हम अक्सर तनाव, नींद की समस्या, पाचन की गडबडी, चयापचय (Metabolism), स्किन और मस्तिष्क स्वास्थ्य समस्या का सामना करते रहते हैं। पर हम यह समझ नहीं पाते हैं कि इसके पीछे हार्मोन जिम्मेदार हो सकता है। यह हॉर्मोन असंतुलन (Hormonal Imbalance) भोजन के कारण हो सकता है। कई खाद्य पदार्थ इस असंतुलन को बढ़ाते हैं। बहुत से खाद्य पदार्थ ऐसे हैं, जिन्हें आहार में शामिल करने से हॉर्मोन असंतुलन खत्म हो जाता है। फ़ूड हॉर्मोन को संतुलित करने में मदद करते (Hormone Balancing foods ) हैं।
हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, सबसे पहले आहार से उन खाद्य पदार्थों को निकलना चाहिए, जो हार्मोनल असंतुलन के लिए जिम्मेदार हैं। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, परिष्कृत शर्करा (Added Sugar), शराब (Alcohol for Hormonal Imbalance), कैफीन और संतृप्त पशु वसा (Saturated Animal Fat for Hormonal Imbalance) शामिल हैं। इन सभी में मौजूद प्रोसेस्ड न्यूट्रीएंट शरीर को लाभ पहुंचाने की बजाय हानि करते हैं। यह शरीर द्वारा बनाए जाने वाले हार्मोन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। इसकी शुरुआत आंत से ही होती है।
हार्वर्ड हेल्थ में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, खाद्य पदार्थ ओवरआल हार्मोनल असंतुलन को संतुलित करने में मदद करते हैं। इससे मूड स्विंग में कमी आती है। इससे अवसाद (Depression), चिंता(Anxiety), थकान (Fatigue) और चिड़चिड़ापन (Irritable Bowel Syndrome) के लक्षणों में कमी आती है। हार्मोनल संतुलन से मानसिक तौर (Hormonal Balance for Mental Health) पर व्यक्ति मजबूत होता है। फोकस और शारीरिक ऊर्जा भी बढ़ती है। हार्मोन संतुलन से मुंहासे, बालों का झड़ना, रात को पसीना आना और गर्मी लगना आदि जैसे लक्षण कम हो सकते हैं।
जर्नल ऑफ़ फ़ूड साइंस के अनुसार, गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जी सूजन से लड़ने में मदद करती है। यह हमारे कोर्टिसोल स्तर को कम करती हैं, जो तनाव बढ़ाते हैं। इससे शरीर की कोशिकाओं की टूट-फूट कम हो जाती है। हरी सब्जियां शरीर में आयरन कंटेंट को बढ़ाती हैं। यह ऊर्जा के स्तर को भी बढ़ाती हैं। यह एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करती हैं।
जर्नल ऑफ़ फ़ूड साइंस के अनुसार, अखरोट, सैल्मन, ऑलिव आयल, अलसी के बीज (Flax Seeds for Hormonal Balance), चिया सीड्स (Chia Seeds) आदि को अपने आहार में शामिल किया जा सकता है। इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड सेलुलर झिल्ली की रक्षा करने के अलावा, कोलेस्ट्रॉल को कम करने, याददाश्त में सुधार करने, हमारे मूड को बेहतर बनाने और सूजन को कम करने में मदद करता है।
जर्नल ऑफ़ फ़ूड साइंस के अनुसार, सबसे प्रसिद्ध एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंटों में से एक है हल्दी। हल्दी के भीतर सक्रिय घटक करक्यूमिन है, जो हार्मोनल स्थितियों, विशेष रूप से पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) के लिए बहुत मददगार हो सकता है। एस्ट्रोजेन को खत्म करने के लिए चयापचय में लीवर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हल्दी इस तंत्र के माध्यम से हार्मोन रेगुलेशन पर प्रभाव डाल सकती है। यह शरीर को प्राकृतिक रूप से संतुलित हार्मोन स्तर प्राप्त करने में मदद करता है।
हार्वर्ड हेल्थ के शोध आलेख बताते हैं कि एवोकैडो में बीटा-सिटोस्टेरॉल तत्व मौजूद होता है। यह स्वाभाविक रूप से तनाव हार्मोन कोर्टिसोल को कम करता है। ये स्वाभाविक रूप से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करते हैं और हॉर्मोन संतुलित करते हैं (Hormone Balancing foods )।
हार्वर्ड हेल्थ के शोध आलेख बताते हैं कि नारियल, सूरजमुखी के बीज, और कद्दू के बीज में एमसीटी(MCT) या मध्यम श्रृंखला ट्राइग्लिसराइड्स (Medium Chain Triglycerides) मौजूद होते हैं। एमसीटी ब्लड शुगर रेगुलेशन और मेटाबोलिज्म में सुधार करता है। यह भूख को नियंत्रित करने में मदद करता है।
जर्नल ऑफ़ फ़ूड साइंस के अनुसार, यह कार्यात्मक पेय शरीर की क्षारीयता में सुधार करता है। पेट में परिणामी उच्च पीएच स्तर (High PH Level) का मतलब कम एसिड होता है। यह सूजन से निपटने और हार्मोनल संतुलन को बढ़ाने में मदद करता है।
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