों की किसी शाम में भी एन्‍जाॅय कर सकते हैं। एंटीऑक्सिडेंट और अन्य कई पोषक तत्वों से भरपूर ग्रीन टी आपकी सेहत को कई तरह के लाभ पहुंचाती है।
Updated On: 25 Apr 2022, 05:55 pm IST
  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
केमोमाइल चाय भी आप ब्‍लॉटिंंग से आराम दिला सकती है। चित्र : शटरस्‍टॉक
केमोमाइल चाय भी आप ब्‍लॉटिंंग से आराम दिला सकती है। चित्र : शटरस्‍टॉक

अकसर लोग मसालेदार और गरिष्ठ भोजन करने के बाद अनईजी फील करने लगते हैं। निश्चित ही यह आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अच्छा नहीं है। खासतौर से गर्मियों में, मसालेदार और गरिष्ठ भोजन का सेवन आपके लिए कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकता है। ग्रीन टी इस तरह के भोजन से होने वाली पेट की समस्याओं जैसे अल्सर से बचाव में भी मददगार साबित होती है। इसके अलावा यह ब्रेन फंक्शन, फैट कम करने और कैंसर के जोखिम को कम करने का भी काम करती है।

आइए जानते हैं कैसे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद है ग्रीन टी

1. ग्रीन टी से बेहतर होता है ब्रेन फंक्‍शन

ग्रीन टी में कैफीन होता है जो एडेनोसिन नामक निरोधात्मक न्यूरोट्रांसमीटर को रोकता है, जिससे न्यूरॉन्स के साथ-साथ डोपामाइन और नॉरपेनेफ्रिन का स्तंर बढ़ता है। टी काउंसिल ऑफ यूके द्वारा प्रायोजित 2008 के एक अध्ययन के अनुसार, ग्रीन टी के सेवन से ब्रेन फंक्शन में सुधार होता, मूड अच्छा रहता है और मेमोरी भी बढ़ती है।

साथ ही, ग्रीन टी में एल-थीनिन होता है, जो एंटी-एंग्जाइटी के तौर पर काम करता है। इससे मस्तिष्क में डोपामाइन और अल्फा तरंगों का उत्पादन बढ़ाता है। यूनिलीवर फूड एंड हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि चाय में एल-थीनिन की मौजूदगी से मानसिक सतर्कता या उत्तेजना पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।

2. ग्रीन टी में टीबी से लड़ने में भी मददगार है

सिंगापुर में नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीयू) के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में पता चला है कि एपिगैलोकैटेचिन गैलेट (ईजीसीजी) टीबी पैदा करने वाले बैक्टीकरिया के विकास को रोकता है।

अध्ययन में शामिल लेखकों के अनुसार, यह खुद को एक एंजाइम में बांधकर इस तरह रिएक्टर करता है, जिससे सेलुलर एक्टिविटीज के लिए जैविक ऊर्जा मिलती है। परिणामस्वरूप बैक्टीरिया सेलुलर एक्टीविटीज के लिए जरूरी एनर्जी में गिरावट आती है, जो टीवी को रोकने में मददगार साबित होता है।

3. ग्रीन टी वजन घटाने में है मददगार

मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में ग्रीन टी काफी मददगार है। मानव जीव विज्ञान विभाग, मास्ट्रिच विश्वविद्यालय द्वारा किए गए अध्ययन में भी यह सामने आया है। अध्ययन के अनुसार, ग्रीन टी में एंटी-एंजियोजेनिक गुण होते हैं जो वजन बढ़ने और मोटापे को रोकने का काम करते हैं।

Pollपोल
एक थकान भरे दिन में एनर्जी के लिए आप किस पर भरोसा करती हैं?

