देश में ओमिक्रोन (Omicron) के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। जानकारों का मानना है कि मामले फरवरी में पीक (Covid-19 third wave peak) पर पहुंच सकते हैं। इस बार लोगों को अपनी चपेट में लेने वाला संक्रमण का वेरिएंट ओमिक्रोन (Omicron) है। शुरू से ही इस वैरिएंट को लेकर खतरा बताया जा रहा था। क्योंकि यह काफी तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है। अगर आप भी इस वायरस की चपेट में आ गए हैं, तो आपको कुछ सुपरफूड्स ( Superfoods for Omicron) इससे जल्दी उबरने में सहायता कर सकते हैं।
जीवन के हर मोड़ पर हमारे शरीर को प्रोटीन की आवश्यकता होती है। दरअसल हमारे शरीर में मौजूद हर कोशिका (Body Cell) में प्रोटीन (Protein) पाया जाता है। प्रोटीन का एक बेसिक स्ट्रक्चर अमीनो एसिड (Amino acid) की चेन होती है। प्रोटीन बच्चों, किशोरों और गर्भवती महिलाओं में वृद्धि और विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। ओमिक्रोन से रिकवरी ( protein For Omicron Recovery ) के लिए भी प्रोटीन होना जरूरी है, जिसकी कमी को हम पूरा कर सकते हैं।
हमें अपने आहार में कुछ सुपरफूड्स की मदद से प्रोटीन की मात्रा लेनी बहुत आवश्यक होती है। ताकि हमारे शरीर की कोशिकाएं अपनी मरम्मत ( Cell development) कर सकें और नई कोशिकाओं को डेवलप कर सकें।
शरीर में प्रवेश करने के बाद संक्रमण जब म्यूटेट होता है, तो कोशिकाओं से चिपकने लगता है। ऐसे में जब कोशिकाएं प्रोटीन की कमी से कमजोर हो जाती हैं, तो वायरस उन्हें पूरी तरह से कब्जा लेता है। जिससे रिकवरी काफी जटिल हो जाती है। प्रोटीन की कमी से इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है। हमारी कोशिकाएं बिना प्रोटीन के खुद का निर्माण नहीं कर सकती है।
यह हर व्यक्ति के लिए सामान्य नहीं है। डॉक्टरों द्वारा शरीर के वजन के अनुसार प्रोटीन लिए जाने की सिफारिश की जाती है। मैक्रोन्यूट्रिएंट्स के लिए डाइटरी रेफरेंस इंटेक रिपोर्ट की मानें तो, एक गतिहीन वयस्क को शरीर के वजन के प्रति किलोग्राम 0.8 ग्राम प्रोटीन या 0.36 ग्राम प्रति पाउंड का सेवन करना जरूरी है।
इसका मतलब है कि औसत गतिहीन पुरुष को प्रतिदिन लगभग 56 ग्राम प्रोटीन खाना चाहिए, और औसत महिला को लगभग 46 ग्राम खाना चाहिए।
ज्यादातर मांसाहारी फूड (Meat Protein) में प्रोटीन होता है। लेकिन शाकाहारी लोगों के लिए सोयाबीन ( soyabean) और दूध (Milk) से बेहतरीन विकल्प कोई और नहीं हो सकता। यह ऐसा सुपरफूड है जो जल्द से जल्द शरीर में प्रोटीन की कमी पूरा करने की अहम भूमिका निभा सकता है।
एनसीबीआई ( NCBI) के अनुसार सोयाबीन की प्रोटीन सामग्री सूखे वजन का 36-56% होती है, सोयाबीन में मुख्य प्रकार के प्रोटीन ग्लाइसिनिन (glycinine) और कॉग्लिसिनिन (conglycinin) हैं, जो कुल प्रोटीन सामग्री का लगभग 80% बनाते हैं। इसके अलावा USDA बताता है कि 172 ग्राम उबले हुए सोयाबीन में लगभग 29 ग्राम प्रोटीन होता है।
वहीं अगर दूध की बात की जाए, तो 100 ग्राम दूध में 3.4 ग्राम प्रोटीन होती है। यह आइसोलेट प्रोटीन का अच्छा जरिया है जो हमारे शरीर के लिए सभी आवश्यक अमीनो एसिड प्रदान करता है। यह ब्रांच्ड-चेन अमीनो एसिड का भी एक अच्छा स्रोत है, जैसे कि ल्यूसीन, जो मांसपेशियों की वृद्धि और रिकवरी के लिए महत्वपूर्ण हैं।
प्रोटीन का ज्यादा सेवन हमारे शरीर के लिए अच्छा नहीं है। हमें अपना वजन देखना चाहिए और उसके अनुसार ही प्रोटीन की मात्रा को अपनाना चाहिए। दरअसल हमारा शरीर प्रोटीन को स्टोर नहीं करता है, जब एक बार शरीर को प्रोटीन का कोटा पूरा मिल जाता है तो वह ज्यादा प्रोटीन को याद तो एनर्जी में कन्वर्ट कर देता है या तो फ्लैट में।
जिसके बाद हमें कई शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। प्रोटीन आपको संक्रमण से उबरने में मदद कर सकता है, लेकिन ज्यादा जल्दी रिकवर होने के लिए ज्यादा प्रोटीन का सेवन आपके लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं।