दिनों दिन प्रोसेस्ड फूड का चलन तेज़ी से बढ़ रहा है और उसमें इस्तेमाल किए जाने वाले इंग्रीडिएंटस सेहत के लिए कई प्रकार से नुकसानदायक साबित हो रहे है। फास्ट फूड्स में बतौर टेस्टमेकर (flavor enhancer) इस्तेमाल किया जाने वाला अजिनोमोटो आहार में स्वाद के साथ महक को भी जोड़ने का काम करता है। इसे एमएसजी यानि मोनोसोडियम ग्लूटामेट (Monosodium glutamate) भी कहा जाता है। पहले जानते हैं अजिनोमोटो क्या है और किस तरह से इसका सेवन करने से स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान (Severe Severe side effects of Ajinomoto) पहुंचा सकता है।
इस बारे में डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि अजिनोमोटो मोनोसोडियम ग्लूटामेट है, जो एक प्रकार का सबस्टांस है, जिसे खाने में फ्लेवर एड करने के लिए खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल किया जाता है। उसका एडवांस टेस्ट खाने को चटपटा बना देता है। यूएसडीए के अनुसार इसे सेफ बताया गया है। मगर सीमित मात्रा से ज्यादा इसका नियमित इस्तेमाल स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है।
इसके सेवन से न्यूरॉंन्स प्रभावित होते हैं, जिससे ब्रेन सेल्स डैमेज होने का जोखिम बढ़ जाता है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर और पसीना आने की समस्या बनी रहती है। अजिनोमोटो का अत्यधिक सेवन पाचन संबधी समस्याओं के जोखिम को भी बढ़ा देता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार अजिनोमोटो एल ग्लूटामिक एसिड से प्राप्त एक स्वाद बढ़ाने वाला खाद्य पदार्थ है। ये कई खाद्य पदार्थों में स्वाभाविक रूप से मौजूद होता है। एल-ग्लूटामिक एसिड एक तरह का नॉन एसेंशियल अमीनो एसिड है यानि आपका शरीर इसे स्वयं बना सकता है और इसे एड करने की ज़रूरत नहीं है। आहार को स्पाइसी, टेस्टी और लंबे वक्त तक शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए प्रीजर्वेटिव के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि अजिनोमोटो गंभीर स्वास्थ्यक जोखिमों (Severe severe side effects of ajinomoto) का कारण बन सकता है। इसका नियमित सेवन करने से नर्वस को उत्तेजित करके न्यूरोट्रांसमीटर को असंतुलित करने लगता है। ग्लूटामेट का लेवल बढ़ने से ब्रेन सेल डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। एमएसजी (Monosodium glutamate side effects) से शरीर में अल्जाइमर, हंटिंगटन, पार्किंसंस और मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसे रोगों का जोखिम बढ़ जाता है।
नियमित रूप से इसका सेवन करने से मेटाबॉलिक डिसऑर्डर की समस्या बनी रहती है। शरीर में लेप्टिन हार्मोन का स्त्राव बढ़ने से भूख बढ़ने की समस्या का सामना करना पड़ता है और मोटापे का सामना करना पड़ता है। एमएसजी एडीप्सिन को रेगयूलेट करता है और इससे शरीर की संरचना में बदलाव आने लगता है। मोनोसोडियम ग्लूटामेट ऊर्जा संतुलन को प्रभावित करता है, जिससे वेटगेन का सामना करना पड़ता है।
एमएसजी के सेवन से पेट में जलन और दर्द बढ़ने लगती है। साथ ही एसिडिटी, ब्लोटिंग, अपच, कब्ज और एसिड रिफ्लक्स की समस्या बनी रहती हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार अजिनोमोटो के कारण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं बढ़ने लगती है, जो पाचनतंत्र को अव्यवस्थित करता है। इसके अलावा गट हेल्थ को भी नुकसान पहुंचता है।
अजिनोमोटो में सोडियम की उच्च मात्रा पाई जाती है। इसके सेवन से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बनी रहती है, जिससे हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ने लगती है। रोज़ाना इसे आहार में शामिल करने से ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ने लगता है और इंफ्लामेशन की समस्या बनी रहती है। नमक की अत्यधिक मात्रा शरीर में वॉटर रिटेंशन की समस्या को भी बढ़ा देती है।
वे लोग जो रोज़ाना किसीन किसी रेसिपी में इसका इस्तेमाल करते हैं। उन्हें नींद न आने की समस्या बढ़ जाती है। इसकी अधिक मात्रा हार्मोनल इंबैलेंस को बढ़ता है, जिससे स्लीपिंग डिसऑर्डर की समस्या बढ़ जाती है। शरीर में बढ़ने वाला ग्लूटामेट स्तर से नींद की कमी बढ़ने लगती है।
अधिक मात्रा में अलिनोमोटो का सेवन करने से चेहरे और गर्दन पर पसीना आने की समस्या बढ़ने लगती है। वे लोग तो संवेदिनशील है, उन्हें नंबनेस, सिरदर्द, पसीना आना और थकान महसूस होने लगती है। यूएसडीए के अनुसार वे लोग जिनका शरीर सेंसिटिव है, उन्हें 3 ग्राम से अधिक इस खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए।