इन दिनों मच्छरों की बढ़ती तादाद डेंगू फीवर भी लोगों की परेशानी का कारण बना हुआ है। मच्छर के माध्यम से डेंगू वायरस हम तक पहुंचते हैं और हमें बीमार बनाते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि डेंगू फीवर सबसे अधिक प्लेटलेट काउंट को प्रभावित करता है। इसलिए हमें खानपान पर सबसे अधिक ध्यान देना चाहिए। ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं, जो डेंगू फीवर होने के बाद खाना (Dengue Diet) चाहिए। ये आहार न सिर्फ प्लेटलेट काउंट बढाने में मदद करते हैं, बल्कि इम्यून सिस्टम को भी मजबूती देते हैं।
डेंगू हाल के दशकों में प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता की वजह बना है। यह गर्म प्रदेशों में अधिक फैलता है। पबमेड सेंट्रल की रिपोर्ट बताती है कि एक अनुमान के मुताबिक डेंगू बुखार (Dengue F) के 50 से 100 मिलियन मामले हर साल होते हैं। डेंगू बुखार एक संक्रमित एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। रोग का पहला लक्षण संक्रमित मच्छर द्वारा किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटने के लगभग 5-7 दिनों में दिखाई देता है।
जैसे ही इन दिनों किसी को डेंगू होता है, तो सबसे पहले पपीते के पत्ते की खोज शुरू हो जाती है। क्योंकि इसके पत्ते को इस खतरनाक बीमारी से लड़ने में सक्षम माना गया गया है। कई शोधकर्ताओं ने पाया है कि पपीते के पत्ते इस खतरनाक बीमारी से लड़ने में अहम भूमिका निभाते हैं।
एशियन पैक जे ट्रॉप बायोमेड जर्नल में एशिया के शोधकर्ता निसार अहमद, हिना फजल, इजाज़ मोहम्मद, मोहम्मद अयाज़ और लुब्ना फजल की टीम ने डेंगू फीवर के लिए पपीते के पत्ते पर शोध किया। उनलोगों ने 45 वर्षीय रोगी में डेंगू बुखार के खिलाफ पपीते के पत्तों के अर्क की क्षमता की जांच की। डेंगू बुखार के इलाज के लिए पानी में अर्क तैयार किया गया था। पपीते के पत्तों का 25 एमएल जलीय अर्क डेंगू बुखार से पीड़ित रोगी को दिन में दो बार, सुबह और शाम लगातार पांच दिनों तक दिया जाता था। रोगी के रक्त के नमूनों का विश्लेषण किया गया। प्लेटलेट्स काउंट में यह पाया गया कि पपीता का अर्क डेंगू बुखार के खिलाफ काम करता है। यह वायरल रोगों के खिलाफ एक नेचुरल एजेंट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
जर्नल ऑफ़ ड्रग डिलीवरी एंड थेरेप्यूटिक्स में बिप्लब गिरि, मृण्मय सरकार और संदीप कुमार दास के शोध प्रकाशित हुए। इसके अनुसार, डेंगू रोगियों के पारंपरिक चिकित्सा में उपयोग में लाया जाने वाला नारियल पानी अच्छे खाद्य पदार्थों में से एक है। नारियल पानी पानी का एक प्राकृतिक स्रोत है। इसमें मौजूद आवश्यक खनिज और इलेक्ट्रोलाइट्स डेंगू के रोगियों में तरल पदार्थ की पूर्ति करता है। इसे अनार और नींबू जूस के साथ लेने पर और अधिक फायदेमंद हो जाता है
एंटीवायरल रेस जर्नल में डेंगू फीवर पर अनुराधा बालासुब्रमण्यम, राजेंद्र पिलंकट्टा, तदहिसा टेरामोटो का शोध आलेख प्रकाशित हुआ। इसके अनुसार हल्दी में करक्यूमिन पाया जाता है। यह संक्रामकता के कारण शरीर में हुए दुष्प्रभाव को कम करने में मदद करता है। करक्यूमिनोइड्स द्वारा एक्टिन पोलीमराइज़ेशन की क्रिया होती है। इससे शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
फ्रंट फार्माकोल जर्नल में ममता धीमान, लक्षिका शर्मा, अभिषेक दधीच के शोध आलेख के अनुसार, डेंगू फीवर में मेथी या मेथी के पत्ते का सेवन मरीज को जरूर कराना चाहिए। मेथी और मेथी के पत्ते रोगी के दर्द को कम करने में मदद करते हैं और साउंड स्लीप में मदद करते हैं।
यह रोगी के ब्लड प्रेशर और हार्ट बीट को भी नोर्मल करने और बुखार कम करने में मदद करता है।
अमेरिकी शोधकर्ता एस फ्रैबासिल ने 2017 में अध्ययन किया। इसके आधार पर उन्होंने बताया कि संतरे में मौजूद फ्लेवोनोइड का एक वर्ग साइट्रस फ्लेवनोन नारिंगिनिन एंटी डेंगू फीवर प्रदर्शित करता है। डेंगू के कारण तेज बुखार और डिहाइड्रेशन हो जाता है। संतरा विटामिन सी से भरपूर फलों में से एक है। इससे डिहाइड्रेशन को खत्म करने और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।
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