अक्सर धनिए की फ्रेश और खुशबूदार पत्तियों को देखकर चटनी बनाने का ख्याल मन में आने लगता है। इसके अलावा हर सब्जी, सूप और रायता भी धनिए के बगैर अधूरे लगते है। दरअसल, आंखों और शरीर को ठंडक प्रदान करने वाले इस सुपरफूड में मौजूद पोषक तत्व और स्वाद खाने को ज़ायकेदार और हेल्दी बना देते हैं। जहां मसाले के लिए सूखे धनिए का प्रयोग किया जाता है, तो वहीं गार्निश करने के लिए इसकी पत्तियां बेहद फायदेमंद साबित होती हैं। जानते हैं धनिए की पत्तियों के फायदे (hara dhania benefits) और इस्तेमाल करने का तरीका भी।
हरा धनिया की फसल देश के कई इलाकों के अलावा विदेशों में भी उगाई जाती है। यूरोप के अलावा अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्सों में भी इसकी खेती की जाती है। इस औषधीय पौधे का इस्तेमाल पुरानी बीमारियों के इलाज के लिए भी किया जाता है। हरा धनिया के मुलायम पौधे की ऊँचाई 50 मीटर होती है। इसका हर तना और चौड़ी पत्तियाँ सब कुछ स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद (hara dhania benefits) हैं।
डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी माइक्रोबियल गुणों से भरपूर हरे धनिए की पत्तियों का सेवन (hara dhania benefits) करने से शरीर का इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है। इसमें फाइबर के अलावा प्रोटीन की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसका सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल और सेचुरेटिड फैट्स की मात्रा को नियंत्रित किया जाता है। इससे शरीर को आयरन, जिंक, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस की प्राप्ति होती हैं।
इससे शरीर को विटामिन ए के अलावा सी और ई की प्राप्ति होती है, जिससे देखने की क्षमता में सुधार आने लगता है। दरअसल, उम्र के साथ बढ़ने वाले नेत्ररोग जैसे मोतियाबिंद और मैक्यूलर डीजनरेशन का जोखिम भी धनिए का सेवन करने से कम होने लगता है। साथ ही उम्र के साथ बढ़ने वाले धब्बेदार विकारों की भी समस्या हल होती है।
हरे धनिए (hara dhania benefits) का सेवन करने से शरीर में एंजाइम की मात्रा बढ़ जाती है, जो ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है। दरअसल, इसमें मौजूद डाइटरी फाइबर और प्रोटीन की मात्रा ब्लड शुगर को रेगुलेट करके एपिटाइट को नियंत्रित करने में भी मदद करती है, जिससे ओवरइटिंग की समस्या हल होने लगती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार हरे धनिए (hara dhania benefits) में रोगाणुरोधी कंपाउड होते हैं जो कुछ संक्रमणों और खाद्य जनित बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकते हैं। डोडेसेनल कंपाउड की मदद से साल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है, जो जानलेवा खाद्य विषाक्तता का कारण बन सकता है। इसमें मौजूद पोषक तत्वों से यूटीआई का बढ़ता खतरा भी कम होने लगता है।
इससे आंतों में गुड बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ने लगती है और पेट दर्द, ब्लोटिंग और अपच से राहत मिल जाती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार इरिटेबल बॉवल सिंड्रोम से ग्रस्त 32 लोगों को दिन में तीन बार धनिए से भरपूर हर्बल मेडिकेशन का सेवन करवाया गया। इससे न केवल दर्द बल्कि ब्लोटिंग और घबराहट से राहत मिली।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार धनिए से पार्किंसंस, अल्जाइमर और मल्टीपल स्केलेरोसिस सहित कई मस्तिष्क संबंधी बीमारियों का जोखिम कम हो जाता हैं। इसमें मौजूद सूजनरोधी गुण इन बीमारियों से बचाव करने में मदद करते हैं। रिसर्च के अनुसार धनिए का अर्क नर्व सेल्स डैमेज से बचाव करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट याददाश्त में सुधार करते है और थकान व अनिद्रा से भी राहत मिल जाती है।
एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर धनिए की पत्तियों में विटामिन ई और ए पाया जाता है। इससे त्वचा पर बढ़ने वाले सीबम सिक्रीशन और एलर्जी को कम किया जा सकता है। इसके अलावा फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को भी कम किया जा सकता है।
इन ताज़गी से भरपूर पत्तों में कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस समेत प्रचुर मात्रा में मिनरल्स पाए जाते हैं। सूप, दाल, पेय पदार्थ और सलाद में इन पत्तों को खाने से बोन डेंसिटी बढ़ने लगती है और गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस में जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है।
गर्मी के दौरान पेट दर्द और ब्लोटिंग से बचने के लिए ये पेय पदार्थ बेहद फायदेमंद है। इसके लिए पुदीने की पत्तियों और उसकी डंडियों को ब्लैंडर में डालकर आधा कप पानी डालें। साथ ही नींबू का रस, काला नमक, आंवला और कोकोनट शुगर एड कर दें। अब इसमें आइस क्यूब डालकर सर्व करें।
इसके लिए धनिए की डंडियों को पानी डालकर उबलने दें उसमें पत्तियां भी एड कर दें। दूसरी ओर अदरक, लहसुन और टमाटर को ब्लैंड करके पकाएं। पकने के बाद उसमें धनिए की डंडियों और पत्तियों समेत पानी को ब्लैंड कर लें। अब उसमें तैयार मसाला एड कर दें। साथ ही बॉइल कॉन, पनीर काली मिर्च और नमक भी स्वादानुसार एड कर दें।
धनिए की डंडियों और पत्तियों को पुदीने की पत्तियों के साथ मिलाकर धो लें और ब्लैंडर में डालें। अब उसमें अदरक, लहसुन, नींबू का रस, टमाटर, प्याज और हरी मिर्च डालें। स्वादानुसार आंवला भी एड कर सकते हैं। सभी चीजों को पीसकर तैयार कर लें। अब उसे मेन कोर्स के अलावा सैंडविच व चावल के साथ भी सर्व कर सकते हैं।
एंटीऑक्सीडेंट्स की प्राप्ति के लिए धनिए को मिलाकर पकाने से फायदा मिलता है। इसके लिए जीरा, प्याज, अदरक, लहसुन और टमाटर को पकाकर तैयार कर लें। अब इसमें कटे हुए आलू और धनिया डालकर पकाएं। पूरी तरह से तैयार होने के बाद इसे चावल या रोटी के साथ सर्व करें।
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