सत्तू के पोषक तत्वों को अब सभी जान चुके हैं। इसे सुपरफूड के प्रशंसक अब दुनिया भर में मौजूद हैं। कई सामग्रियों से सत्तू बनाया जा सकता है। इनमें जौ, ज्वार और चने का सत्तू सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। पर क्या आप जानती हैं कि सर्दियों के मौसम में आपके लिए कौन सा सत्तू सबसे बेहतर है? तो इसका जवाब है चने का सत्तू। चने का सत्तू सर्दियों में होने वाली कई समस्याओं से बचाए रखने में आपकी मदद करता है। आइए जानते हैं कैसे।
सत्तू एक प्रोटीन युक्त आटा है जो भुने चने को पीसकर या अन्य दालों और अनाज से बनाया जाता है। यह भारत के कई हिस्सों जैसे झारखंड, बिहार, पंजाब, उत्तराखंड और यूपी में काफी लोकप्रिय है। बाज़ार में सत्तू अब विभिन्न रूपों में उपलब्ध है, जिसमें गेहूं, जौ या ज्वार (Jwar) शामिल हैं। इन सभी वैरायटी में भुने चने का एक निश्चित प्रतिशत होता है।
आजकल यह सुपरमार्केट में भी आसानी से उपलब्ध है। मगर आप इसे आसानी से घर पर भी बना सकते हैं। आपको बस एक कढ़ाही में चने को भूनना है। इसे ठंडा होने दें, फिर भुने चने को ग्राइंडर की मदद से बारीक पीस लें। आपका घर का बना सत्तू उपयोग के लिए तैयार है। आप भूसी को हटा भी सकते हैं और नहीं भी।
असल में चने का सत्तू प्रोटीन का पावरहाउस है। यह प्रोटीन, आहार फाइबर और कई अन्य पोषक तत्वों का एक समृद्ध स्रोत है। चने की तासीर गर्म होती है। इसलिए सर्दियों में अकसर चने का सत्तू खाने की सलाह दी जाती है। ताकि गिरते तापमान के साथ होने वाली स्वास्थ्स संबंधी समस्याओं से बचा जा सके।
इसका उपयोग कई भारतीय व्यंजनों जैसे पराठा, लिट्टी चोखा, दाल बाटी आदि में किया जाता है। इसे शरबत के रूप में और छाछ के साथ भी खाया जाता है।
सत्तू को सूखा भूना जाता है, जिससे सभी पोषक तत्व बने रहते हैं। यह प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज और मैग्नीशियम से भरपूर होता है। सत्तू प्रोटीन का अच्छा स्रोत है और इसे ऊर्जा का पावरहाउस भी माना जाता है।
सत्तू में उच्च मात्रा में अघुलनशील फाइबर होता है जो आंतों के लिए बहुत अच्छा होता है। यह कोलन को साफ करता है। यह पेट फूलना, कब्ज और एसिडिटी, सूजन और अपच जैसी पाचन संबंधी समस्याओं से लड़ने में मदद करता है।
सत्तू एक कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भोजन है और मधुमेह रोगियों के लिए एक बढ़िया विकल्प है। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखता है और रक्तचाप को नियंत्रित करता है। इसमें उच्च फाइबर उच्च कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित लोगों के लिए बहुत अच्छा है।
अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो खाली पेट सत्तू का सेवन शुरू कर दें। यह सूजन को कम करने में मदद करता है और चयापचय को भी बढ़ाता है और कैलोरी को प्रभावी ढंग से बर्न करता है। सत्तू कैल्शियम और कई अन्य खनिजों और आयरन जैसे विटामिन से भरपूर होता है, जो रक्त परिसंचरण में मदद करता है।
सत्तू गर्मियों के दौरान शरीर को हाइड्रेट करने में मदद करता है, जिससे त्वचा में चमक आती है। परंपरागत रूप से सत्तू का उपयोग बालों की समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता रहा है। आयरन से भरपूर, यह बालों के झड़ने को कम करने में मदद करता है। साथ ही बालों की जड़ों में ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाकर बालों की गुणवत्ता में सुधार करता है।
इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में गैस बन सकती है। इसलिए जिन लोगों को गैस्ट्रिक समस्या है, उन्हें इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। साथ ही जिन लोगों को गॉल ब्लैडर में पथरी की समस्या है, उन्हें भी सत्तू के सेवन से बचना चाहिए। इसके अलावा, जिन लोगों को चने से एलर्जी है या जिन्हें पचने में मुश्किल होती है, उन्हें सत्तू खाने से बचना चाहिए।
तो, सत्तू को अपने आहार में ज़रूर शामिल करें!
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