जिनेवा विश्वविद्यालय के फिजियोलॉजी विभाग के फैकल्टी ऑफ मेडिसिन विभाग के एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि ग्रीन टी में थर्मोजेनिक गुण होते हैं जो वसा ऑक्सीकरण को बढ़ावा देते हैं और इस तरह मोटापे को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

4. कैंसर के खतरे को कम करती है ग्रीन टी

पीएमसी पत्रिका में प्रकाशित एक समीक्षा के अनुसार, ग्रीन टी की खपत कैंसर की रोकथाम से भी जोड़कर देखा जा रहा है। जिसमें फेफड़े, कोनल, एसोफेगस, मुंह, पेट, छोटी आंत, गुर्दे, अग्न्याशय और स्तन ग्रंथियां शामिल हैं।

हांगकांग विश्वविद्यालय में फार्माकोलॉजी के मेडिसिन विभाग के फार्माकोलॉजी विभाग द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया है कि ग्रीन टी इंट्रासेल्युलर एंटीऑक्सिडेंट को एक्टिव करके, एंजियोजेनेसिस और कैंसर सेल प्रसार को रोकने का काम करती है, जिससे कैंसर के खतरे को कम करने में मदद मिलती है।

साथ ही, हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि ग्रीन टी (दिन में तीन कप से अधिक) पीने से स्तन कैंसर की पुनरावृत्ति का खतरा कम हो सकता है।

ब्रेस्ट कैंसर एक बड़ी चिंता बनता जा रहा है – इसके जोखिम को कम करने के लिए ग्रीन टी आज़माएं। चित्र : शटरस्टॉक

5. ग्रीन टी अल्जाइमर और पार्किंसंस के खतरे को कम करती है

समय-समय पर किए गए कई परीक्षणों में यह सामने आया है कि ग्रीन टी में कैटेचिन कंपाउंड होते हैं जो न्यूरॉन्स पर सुरक्षात्मक प्रभाव डालते हैं, जिससे अल्जाइमर और पार्किंसंस के जोखिम को कम करने में मदद मिलती हैं।

माल्टा विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में बताया गया है कि ग्रीन टी में भरपूर मात्रा में मौजूद पॉलीफेनोल वास्तकव में एपिगैलोकैटेचिन-3-गैलेट (ईजीसीजी) और थिएफ्लेविन, पार्किंसंस के जोखिम को कम करती है।

ईव टॉप्‍फ और यूएसए नेशनल पार्किंसंस फाउंडेशन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर न्यूरोडीजेनेरेटिव डिजीज रिसर्च एंड फार्माकोलॉजी विभाग द्वारा किए गए एक अध्ययन में सामने आया कि ग्रीन टी पॉलीफेनोल्स ब्रेन एजिंग को रोकते हैं। जिससे पार्किंसंस और अल्जाइमर रोग के लिए जिम्मेीदार न्यूरोडीजेनेरेटिव डिसऑर्डर में एक संभावित न्यूरोप्रोटेक्टिव एजेंट के रूप में काम करते हैं।

6. ग्रीन टी डायबिटीज के खतरे को कम करती है

एक जापानी अध्ययन में पाया गया कि जो लोग ग्रीन टी पीते हैं उनमें टाइप 2 डायबिटीज होने का जोखिम 42% कम देखा गया। ओसाका विश्वविद्यालय में सामाजिक स्वास्थ्य और पर्यावरणीय स्वास्थ्य विभाग ने 5 साल की अवधि के दौरान पूरे जापान में 25 समुदायों के प्रतिभागियों का अध्ययन किया और पाया कि ग्रीन टी और कॉफी का सेवन करने वाले लोगों में टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम कम रहता है।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
संबंधित विषय:
लेखक के बारे में
टीम हेल्‍थ शॉट्स
टीम हेल्‍थ शॉट्स

ये हेल्‍थ शॉट्स के विविध लेखकों का समूह हैं, जो आपकी सेहत, सौंदर्य और तंदुरुस्ती के लिए हर बार कुछ खास लेकर आते हैं।

अगला लेख