आपने अक्सर कई सारे सलाद और सब्जियों में तिल की गार्निशिंग देखी होगी। काले और सफ़ेद तिल के छोटे-छोटे बीज देखने में जितने छोटे होते हैं, स्वास्थ्य के लिए उतने ही ज्यादा फायदेमंद होते हैं। तिल का कई वर्षों से दवाओं में प्रयोग किया जाता रहा है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन के अनुसार 30 ग्राम तिल ह्रदय रोग, मधुमेह और आर्थराइटिस के जोखिम को कम कर सकते हैं।
फाइबर – 12%
आयरन – 24%
कॉपर – 136%
काल्सिम – 22%
मैग्नीशियम – 25%
मग्नीस – 32%
जिंक – 21%
तिल के बीज मैग्नीशियम में उच्च होते हैं, जिससे निम्न रक्तचाप में मदद मिल सकती है। इसके अतिरिक्त, तिल के बीज में लिग्नांस, विटामिन ई और अन्य एंटीऑक्सीडेंट आपकी आर्टरी में प्लाक बिल्ड अप को रोकने में मदद कर सकते हैं और स्वस्थ रक्तचाप बनाए रख सकते हैं।
तिल के बीज कैल्शियम से भरपूर होते हैं, जो हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। तिल के बीज में प्राकृतिक यौगिक होते हैं, जिन्हें ऑक्सालेट्स और फाइटेट्स, एंटीन्यूट्रिएंट्स कहा जाता है जो इन खनिजों के अवशोषण को कम करते हैं। इन यौगिकों के प्रभाव को सीमित करने के लिए, बीज को भिगोएं, भूनें या अंकुरित करें।
तिल के बीज सूजन से लड़ सकते हैं। लंबे समय तक, शरीर में इन्फ्लेमेशन मोटापे और कैंसर सहित कई बीमारियों का कारण बन सकता है। तिल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर में 50% तक सूजन कम कर सकते हैं। साथ ही, हृदय और गुर्दे की बीमारी के जोखिम को भी कम करता है।
तिल शरीर में लाल और सफ़ेद रक्त कोशिकाएं बढ़ाते हैं। USDA फ़ूड कम्पोजीशन डेटाबेस के अनुसार 30 ग्राम तिल के बीज में 24% आयरन, कॉपर 136% और विटामिन B6 की भरपूर मात्र होती है जिससे हीमोग्लोबिन के स्तर में वृद्धि होती है।
तिल के बीज कार्ब्स में कम होते हैं, जबकि प्रोटीन और स्वस्थ वसा में उच्च। ये सभी ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करते हैं। इसके अतिरिक्त, इन बीजों में पिनोरोसिनॉल होता है। यह एक ऐसा यौगिक है जो पाचन एंजाइम मोलासिस की कार्रवाई को रोककर रक्त शर्करा को विनियमित करने में मदद कर सकता है।
तिल के बीज में लिग्नांस होते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हैं और ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ने में मदद करते हैं। ये एक रासायनिक प्रतिक्रिया है, जो आपकी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है और कई बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकती है।
तिल का सेवन करने के लिए जरूरी नहीं है कि आप हर रोज उनके लड्डू बनाएं। बल्कि तिल को भून कर, भिगो कर या अंकुरित करके भी इनका सेवन किया जा सकता है।
बच्चों का आप सूप या सैंडविच में भी तिल डालकर दे सकती हैं।
सूप या सलाद पर तिल की गार्निंशिंग तिलों के सेवन का सबसे हेल्दी तरीका है।
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