लौकी या बोटल गार्ड (bottle gourd) खीरा परिवार (cucumber family) का एक हिस्सा है, जिसे दुनिया के गर्म इलाकों में उगाया जाता है। यह न केवल हल्की और पचने में आसान है, बल्कि वजन घटाने में भी सहायक है। सिर्फ लौकी की सब्जी ही नहीं, बल्कि इसका रस भी वजन कम करने में मददगार साबित हो सकता है। सबसे अच्छी बात यह कि आप उपवास में भी लौकी का सेवन कर सकते हैं। तो अगर आप नवरात्रि में वेट लॉस कर रहीं हैं, तो अपने आहार में लौकी को जरूर शामिल करें।
सितंबर 2012 में एशियन पैसिफिक जर्नल ऑफ द ट्रॉपिकल मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि लौकी ने चूहों में बढ़े हुए वजन को कम करने में मदद की। इन्हें उच्च वसा वाला आहार खिलाया गया था।
2012 में जर्नल ऑफ द न्यूट्रिशन एंड डाइटेटिक्स में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार लौकी में पानी और फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो इसे कैलोरी में कम करती है। इसलिए इसे वेट लॉस प्लान के लिए आदर्श भोजन माना जाता है। इसमें ऊर्जा घनत्व कम होता है, जो वजन कम करने और इसे बनाए रखने में सहायक हो सकता है।
लौकी आपको बेहतर नींद लेने में मदद करती है। जो वजन कम करने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। रात की एक अच्छी नींद आपके चयापचय में सुधार करती है और आपके हार्मोन को सक्रिय करती है।
आंशिक रूप से इसके मूत्रवर्धक प्रभाव के कारण वजन घटाने के लिए लौका का सेवन करने की सलाह दी जाती है। मूत्रवर्धक होने की वजह से यह आपको पानी का वजन कम करने और वसा का निर्माण होने से रोकती है। हालांकि, एक बार जब मूत्रवर्धक प्रभाव खत्म हो जाता है, तो कम किया हुआ वजन वापस आ सकता है।
कई बार मूत्रवर्धक खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन भी जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि इससे शरीर में निर्जलीकरण और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकता है।
यह सब्जी संतृप्त वसा और कोलेस्ट्रॉल में बहुत कम है। साथ ही वजन घटाने के लिए आवश्यक पोषक तत्वों और पानी से भरपूर है। इसमें विटामिन सी, विटामिन बी, विटामिन के, विटामिन ए, विटामिन ई, आयरन, फोलेट, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे आवश्यक पोषक तत्व शामिल हैं।
जैसा कि हमेशा सुझाव दिया जाता है कि जूस के बजाय साबुत फल और सब्जियां खाना बेहतर होता है। यह बात लौकी पर भी समान रूप से लागू होती है। साबुत लौकी, लौकी की सब्जी या उबली हुई लौकी की तुलना में इसके रस में फाइबर कम होता है और कैलोरी अधिक होती है।
एक कप उबली हुई लौकी में 19 कैलोरी और 2 ग्राम फाइबर होता है। लेकिन एक कप लौकी का जूस बनाने के लिए कई कप लौकी का इस्तेमाल किया जाता है। जो इसमें कैलोरी की मात्रा को भी बढ़ाता है।
अधिक मात्रा में लौकी का रस पीने से मतली, अल्सर, उल्टी में रक्त, दस्त, पेट दर्द और किडनी की समस्याओं जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। लौकी के रस का कड़वा स्वाद इसमें मौजूद क्यूकरबिटासिन यौगिकों के कारण होता है, जो कुछ लोगों के लिए विषैला हो सकता है।
पर अच्छी बात यह है कि इस यौगिक को पकाने से नष्ट किया जा सकता है। लौकी की सुरक्षित किस्म मीठी और कोमल होती है।
2012 में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन, फार्माकोलॉजी, न्यूरोलॉजिकल रोगों में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि एक दिन में तीन औंस (लगभग 88ml) से अधिक लौकी का जूस नहीं पीना चाहिए।
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