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क्या आप लैक्टोज इनटॉलरेंट हैं? तो इन नॉन डेयरी स्रोतों से दूर करें कैल्शियम की कमी

जिन लोगों को दूध और दूध से बने उत्पाद हज़म नहीं होते, उन्हें लैक्टोज इन्टॉलरेंस कहा जाता है। इसलिए आपको कैल्शियम के नॉन डेयरी स्रोतों के बारे में पता होना चाहिए।
नॉन डेरी प्रॉडक्ट्स जो कैल्शियम खाद्य स्रोत हैं. चित्र : शटरस्टॉक
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लैक्टोज इनटॉलेरेंस (Lactose Intolerance) एक ऐसी स्थिति होती है, जहां शरीर डेयरी से बनी चीज़ों को स्वीकार नहीं करता जैसे सभी प्रकार का दूध (गाय, भैस व बकरी) , छाछ, पनीर, दही, चीज़, योगर्ट , मक्खन, क्रीम। ऐसे में दूध से बनी चीज़ों (Milk Products) को लेने से पेट में दर्द हो सकता है और पाचन संबंधी समस्या हो जाती है। इसके लक्षणों में पेट में दर्द, पेट में गैस बनना, दस्त, उलटी, मतली व कब्ज़ हो जाना शामिल हैं।

इंडियन स्पाइनल इंजरीज सेंटर, वसंत कुंज, नई दिल्ली की सीनियर डायटीशियन, हिमांशी शर्मा कहती हैं कि ‘’लैक्टोज इनटॉलेरेंस का कोई इलाज नहीं है। हम इससे पीड़ित लोगो को डेयरी प्रोडक्ट न लेने की सलाह ही देते है।”

मगर डेयरी प्रॉडक्ट (Dairy Products) कैल्शियम का महत्वपूर्ण स्रोत हैं। ऐसे में इनके न लेने से ज्यादातर लोगों को कैल्शियम डेफिशिएंसी (Calcium deficiency) का जोखिम रहता है। हम सभी जानते हैं कि कैल्शियम शारीरिक विकास और मांसपेशियों की मजबूती (Muscle Strength) के लिए कितना फायदेमंद होता है।

एक व्यक्ति को प्रतिदिन कितने कैल्शियम की है ज़रूरत

हिमांशी का कहना है कि, ”प्रतिदिन एक व्यक्ति को कितने कैल्शियम की जरूरत होती है यह उसके जेंडर, उम्र और शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है। अलग-अलग स्थितियों में व्यक्ति को कैल्शियम की जरूरत 500 से 2000 मिलीग्राम तक होती है। जैसे, बढ़ती उम्र के बच्चों को 500 से 700, वयस्कों को 700 से 1,000 और गर्भवती महिलाओं को 1 हजार से 1200 मिलीग्राम कैल्शियम चाहिए होता है। वहीं, लैक्टेटिंग वुमन यानी स्तनपान करानेवाली महिलाओं को लगभग 2 हजार मिलीग्राम कैल्शियम की प्रतिदिन जरूरत होती है।”

पर जब आप दूध और दूध से बने उत्पादों के प्रति एलर्जिक हो जाती हैं, तब कैल्शियम डेफिशिएंसी एक बड़ा मुद्दा बन जाता है। अगर आप अपनी उम्र के तीसरे या चौथे दशक में हैं, तो आपके लिए इस पर विचार करना और भी जरूरी हो जाता है। तो क्या बिना डेयरी प्रॉडक्ट्स लिए आप शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर कर पाएंगी? तो जवाब है हां, क्योंकि आहार विशेषज्ञ आपके लिए कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बताने जा रही हैं, जो कैल्शियम के नॉन डेयरी सोर्स (Non dairy calcium food sources) हैं।

30 की उम्र में जरूरी होता है केल्शियम चित्र: शटरस्‍टॉक

अब जानिए कैल्शियम के नॉन डेयरी फूड सोर्स (Non dairy food sources of calcium)

1. सोयाबीन और उससे बने उत्पाद

100 ग्राम सोयाबीन (Soybean) कैल्शियम का 27% दैनिक मूल्य प्रदान करता है। फिर चाहे ये सोया आटा, टोफू, सोया दूध, सोयाबीन तेल हो, या सोया चंक्स। सोया दूध को आप अपनी चाय – कॉफी या खीर में भी शामिल कर सकती हैं। हिमांशी कहती हैं कि ”आप बादाम का दूध या अन्य नट मिल्क भी ले सकती हैं।”

2. ब्रोकली (Broccoli)

100 ग्राम ब्रोकली से लगभग 50 मिलीग्राम कैल्शियम मिलता है। 2 कप ब्रोकली में एक गिलास दूध के बराबर कैल्शियम होता है। आपको जानकार हैरानी होगी कि दूध के बजाय ब्रोकली से, कैल्शियम शरीर द्वारा आसानी से अवशोषित हो जाता है।

हिमांशी कहती हैं – ”कैल्शियम युक्त फल जैसे – पाइनएप्पल, केला, एवोकाडो, कीवी, और सब्ज़िया जैसे ब्रोकली, भिंडी में भी कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है।”

3. रागी (Ragi)

यह कैल्शियम सहित कई महत्वपूर्ण खनिजों से भरा हुआ है। 100 ग्राम रागी में लगभग 344 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। इसमें कई फाइटोन्यूट्रिएंट्स और पॉलीफेनोल्स भी होते हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह ग्लूटेन फ्री और अत्यंत पौष्टिक भी है।

अपने आहार में शामिल करें रागी का आटा, ये स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है. चित्र : शटरस्टॉक

4. पालक (Spinach)

प्रति 100 ग्राम पालक लगभग 100 मिलीग्राम कैल्शियम प्रदान करता है। यानी एक कप पके हुए पालक में लगभग 250 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। मगर पालक को अच्छे से पका कर ही खाएं।

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5. छोले (Chickpea)

100 ग्राम छोलों में लगभग 105 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। छोले शाकाहारी प्रोटीन के सबसे अच्छे स्रोतों में से एक हैं। यह आयरन, कॉपर, फोलेट और फॉस्फोरस से भरपूर हैं। आप छोलों को उबाल कर उनकी चाट या सलाद बनाकर भी खा सकती हैं।

हिमांशी के अनुसार आप मुनक्का, किशमिश, बादाम, पिस्ता, अखरोट, तरबूज के बीज, कद्दू के बीज का भी सेवन कर सकती हैं और इन सभी चीज़ो से आप अपने कैल्शियम की कमी को पूरा कर सकती हैं।

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ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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