मानसून (Monsoon) में शाम को चाय (Evening Tea) और पकौड़े ही याद आते हैं, लेकिन इन्हें खाने के बाद मन कितना भारी हो जाता है। इसके अलावा इसमें काफी ज़्यादा फैट भी होता है, क्योंकि इन्हें डीप फ्राइड किया जाता है। जब भी पकौड़े खाने की बात आती हैं तो हम हमेशा आलू, प्याज़, पनीर या गोभी के पकौड़ों की बात करते हैं। मगर यदि आप कुछ हेल्दी और टेस्टी खाने की तलाश में हैं, तो आपको अजवाइन के पत्तों के पकौड़े (Ajwain ke patte ke pakode Recipe) ट्राय करने चाहिए।
शायद आपने इन्हें कभी ट्राई नहीं किया हो, लेकिन ये वाकई बहुत टेस्टी होते हैं। इतना ही नहीं, अजवाइन के पत्ते बहुत ज़्यादा हेल्दी होते हैं और आपके पाचन तंत्र के लिए अच्छे होते हैं। तो चलिये फटाफट जान लेते हैं अजवाइन के पत्तों के पकौड़े की रेसिपी।
अजवाइन के पत्ते 20-25
बेसन 1 कप
लाल मिर्च पाउडर 1 छोटा चम्मच
हल्दी पाउडर 1/4 छोटा चम्मच
बेकिंग सोडा एक चुटकी
तेल 3 बड़े चम्मच, तलने के लिए
चाट मसाला 1/2 छोटा चम्मच
एक बाउल में बेसन, 1/2 टी-स्पून लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, बेकिंग सोडा, नमक, हींग, 3 बड़े चम्मच गरम तेल और पर्याप्त पानी मिलाकर एक चिकना घोल बना लें। बैटर गाढ़ा नहीं होना चाहिए।
फिर अजवाइन के पत्ते को अच्छी तरह धोकर सुखा लीजिये। इसके बाद इन्हें अच्छे से रोल करके काट लीजिये और बेसन के बैटर में डाल दीजिये।
इस बीच कढ़ाही में तेल गर्म कर लीजिये और इसमें एक – एक करके अजवाइन के पत्ते के पकौड़े डाल दीजिये।
इन्हें गोल्डन फ्राई होने तक भूनें और अब्सॉर्बेंट पेपर पर निकाल लें। बस चाट मसाला और बचा हुआ लाल मिर्च पाउडर छिड़कें और गर्म – गर्म परोसें।
कैलोरी : 1126 कैलोरी
कार्बोहाइड्रेट : 63.9 ग्राम
प्रोटीन : 23.7 ग्राम
वसा : 86.2 ग्राम
अन्य : फाइबर- 15.9 ग्राम
अजवाइन में मौजूद एंजाइम पेट के एसिड के प्रवाह में सुधार करते हैं, जो अपच, सूजन और गैस से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। यह अल्सर के साथ-साथ अन्नप्रणाली, पेट और आंतों में घावों के इलाज में भी मदद कर सकता है।
एनसीबीआई द्वारा चूहों पर किए गए शोध से संकेत मिलता है कि अजवाइन में मौजूद थाइमोल कैल्शियम को आपके हृदय में रक्त वाहिकाओं में प्रवेश करने से रोकता है। जिससे रक्तचाप कम करने में मदद मिलती है।
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कस्टमाइज़ करेंअजवाइन में मौजूद एसेंशियल ऑयल, विशेष रूप से थाइमोल और कार्वाक्रोल, बैक्टीरिया और कवक के विकास से लड़ने में मदद कर सकते हैं। वे साल्मोनेला और ई. कोलाई जैसे बैक्टीरिया से लड़ने में भी मदद कर सकते हैं, जिससे फूड पॉइज़निंग और पेट की अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
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