कोरोना वायरस की दूसरी लहर तेज़ी से सबको अपनी चपेट में ले रही है। हर रोज़ लाखों की संख्या में लोग इससे संक्रमित हो रहे हैं। इसके साथ ही, जो लोग कोविड – 19 से ठीक हो रहे हैं उनमें कई तरह के साइड इफेक्ट्स देखने को मिल रहे हैं, जो तकरीबन 6 से 8 महीने तक रह सकते हैं। ये आपके लिवर और लंग्स के साथ कई अन्य अंगों को प्रभावित कर सकते हैं।
ऐसे में लोगों को एक स्वस्थ आहार लेने की ज़रुरत है, जिससे उनकी रिकवरी तेज़ी से हो पाए। आज हेल्थ शॉट्स के इस लेख में हम आपको पौष्टिक आहार लेने का सही तरीका और अनुपात बताएंगे, जो आपको फिर से स्वस्थ होने में मदद करेगा।
बीमार व्यक्ति को पर्याप्त कैलोरी प्रदान की जानी चाहिए। मोटापे के मरीजों में अक्सर श्वसन संबंधी विकार, लो इम्युनिटी, बढ़ी हुई सूजन और मांसपेशियों की ताकत कम होती है। इन व्यक्तियों को निमोनिया और कार्डियक स्ट्रेस का खतरा अधिक होता है। ऐसे में कैलोरीज की सही मात्रा आपको इससे निपटने में मदद करेगी।
आपके शरीर में प्रतिदिन सिर्फ 100 से 150g कार्ब्स ही जाना चाहिए। इसकी अधिक खपत शरीर में ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड का उत्पादन करती है, जिससे रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस होने का खतरा बढ़ जाता है। यदि आप मधुमेह रोगी हैं, तो देखभाल और भी ज्यादा ज़रूरी है। जिससे ग्लूकोज के चढ़ते-उतरते स्तर को नापा जा सके।
लगातार उच्च ग्लूकोज संक्रमण का एक प्रभाव है और यह भी रिकवरी में देरी कर सकता है। अपने आहार में दालों, डेयरी उत्पाद, और अनाज के बजाय सब्जियों को शामिल करें। इसके अलावा फ्रूट जूस पीने से बचें।
प्रोटीन की अच्छी मात्रा आपको अपने आहार में ज़रूर शामिल करनी चाहिए। प्रोटीन आपकी मसल मास की हानि होने से बचाएगा और रेस्पिरेटरी मसल को मजबूती देगा। प्रोटीन को पोषण की स्थिति, शारीरिक गतिविधि स्तर और पाचन सहिष्णुता को ध्यान में रखते हुए आहार में शामिल किया जाना चाहिए। इसलिए अगर आपका पाचन तंत्र सही है, तो अपने दैनिक आहार में दही, पनीर और अंडे ज़रूर शामिल करें।
कैलोरी बनाए रखने के लिए वसा का अनुपात बढ़ाया जा सकता है। मीडियम-चेन फैटी एसिड के उपयोग को प्राथमिकता दें। इसके अलावा, ओमेगा -3 फैटी एसिड के अनुपात में वृद्धि करें। ये इम्युनिटी बढ़ाने में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं और सूजन को भी कम करते हैं।
इसके लिए नारियल तेल, मक्खन, घी, नट्स, एमसीटी तेल का उपयोग किया जा सकता है। साथ ही, खाना पकाने के लिए जैतून या मूंगफली का तेल भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
रिकवरी में विटामिन्स और मिनरल्स एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विटामिन B/C/D और सेलेनियम, आयरन और जिंक जैसे मिनरल्स ज़रूर शामिल किये जाने चाहिए। आप इन्हें आहार में शामिल कर सकती हैं या इनके सप्लीमेंट ले सकती हैं।
आईसीयू के मरीजों में निगलने की समस्या हो सकती है, जिसे डिस्चार्ज होने के बाद लंबे समय तक पोस्ट-एक्सुलेशन निगलने की बीमारी होती है। यह चार महीने तक भी चल सकती है, लेकिन सही विकल्प के साथ इसे प्रबंधित किया जा सकता है।
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कस्टमाइज़ करेंयदि रोगी की सूखी खांसी और गले में खराश गंभीर है, तो ठोस भोजन का सेवन कम ही बेहतर है। इसलिए, गर्म, नरम खाद्य पदार्थ और सप्लीमेंट का उपयोग किया जा सकता है। ऐसे में छोटे-छोटे टुकड़ों में भोजन करें और तरल पदार्थ का सेवन भोजन से पहले या बाद में होना चाहिए न कि भोजन के साथ।
यदि आपका इलाज अस्पताल में हुआ है या आप कई दिनों तक आईसीयू बेड पर थे, तो निश्चित तौर पर हड्डियां और मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती हैं। इसलिए, चिकित्सीय सलाह के आधार पर अपनी दिनचर्या में व्यायाम शामिल करें।
शुरुआत में कुछ बेहद सरल एक्सरसाइज ही करें जैसे चलना, हल्की स्ट्रेचिंग और ब्रीदिंग एक्सरसाइज जैसे प्राणायाम और अनुलोम विलोम। इससे आपकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता धीरे-धीरे बढ़ने लगेगी और आप खुद को पहले से ज्यादा चुस्त और तंदुरुस्त महसूस करेंगे।
अगर आपको लगता है कि आपका मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो, एक प्रशिक्षित मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लें।
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