बहुत से लोग ऐसे हैं, जो सुबह बार बार बाथरूम जाते हैं, पर उनका पेट पूरी तरह से साफ नहीं होता। पेट साफ न होने के कारण व्यक्ति को असहज महसूस होता रहता है, और उन्हें पूरे दिन पाचन संबंधी समस्याएं जैसे गैस, ब्लोटिंग आदि परेशान करती रहती है। वहीं यदि ऐसा लंबे समय तक चलता रहता है, तब व्यक्ति को क्रॉनिक कब्ज की समस्या हो सकती है। इन सभी समस्याओं को अवॉइड करने के लिए अपने नियमित खानपान में सुधार करना बहुत जरूरी है (foods to cleanse stomach)।
आपके रोज सुबह का पाचन स्वास्थ्य और मल त्याग इस बात पर निर्भर करता है, कि आप पूरे दिन किस प्रकार का खाना खा रही हैं। यदि सुबह आपका पेट पूरी तरह से खाली नहीं हो पाता है, तो इन खास तरह के खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें। इनके सेवन से सुबह के मल त्याग मदद मिलती है, और पेट पूरी तरह से साफ हो जाता है (foods to cleanse stomach)।
मैग्नीशियम से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे कि नट्स, बीज और हरी पत्तेदार सब्जियां सेहत के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती हैं। ये आंत की नसों को शांत करने में मदद करती हैं। अक्सर, IBS या इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम वाले लोगों में मैग्नीशियम की कमी के कारण ऐसी समस्याएं होती हैं। आप भिन्न प्रकार की हरी पत्तेदार सब्जियों की मदद से शरीर में मैग्नीशियम की मात्रा को बनाए रख सकती हैं। दिन में एक मिल में हरि पत्तेदार सब्जियां जरूर लें, इससे अगली सुबह आपको बेहतर मल त्याग में मदद मिलेगी।
ओट्स और सेब दोनों में सॉल्युबल फाइबर की मात्रा पाई जाती है, जो हमारे दैनिक आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए। सॉल्युबल फाइबर आंतों की परत को नम करने में मदद करते हैं, जिससे मल त्याग में मदद मिलती है। यह आंत की गतिशीलता की दर में भी सहायता करता है, जो आंतों को सही ढंग से कार्य करने में मदद करता है। पेट साफ रखना है, तो ओट्स और सेब के मिश्रण को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
एसिड रिफ्लक्स वाले लोग अक्सर पाचन की धीमी दर या छोटे से बड़े कोलन में भोजन की गति की शिकायत करते हैं। अदरक एक बेहतरीन प्रोकाइनेटिक है, जो मल की गतिशीलता की दर को बेहतर बनाने में मदद करता है। इस प्रकार सुबह के समय बेहतर मल त्याग में मदद मिलती है, और आपका पेट साफ हो जाता है। दिन में कम से कम एक से दो बार अदरक की चाय जरूर पिएं।
अलसी में फाइबर की उच्च मात्रा मौजूद होती है, जो आपकी आंतों को नियमित रहने में मदद करती है। 1 चम्मच अलसी के बीज में लगभग 2.7 ग्राम फाइबर होता है, जिसमें सॉल्युबल और इन्सुलिबल फाइबर दोनों का मिश्रण होता है। टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों पर 2018 में किए गए एक छोटे से अध्ययन से पता चला, कि 12 हफ्ते तक रोजाना 10 ग्राम अलसी खाने से क्रॉनिक कब्ज की समस्या कम हो जाती है। इसके साथ ही ब्लड शुगर और फैट के स्तर में सुधार हो सकता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।
प्रोबायोटिक्स आंतों में स्वस्थ बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखते हैं। दही, फर्मेंटेड सब्जियां, घर का बना अचार, मिसो, केफिर, कोम्बुचा, सौकरकूट प्राकृतिक प्रोबायोटिक्स के रूप में सेवन करने के लिए कुछ बेहतरीन विकल्प हैं। ये सभी हेल्दी बैक्टीरिया पाचन संबंधी समस्याओं के खतरे को कम कर देते हैं। रात के खाने के साथ प्रोबायोटिक लें, इससे सुबह मल त्याग में मदद मिलेगी।
खिचड़ी नियमित मल त्याग में आपकी मदद करती है। इसमें फाइबर और कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो मल की नियमितता को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। खिचड़ी चावल और दाल के संयोजन से बनाई जाती है, और इसमें अपनी मनपसंदीदा सब्जी शामिल करें। यह पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देगा और सुबह पेट साफ करने में आपकी मदद करेगा।
चिया सीड्स में पर्याप्त मात्रा में फाइबर की गुणवत्ता पाई जाती है। 28 ग्राम चिया सीड्स में 9.8 ग्राम फाइबर होता है। चिया में मौजूद इन्सॉल्यूबल फाइबर पानी के साथ मिलकर आंत में एक जेल बनाते हैं, जो मल को नरम करने में मदद करता है। चिया अपने वज़न से 12 गुना ज़्यादा पानी सोख सकता है, जो मल को मोटा करने में मदद करता है। दिन में एक बार चिया सीड्स का सेवन करें, इससे अगली सुबह पेट साफ करने में मदद मिलेगी।
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