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कोलेस्ट्रॉल कम कर सकता है आंवला, जानिए ये कैसे काम करता है और क्या है सेवन का सही तरीका

ये आंवले का मौसम है। पूरे भारत में कई ऐसे त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें आंवला जरूर शामिल किया जाता है। असल में जब मौसम बदलने लगता है, तब आंवला की एंटी बैक्टीरियल प्राेपर्टीज और हाई विटामिन सी आपको बीमार होने से बचाता है। इस बार कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में आंवले के फायदों के बारे में जानें।
आंवले में मौजूद विटामिन सी सहित अन्य पोषक तत्वों की गुणवत्ता डायबिटीज के मरीजों में अचानक से ब्लड शुगर को बढ़ने से रोकते हैं। चित्र : अडोबी
Published On: 11 Nov 2024, 03:00 pm IST
इनपुट फ्राॅम

जूस से लेकर चटनी और अचार तक, हर जगह इस्तेमाल किया जाने वाला आंवला स्वाद के साथ सेहत के लिए भी बेहद गुणकारी खाद्य पदार्थ है। एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर इस सुपरफूड को खाने से न केवल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है बल्कि हृदय रोगों का खतरा भी कम हो जाता है। इन दिनों कोलेस्ट्रॉल का बढ़ता स्तर हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ा रहा है। मगर फिक्र न करें, क्योंकि आपकी रसोई में मौजूद आंवला कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में भी आपकी मदद (amla to reduce cholesterol) कर सकता है। बस आपको इसके सेवन का सही तरीका पता होना चाहिए।

आंवला का सेवन करने से शरीर को विटामिन सी, फाइबर और मिनरल्स की प्राप्ति होती है। इस बारे में डायटीशियन डॉ मनीषा गोयल बताती हैं कि आंवला से शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बना रहा है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम से बचा जा सकता है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित बनाए रखने में मदद मिलती है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार आंवला से ओवरवेट लोगों में पाया गया हृदय रोगों का खतरा कम होने के अलावा कोलेस्ट्रॉल के स्तर और सूजन में भी सुधार पाया गया। इससे हेल्दी वेट मैनेजमेंट में भी मदद मिलती है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार 12 सप्ताह तक रोज़ाना दो बार 500 मिलीग्राम आंवला जूस का सेवन करने से ब्लड लिपिड स्तर वाले 98 लोगों में ट्राइग्लिसराइड, कोलेस्ट्रॉल और एलडीएल यानि खराबद्ध कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी पाई गई। इसके अलावा आंवला जूस पीने से प्लाज्मा के एथेरोजेनिक इंडेक्स में 39 फीसदी की कमी देखी गई। इसके प्रयोग आर्टरीज़ में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल के जोखिम को मापने के लिए होता है।

आंवला का सेवन करने से शरीर को विटामिन सी, फाइबर और मिनरल्स की प्राप्ति होती है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

जानें आंवला के सेवन से कैसे मिलेगी कोलेस्ट्रॉल से मुक्ति

1 खराब वसा को काटता है

आंवला का सेवन करने से शरीर को फाइबर के अलावा एलागिटैनिन और एलागिक एसिड की प्राप्ति होती है। इससे शरीर में हेल्दी फैट्स की मात्रा को बढ़ाकर बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। इसके सेवन से विटामिन सी की भी प्राप्ति होती है, जिससे आर्टरीज़ की क्लींजिंग में मदद मिलती है बैड फैट को बर्न किया जा सकता है।

2 टॉक्सिंस को बाहर करता है

आंवला का सेवन करने से शरीर को एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों की प्राप्ति होती है। इससे ब्लड में मौजूद विषैले पदार्थों को डिटॉक्स करके कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित किया जा सकता है। इसमें मौजूद पोटेशियम की मात्रा ब्लड वेलस्ल को फैलाकर ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद मिलती हैं। आहार में आंवला को शामिल करने से शरीर में रक्त का प्रवाह उचित बना रहता है।

3 आंतों को क्षमता बढ़ाता है

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार आंवला के सेवन से ब्लड में बढ़ रहे फैट्स के लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है। आंवला में मौजूद हाइड्रोफोबिक गुण आंतों की क्षमता में सुधार करके कोलेस्ट्रॉल के एब्जॉर्बशन को रोकने में मदद करता है। फाइबर की उच्च मात्रा कोलेस्ट्रॉल को एंटरोहेपेटिक रूप से सर्कुलेट होने से रोकता है।

4 ब्लड क्लॉटिंग से बचाता है

आंवला का सेवन करने से आर्टरीज़ की वॉल्स में जमने वाले प्लाक को रोकने में मदद मिलती है। दरअसल, इंफ्लामेशन से ब्लड का फ्लो बाधिक होने लगता है और ब्ल्ड क्लॉट की संभावना बढ़ जाती है। इससे चेस्ट पेन और आर्टरीज़ के नैरो होने का खतरा बढ़ता है। ऐसे में आंवले का नियमित सेवन कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकता है।

आंवला का सेवन करने से एंडोथेलियल फ़ंक्शन में सुधार आता है, जिससे रक्त की तरलता और प्लेटलेट का स्तर उचित बना रहता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

5 रक्त में तरलता बनी रहती है

एंडोथेलियम कोशिकाओं की उस लेयर को कहा जाता है, जिससे आर्टरीज़, नर्व्स और ब्लड सेल्स की इंटरनल लेयर तैयार होने लगती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार आंवला का सेवन करने से एंडोथेलियल फ़ंक्शन में सुधार आता है, जिससे रक्त की तरलता और प्लेटलेट का स्तर उचित बना रहता है।

कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए इन 3 तरीकों से कर सकते हैं आंवला का सेवन (How to consume amla to reduce cholesterol level)

1. कच्चा आंवला खाएं

एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर आंवला का सेवन करने से हृदय रोगों का खतरा कम होने लगता है। कच्चा आंवला खाने से शरीर को फायदा मिलता है। इससे शरीर में बढ़ने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम किया जा सकता है। एक्सपर्ट के अनुसार दिन में एक से दो आंवला खाने से सेहत को लाभ मिलता है।

2. खाली पेट आंवला जूस पिएं

एक चौथाई आंवला के रस में आधा गिलास पानी मिलाएं। अब इसमें पुदीने की पत्तियां, भुना जीरा पाउडर, नींबू का रस और शहद मिलाएं। इस जूस का सेवन करने से शरीर में बढ़ने वाले कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है।

आंवला जूस का सेवन करने से शरीर में बढ़ने वाले कोलेस्ट्रॉल
के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है। चित्र : अडोबीस्टॉक

3. व्यंजनों में आंवला पाउडर मिलाएं

आंवला के पाउडर को गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से हृदय रोगों के जोखिम को कम करने के अलावा इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में मदद मिलती है। इसके अलावा सैलेड पर स्प्रिंक्ल करने और स्मूदी में एड करके पीने से भी सेहत को फायदा मिलता है।

लेखक के बारे में
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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