गर्मी के मौसम में शरीर में कई प्रकार के बदलाव आने लगते हैं और उन्हीं में से एक है इम्यून सिस्टम का कमज़ोर होना। दरअसल, इस चिलचिलाती गर्मी में तापमान का स्तर बढ़ जाता है। इससे शरीर में बैक्टीरिया और वायरस पनपने का खतरा बना रहता है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव दिखने लगता है। लू से बचाव के लिए इम्यून सिस्टम का मज़बूत होना आवश्यक है। जानते हैं किन पोषक तत्वों की मदद से शरीर के इम्यून सिस्टम को मज़बूत करने में मिलती है मदद।
इस बारे में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, डॉ मृदुल धरोड़ बताते हैं कि गर्मी में पानी की कमी और संतुलित आहार न लेने से शरीर को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पउ़ता है। इसका प्रभाव इम्यून सिस्टम पर नज़र आने लगता है। इसके चलते पाचन संबधी समस्याओं का खतरा बढ़ने लगता है।
शरीर को निर्जलीकरण, स्ट्रोक, पेट दर्द, गैस्ट्रोएंटेराइटिस, सीने में जलन, एसिडिटी, कब्ज, डायरिया और चिड़चिड़ेपन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इससे पाचन तंत्र धीमा होने लगता है और शरीर कमजोर होने लगता है। ऐसे में पोषक तत्वों को आहार में शामिल करने से शरीर में बढ़ने वाले हार्मफुल बैक्टीरिया कम होने लगते हैं और इम्यून सिस्टम बूस्ट हो जाता है।
विटामिन बी वॉटर सॉल्यूबल विटामिन हैं, जिसके सेवन से शरीर में एनर्जी का स्तर बना रहता है। इस बारे में डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि आहार में विटामिन बी का शामिल करने से गट हेल्थ को मज़बूती मिलती है। इससे एपिटाइट बढ़ता और रेड ब्लड सेल्स की मात्रा में भी बढ़ोतरी होती है।
इसके लिए आहार में साबुत अनाज, दालें, एवोकाडो, केल, बीटरूट और पालक को अवश्य शामिल करें। इसके अलावा केला, तरबूज और सोया मिल्क को आहार में शामिल करें।
आहार में ओमेगा 3 फैटी एसिड को शामिल करने से शरीर में एनर्जी का लेवल बढ़ने लगता है। साथ ही ब्रेन, रेटिन और इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में मदद मिलती है। इसके लिए आहार में नट्स और सीड्स को शामिल करें। इसे गर्मी में ओवरनाइट सोक करके खा सकते हैं।
इसके अलावा गर्मी में होने वाली एंग्ज़ाइटी और डिप्रेशन के लक्षणों से भी बचा जा सकता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड में पाए जाने वाले अल्फा.लिनोलेनिक एसिड, ईकोसापेंटेनोइक एसिड और डोकोसाहेक्साएनोइक एसिड पाया जाता है।
डेली डाइट में एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर आहार लेने से शरीर में फ्री रेडिकल्स की समस्या कम होने लगती है। इससे शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव का खतरा कम हो जाता है। विटामिन ए और ई में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंटस पाए जाते हैं। शरीर में एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा को बढ़ाने के लिए मौसम के अनुसार और कलरफुल फलों को खाना बेहद फायदेमंद साबित होता है।
डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि आहार में आम, पपीता, स्ट्रॉबेरि और जामुन जैसे फलों को शामिल करना चाहिए। इन फलों में पाई जाने वाली विटामिन और मिनरल की मात्रा शरीर में क्रानिक डिज़ीज़ के जोखिम को कम कर देते हैं।
प्रोबायोटिक का सेवन करने से बैक्टीरिया इंटेस्टाइनल इम्यून सेल्स को स्टीम्यूलेट करने में मदद करते हैं। इससे गट हेल्थ बूस्ट होती है और शरीर में गुड बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं। इसके लिए आहार में दही, केफिर, कोम्बुचा, अचार और किमची को शामिल करें। इसके सेवन से गट में गुड बैक्टीरिया बढ़ने लगते है, जिससे डाइजेशन बूस्ट होता है और इम्यून सिस्टम को मज़बूती मिलती है।
विटामिन सी के सेवन से शरीर में सेल्स ग्रोथ और टिशू रिपेयर में मदद मिलती है। ये एक वॉटर सॉल्यूबल पिटामिन है। इससे शरीर में बढ़ने वाले फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम किया जा सकता है। शरीर स्वस्थ रहता है और बैक्टीरियल संक्रमण का प्रभाव कम होने लगता है। इसके लिए आहार में संतरा, नींबू, आंवला, कीवी और टमाटर को शामिल करें। विटामिन सी का सेवन त्वचा और बालों के लिए भी बेहद फायदेमंद है।
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